सिंहवाड़ा की लूट का काला सच आख़िर कौन थे वे छह चेहरे जिन्होंने बंदूक की नली पर रखकर 3.50 लाख लूटा? पढ़ें हर आरोपी का पूरा नाम, उनकी गिरफ्तारी, बरामद सामान और वह लंबा आपराधिक इतिहास, जिसने दरभंगा की नींद उड़ा दी…

दरभंगा की शांत धरती पर 24 नवंबर 2025 की वह शाम, मानो अपराधियों ने भय का एक काला अध्याय लिख दिया था। सेंटरल बैंक के सीएसपी संचालक भोला राय, ग्राम कलवारा निवासी, जब रोज की तरह राशि लेकर लौट रहे थे, तभी अंधेरे और दहशत के बीच बन्दूक की नली चमकती हुई निकली और क्षण भर में 3,50,000 रुपये लूट लिए गए. पढ़े पूरी खबर.......

सिंहवाड़ा की लूट का काला सच आख़िर कौन थे वे छह चेहरे जिन्होंने बंदूक की नली पर रखकर 3.50 लाख लूटा? पढ़ें हर आरोपी का पूरा नाम, उनकी गिरफ्तारी, बरामद सामान और वह लंबा आपराधिक इतिहास, जिसने दरभंगा की नींद उड़ा दी…
सिंहवाड़ा की लूट का काला सच आख़िर कौन थे वे छह चेहरे जिन्होंने बंदूक की नली पर रखकर 3.50 लाख लूटा? पढ़ें हर आरोपी का पूरा नाम, उनकी गिरफ्तारी, बरामद सामान और वह लंबा आपराधिक इतिहास, जिसने दरभंगा की नींद उड़ा दी…

दरभंगा की शांत धरती पर 24 नवंबर 2025 की वह शाम, मानो अपराधियों ने भय का एक काला अध्याय लिख दिया था। सेंटरल बैंक के सीएसपी संचालक भोला राय, ग्राम कलवारा निवासी, जब रोज की तरह राशि लेकर लौट रहे थे, तभी अंधेरे और दहशत के बीच बन्दूक की नली चमकती हुई निकली और क्षण भर में 3,50,000 रुपये लूट लिए गए। यह वह क्षण था, जब सिंहवाड़ा की हवा भी ठिठक गई और अपराधियों ने सोचा कि जैसे हर बार, इस बार भी वे कानून की पकड़ से बच जाएंगे। परंतु वे भूल गए कि कानून की साँसें भले धीमी हों, पर उसकी पकड़ लोहे की होती है।

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सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष की रातें निगल गई इस घटना की छाया, तकनीकी जाँच, वैज्ञानिक विश्लेषण और चौबीसों घंटे चलने वाली घेराबंदी का परिणाम: 6 अपराधी गिरफ़्तार, बाइक, मोबाइल, बैग और ₹1,09,500 बरामद: घटना के तुरन्त बाद सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष पु.अ.नि. बसंत कुमार ने तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान का ऐसा जाल बिछाया कि अपराध का हर धागा स्वयं टूटकर सामने आने लगा। मोबाइल की लोकेशन, सीसीटीवी की परछाइयाँ, संदिग्धों की आवाजाही, सुरागों की धूल सबको एक-एक कर जोड़ा गया। और फिर छापामारी की वह रात आई, जब पुलिस ने पूरे इलाके को अपनी गिरफ्त में ले लिया। दरभंगा पुलिस ने 6 अपराधियों को धर दबोचा, जिनकी आंखों में गिरफ्तारी की परछाईं भी नहीं थी।

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गिरफ्तार अपराधियों की सूची: नाम, गांव, और उनके हाथों पर चढ़ा अपराध का रंग:

1. सुमन सौरभ उर्फ सुमन पासवान, उम्र 26 वर्ष, पिता दिनेश पासवान, सा० कमरौली बरामद: मोबाइल और ₹40,000 नगद इस अपराधी का पुराना इतिहास इतना काला है कि उसकी फाइलें भी स्याह हो चुकी होंगी: सदर थाना कांड संख्या 145/18 हथियार, लूट, अपराध का पुराना खिलाड़ी विश्वविद्यालय थाना कांड संख्या 95/23 NDPS एक्ट

2. धर्मवीर कुमार साह, उम्र 25 वर्ष, पिता गणेश साह, कमरौली बरामद: मोबाइल और ₹49,000

3. पिंकु कुमार कमती, उम्र 23 वर्ष, पिता स्वर्गीय अरुण कमती, कमरौली बरामद: मोबाइल, ₹14,000 और लूटा गया बैग (निशानदेही)

4. मो० सलमान, उम्र 23 वर्ष, पिता मो० अली, कमरौली गिरोह का सक्रिय सदस्य

5. आकाश कुमार, उम्र 24 वर्ष, पिता हरिदयाल यादव, बुचामन बरामद: लूट में प्रयुक्त 220 प्लसर बाइक

6. अभिषेक मिश्रा, उम्र 25 वर्ष, पिता सुमन मिश्रा, लालपुर बरामद: मोबाइल और ₹6,500 इस पर भी एक लंबी अपराध डायरी दर्ज है: वारिशनगर थाना कांड 168/25 आर्म्स एक्ट सहित कई गंभीर धाराएँ

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बरामदगी अपराध की नसों में चुभा कानून का काँटा: 4 स्मार्ट फोन, 220सीसी प्लसर मोटरसाइकिल (BR 32 AG 2636) वादी से छिना गया बैग व कागज़ात ₹1,09,500/- नगद पुलिस यह संदेश साफ़ लिख रही है अपराध कितना ही जटिल क्यों न हो, उसका अंत एक ही है कानून का शिकंजा।

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छापामारी दल यह साहस रातों की नींद, दिनों की थकान और कर्तव्य की ज्वाला से जन्म लेता है: पु.अ.नि. बसंत कुमार, थानाध्यक्ष सिंहवाड़ा, पु.अ.नि. अरविन्द कुमार, थानाध्यक्ष सिमरी, पु.अ.नि. ब्रह्मदेव दास, पु.अ.नि. कमलेश कुमार मिश्र, स.अ.नि. नवलेश कुमार, पीटीसी नितीश कुमार, थाना रिजर्व बल एसएसपी ऑफिस की तकनीकी टीम इनके साहस ने यह साबित कर दिया कि अपराध चाहे कितना ही खूंखार क्यों न हो, यदि कानून जाग जाए तो अपराध की उम्र मुट्ठी भर दिनों से ज़्यादा नहीं रहती।

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चेतावनी दरभंगा के अपराधियों के लिए यह घटना ‘अंतिम घंटी’ है: यह कार्रवाई सिर्फ़ एक कांड की सफलता नहीं, बल्कि उन तमाम छायाओं को चेतावनी है जो सोचते हैं कि रात के अंधेरे में अपराध कर कानून को चकमा दे देंगे। दरभंगा पुलिस अब उस मोड पर है जहाँ अपराध केवल पकड़ा नहीं जाता अपराध की जड़ें उखाड़ी जाती हैं, गिरोह तोड़े जाते हैं, और अपराधियों की नींद छिनी जाती है।