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जब ज़िंदगी ने मुँह मोड़ा और मौत ने भी पहचानने से इनकार...
मिथिला की शान, सांस्कृतिक विरासतों की नगरी, जहाँ की धरती अक्सर कविताओं और संगीत...
जब मधुबनी के भाजपा सांसद अशोक कुमार यादव के बेटे विभूति...
दरभंगा का बंगाली टोला उस शाम कुछ ज़्यादा ही चुप था। आम दिनों में जहां बच्चों की...
जब फेसबुक ने छीना राजू कुमार का सपना और दरभंगा साइबर थाना...
वक़्त बदल रहा है, और बदलते वक़्त के साथ ठगों की चालें भी बदल रही हैं। अब लाठी और...
दरभंगा में अब शराबबंदी नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की गूंज है......
जब दरभंगा की धरती को शराबबंदी की सौगंध दी गई थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा...
बकरीद की मिठास के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस की सख्ती: दरभंगा...
बकरीद के दो दिन बाद, जब शहर की गलियों में त्योहार की मिठास बाकी थी, उसी दौरान दरभंगा...
शहीद को श्रद्धांजलि और डीएम की खोज: जब दरभंगा के मंच पर...
दरभंगा का ऐतिहासिक नेहरू स्टेडियम। मौका था, शहीद सूरज नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर...
दरभंगा में माँ भगवती मंदिर के गर्भगृह में घुसकर सात पिंड...
वह नगरी, जिसे मिथिला की आत्मा कहा जाता है। वह भूमि, जहाँ सुबहें मंत्रों की गूंज...
दरभंगा की गलियों में अब गूंजता है डर, न कि चूड़ियों की...
जब चूड़ियों की खनक किसी गली से गुजरती थी, तो लगता था कि दरभंगा ज़िंदा है। अब उन्हीं...
सिमरी थाने की अंधेरी कोठरी में मरा पंकज या मारा गया? बीमारी...
मिथिला की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राजधानी। जहां साहित्य की आत्मा बसती है, वहीं कुछ...
प्रीति झा की लाश पलंग पर, गले पर फांसी के निशान, आंखों...
दरभंगा की शहरी भीड़-भाड़ में शामिल एनपी मिश्रा चौक की एक गली, जो आमतौर पर चाय की...
प्रीति मर गई, पर उसकी आत्मा आज दरभंगा की सड़कों पर भटक...
प्रीति झा अब इस दुनिया में नहीं है। उसकी मुस्कान, उसका जीवन, उसकी पहचान सबकुछ एक...
फरसे की धार, लाठी की चोट और सत्ता के नशे में चूर एक विधायक;...
राजनीति की चमचमाती गाड़ियों के पीछे अगर सच की रफ्तार थम जाए, तो समझ लीजिए अब न्याय...
कुलसचिव पद पर उलटफेर : मिथिला विश्वविद्यालय में अवकाश की...
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की बंद गलियों और फाइलों की थकी आवाजों के बीच मंगलवार...
दरभंगा की धरती ने झुककर किया नमन कालाजार के वैद्य, डिमेंशिया...
शहर के बीचों-बीच एक मौन हृदय धड़कता है। उसका नाम है बंगाली टोला। यहाँ की गलियों...
"जब लोकतंत्र के नाम पर पुलिसिया कलम ने लिखा सत्ता की सनक...
15 मई 2025 का दिन दरभंगा के राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक इतिहास में एक अनूठा अध्याय...
"शब्दों की बारात और उद्घाटन का शोर, पर दरभंगा के अस्पतालों...
जननायक कर्पूरी ठाकुर चौक की धरती पर रविवार को शब्दों की बारात निकली। मंच सजा, माइक...