दरभंगा में चढ़ा सियासी पारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक ही दिन दरभंगा की जनता से करेंगे संवाद, ग्रामीण में ईश्वर मंडल का नामांकन और शहरी में संजय सरावगी की जनसभा से गूंजेगा मिथिला; NDA का डबल पावर शो बना चुनावी चर्चा का केंद्र!
अभी सूरज ढला भी नहीं कि चौक-चौराहे, नुक्कड़ और पान दुकानों पर चर्चा एक ही “16 अक्टूबर”। मिथिला की इस धरती पर अब सियासी तापमान चढ़ चुका है। दीवारों पर पोस्टर, गली-गली में लाउडस्पीकर की गूंज “नीतीश बाबू आ रहल छैथ!” और दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं के स्वर “केशव मौर्य आ रहल छथि, एनडीए के झंडा ऊँच!” दरभंगा अब सिर्फ़ एक जिला नहीं, बल्कि बिहार चुनाव 2025 का राजनीतिक रणभूमि बन चुका है. पढ़े पूरी खबर........

दरभंगा। अभी सूरज ढला भी नहीं कि चौक-चौराहे, नुक्कड़ और पान दुकानों पर चर्चा एक ही “16 अक्टूबर”। मिथिला की इस धरती पर अब सियासी तापमान चढ़ चुका है। दीवारों पर पोस्टर, गली-गली में लाउडस्पीकर की गूंज “नीतीश बाबू आ रहल छैथ!” और दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं के स्वर “केशव मौर्य आ रहल छथि, एनडीए के झंडा ऊँच!” दरभंगा अब सिर्फ़ एक जिला नहीं, बल्कि बिहार चुनाव 2025 का राजनीतिक रणभूमि बन चुका है।
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जदयू ने खोला मैदान ईश्वर मंडल को टिकट, कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर: बिहार में एनडीए की राजनीति का अगला मोर्चा मिथिला से खुल चुका है। जदयू ने दरभंगा ग्रामीण सीट से अपने जिलाध्यक्ष ईश्वर मंडल को प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी का यह निर्णय कई मायनों में प्रतीकात्मक है क्योंकि हाल ही में प्रदेश नेतृत्व ने गोपाल मंडल को हटाकर ईश्वर मंडल जैसे सामान्य पृष्ठभूमि के कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाया था, और अब उन्हीं पर पूरा भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। घोषणा होते ही जदयू कार्यालय में ढोल-नगाड़ों, पटाखों और जयघोष की आवाज़ गूंज उठी। कई जगहों पर कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई, तो कहीं ‘नीतीश कुमार ज़िंदाबाद’ के नारे सुनाई पड़े। ईश्वर मंडल ने कहा की “हमलोग गरीब घर के सपूत छी। नीतीश जी ने जो विश्वास हमपर जताया है, वो दरभंगा के हर किसान, हर नौजवान, हर मजदूर का सम्मान है। 16 अक्टूबर को नामांकन करब, नीतीश जी खुद दरभंगा आवथिन, आ पोलो मैदान में जनता से सीधा संवाद करथिन।” दरभंगा का पोलो मैदान इस समय युद्धस्तर पर सजाया जा रहा है। स्टेज तैयार, माइक टेस्ट जारी, और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा में पूरा प्रशासन तैनात। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के आगमन पर क्षेत्र में 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की भीड़ जुट सकती है।
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शहर की सियासत में संजय सरावगी की दहाड़ “छठी बार भी जनता का आशीर्वाद मिलेगा”: दूसरी तरफ़ दरभंगा शहरी विधानसभा में भाजपा का किला फिर मज़बूत हो रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी को पार्टी ने एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। छठी बार मैदान में उतरने जा रहे सरावगी ने प्रेसवार्ता में कहा “हमने दरभंगा के विकास को ठहरने नहीं दिया। अब मेट्रो, ओवरब्रिज, एयरपोर्ट विस्तार जैसे काम से शहर को नई पहचान मिली है। जनता एक बार फिर सेवा और काम पर मुहर लगाएगी।” संजय सरावगी का नामांकन बुधवार को होगा। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कई भाजपा सांसद और प्रदेश पदाधिकारी दरभंगा पहुंचेंगे। नामांकन के बाद माड़वारी उच्च विद्यालय मैदान में एक विशाल जनसभा रखी गई है, जिसके लिए भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर आमंत्रण पत्र दे रहे हैं।
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एक दिन में दो जनसभाएं मिथिला की धरती पर NDA की डबल पावर: 16 अक्टूबर को दरभंगा का आसमान सियासी नारों से गूंजेगा। एक ओर पोलो मैदान में नीतीश कुमार की गरज, दूसरी ओर माड़वारी विद्यालय मैदान में केशव प्रसाद मौर्य की हुंकार। दोनों जनसभाओं की तैयारियों को देखकर कहा जा सकता है कि मिथिला इस बार “डबल एनडीए शो” का केंद्र बनने जा रहा है।राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह दिन दरभंगा की राजनीति में आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा क्योंकि पहली बार ऐसा होगा जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री (वह भी दूसरे राज्य के) एक ही दिन, एक ही ज़िले में अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में उतरेंगे।
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जनता में जोश “अब दरभंगा बोलेगा, बिहार सुनेगा”: गांवों में हाट-बाज़ार से लेकर चाय दुकानों तक चर्चा है “नीतीश बाबू आ रहल छथि, केशव जी सेहो!” महिलाएं विकास योजनाओं की चर्चा कर रही हैं, तो युवा बेरोज़गारी और भविष्य को लेकर सवाल उठा रहे हैं।सड़क किनारे पोस्टर झिलमिला रहे हैं “एक बार फिर नीतीश कुमार” और “फिर एक बार भाजपा सरकार।” दरभंगा का माहौल अब चुनावी रण में बदल चुका है। हर मोहल्ले में छोटे-छोटे झंडे, हर दीवार पर नई उम्मीदों के पोस्टर। पान दुकानों पर बहस, चाय के कप के साथ राजनीति का स्वाद मिथिला की सुबह अब सिर्फ़ सूरज से नहीं, नारों से शुरू होती है।
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राजनीतिक निहितार्थ दरभंगा का मूड तय करेगा बिहार का भविष्य: दरभंगा हमेशा से बिहार की राजनीति में मिज़ाज तय करने वाला जिला रहा है। 2010 में भाजपा-जदयू की लहर यहीं से शुरू हुई थी, 2015 में महागठबंधन की परीक्षा भी यहीं से हुई थी, और अब 2025 में फिर से NDA की परीक्षा की घड़ी आ गई है।दरभंगा ग्रामीण और दरभंगा शहरी दोनों सीटों पर एनडीए के बड़े नेता उतर रहे हैं इससे साफ़ है कि पार्टी इस इलाके को सिर्फ़ चुनावी नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश का मैदान मान रही है।
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प्रशासन भी सतर्क, सुरक्षा कड़ी: दोनों कार्यक्रमों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए हैं। दरभंगा पुलिस की विशेष टीम, यातायात व्यवस्था और बम निरोधक दस्ते की तैनाती की जा रही है। डीएम और एसएसपी लगातार तैयारियों का जायज़ा ले रहे हैं ताकि किसी भी भीड़ प्रबंधन की समस्या न हो।नारा गूंज रहा है “मिथिला बोलेगी, बिहार का फैसला होगा!”: दरभंगा अब तैयार है। 16 अक्टूबर को जब एक ओर नीतीश कुमार का काफ़िला उतरेगा, और दूसरी ओर केशव प्रसाद मौर्य की सभा से नारे उठेंगे, तब मिथिला की यह धरती तय करेगी कौन-सा चेहरा, कौन-सी राह, और कौन-सा विचार बिहार के भविष्य का नया अध्याय लिखेगा।