अरवल थाने में तैनात दारोगा की हुई मौत, कमरे का दरवाजा तोड़कर निकाला गया शव

अरवल टाउन थाने में तैनात दारोगा की बंद कमरे में मौत हो गई। घर का दरवाजा तोड़कर पुलिस कर्मियों ने दारोगा रमेश कुमार श्रीवास्तव के शव को कमरे से बाहर निकाला और आनन फानन में सदर अस्पताल ले गये जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पढ़ें पूरी खबर

अरवल थाने में तैनात दारोगा की हुई मौत, कमरे का दरवाजा तोड़कर निकाला गया शव

अरवल टाउन थाने में तैनात दरोगा की बंद कमरे में मौत हो गई। दरवाजा तोड़कर पुलिसकर्मियों ने दरोगा रमेश कुमार श्रीवास्तव को कमरे से बाहर निकाला और सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने दरोगा को मृत घोषित कर दिया। मंगलवार की सुबह मोहर्रम पर्व को लेकर दरोगा की ड्यूटी लगाई गई थी। उनके साथ ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी काफी देर तक इंतजार कर रहे थे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें फोन लगाया लेकिन जब वह फोन नहीं उठाए तो इनके बाद पुलिसकर्मी उनके कमरे तक पहुंचे।

पुलिसकर्मियों ने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया अंदर से आवाज नहीं आई तो खिड़की से झांक कर देखा तो बेड पर बेहोशी व्यवस्था में पढ़े हुए हैं इसके बाद पुलिस कर्मियों ने थाना अध्यक्ष को सूचना दी। थाना अध्यक्ष ने दरोगा के कमरे का दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया, पुलिस के द्वारा अब तक कुछ भी बोलने से इनकार किया जा रहा है। दरोगा की मौत के बाद पुलिस महकमे में मातम पसर गई जिले वरीय पुलिस पदाधिकारी सदर अस्पताल पहुंचे। एसपी रोशन कुमार सदर अस्पताल पहुंचकर परिजनों को मौत की सूचना दी।

मृतक दरोगा रमेश कुमार श्रीवास्तव पिता चौकत प्रसाद गोपालगंज जिले के सरकही दुल्ली गांव के रहने वाले थे। मैट्रिक की पढ़ाई के बाद वर्ष 1989 में कॉन्स्टेबल के रूप में बिहार पुलिस में भर्ती हुए। 25 सालों तक पटना स्पेशल ब्रांच में तैनात रहे। 2014 में प्रमोशन होने के बाद सहायक पुलिस अवर निरीक्षक (ऐसी) बने, 2018 में सब इंस्पेक्टर (SI) बने और 30 जनवरी 2019 को अरवल में योगदान दिया। मौत से पहले मेहंदिया थाना करपी थाना और अरवल थाना में अपनी सेवा दी। मृतक दरोगा की पत्नी नीतू कुमारी ग्रहणी हैं। दरोगा की दो बेटी है दोनों बेटी पढ़ाई करती है। मृतक दरोगा तीन भाई हैं। मृतक के एक भाई पुलिस विभाग में वरीय अधिकारी के रूप में तैनात हैं।