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दरभंगा
दरभंगा में मातम की स्याही से लिखा गया बिजली और नफरत का खूनखराबा: ककोढ़ा में करंट बना श्मशान, अकबरपुर में पत्थरों से बहा लहू प्रशासन बना मूक तमाशबीन प्रधान संपादक आशिष कुमार की सनसनीखेज, लहूलुहान और सवाल उठाती रिपोर्ट जिसे पढ़कर आत्मा कांप जाए!

दरभंगा में मातम की स्याही से लिखा गया बिजली और नफरत का...

ये सिर्फ एक खबर नहीं... यह उस मौन पीड़ा का दस्तावेज़ है जो आज भी ककोढ़ा गांव की...

दरभंगा
माँ काली के चरणों में समर्पित 'कालीमणि' का भव्य लोकार्पण: मिथिला की मिट्टी से जन्मी भक्ति की भाषा, मणिकांत झा की लेखनी से निकली आत्मा की पुकार, और लोकजीवन से जुड़े गीतों की एक दिव्य शृंखला

माँ काली के चरणों में समर्पित 'कालीमणि' का भव्य लोकार्पण:...

मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी से।कभी-कभी कोई रचना एक पुस्तक के रूप में नहीं, बल्कि...

दरभंगा
नीतीश बाबू के सपनों में झाड़ू घूमती रही, पर दरभंगा के रामभद्रपुर में झाड़ू कभी आई ही नहीं: पंचायत की अपशिष्ट इकाई में ताले और घास के बीच सिसकती 'हर घर कचरा उठाव योजना' पढ़िए हमारी विशेष रिपोर्ट जो खोलती है सुशासन की पोल!

नीतीश बाबू के सपनों में झाड़ू घूमती रही, पर दरभंगा के रामभद्रपुर...

जब नीतीश कुमार ने बिहार के हर पंचायत को स्वच्छता से जोड़ने का संकल्प लिया था, तब...

दरभंगा
हे ईश्वर! मृत्यु और जीवन का विधान तो तेरे ही हाथ था... पर दरभंगा में एक कलियुगी पुत्र ने तेरे सिंहासन को लांघ लिया बाप को ज़िंदा रहते मरा घोषित कर दिया, माँ भी इस षड्यंत्र में सहभागी बनी, और जब न्याय अंधा होने को था, तभी जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कलम उठाई और इस पापाचार को बेनक़ाब कर दिया! पढ़िए हमारी यह रौंगटे खड़ी कर देने वाली रिपोर्ट जहाँ बेटा बना यमराज और माँ बनी मृत्यु की दाई!

हे ईश्वर! मृत्यु और जीवन का विधान तो तेरे ही हाथ था......

जब खून अपना रिश्ता भूल जाए, जब लालच रिश्तों से बड़ा हो जाए… तब बाप के साँस लेने...

दरभंगा
जब ज़िंदगी ने मुँह मोड़ा और मौत ने भी पहचानने से इनकार किया दरभंगा की गलियों से उठी कबीर सेवा संस्थान की वो चिता, जो इंसानियत की आखिरी लौ बन गई

जब ज़िंदगी ने मुँह मोड़ा और मौत ने भी पहचानने से इनकार...

मिथिला की शान, सांस्कृतिक विरासतों की नगरी, जहाँ की धरती अक्सर कविताओं और संगीत...

मधुबनी
जब मधुबनी के भाजपा सांसद अशोक कुमार यादव के बेटे विभूति यादव ही दरभंगा के बंगाली टोला से रहस्यमयी ढंग से लापता हो जाएं, तो क्या अब भी कोई कह सकता है कि बिहार सुरक्षित है? यह सिर्फ एक गुमशुदगी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव हिला देने वाली ख़ामोशी है... ‘मिथिला जन जन की आवाज़’ की विशेष खोजपरक पड़ताल से उठते वे सवाल जो सत्ता की चुप्पी को चीर रहे हैं!

जब मधुबनी के भाजपा सांसद अशोक कुमार यादव के बेटे विभूति...

दरभंगा का बंगाली टोला उस शाम कुछ ज़्यादा ही चुप था। आम दिनों में जहां बच्चों की...

दरभंगा
जब फेसबुक ने छीना राजू कुमार का सपना और दरभंगा साइबर थाना बना उम्मीद की आख़िरी डोर: ₹8.5 लाख की साइबर ठगी के बाद न्यायालय के आदेश पर ₹2.83 लाख की राशि हुई वापस, शेष की वापसी प्रक्रिया में

जब फेसबुक ने छीना राजू कुमार का सपना और दरभंगा साइबर थाना...

वक़्त बदल रहा है, और बदलते वक़्त के साथ ठगों की चालें भी बदल रही हैं। अब लाठी और...

दरभंगा
दरभंगा में अब शराबबंदी नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की गूंज है... पुलिस की तीन बड़ी कार्रवाईयों ने नशे के साम्राज्य को झकझोरा, पंचायत भवन से लेकर आम के कार्टून तक में छिपा था ज़हर

दरभंगा में अब शराबबंदी नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की गूंज है......

जब दरभंगा की धरती को शराबबंदी की सौगंध दी गई थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा...

दरभंगा
बकरीद की मिठास के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस की सख्ती: दरभंगा में एसएसपी रेड्डी की आंधी, कोतवाली प्रभारी राहुल कुमार की चाय दुकानों तक फैली दबिश बनी चर्चा का केंद्र

बकरीद की मिठास के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस की सख्ती: दरभंगा...

बकरीद के दो दिन बाद, जब शहर की गलियों में त्योहार की मिठास बाकी थी, उसी दौरान दरभंगा...

दरभंगा
शहीद को श्रद्धांजलि और डीएम की खोज: जब दरभंगा के मंच पर नीतीश कुमार ने मंच संचालन, मज़ाक और मर्यादा का कॉकटेल परोसा, और उपमुख्यमंत्री को मुस्कुराहट के साथ उठाकर जनता को राजनीति का रंगमंच दिखाया पढ़ें इस खास रिपोर्ट में वह हर क्षण जब प्रशासनिक अनुशासन बना आम जन की हँसी का कारण!

शहीद को श्रद्धांजलि और डीएम की खोज: जब दरभंगा के मंच पर...

दरभंगा का ऐतिहासिक नेहरू स्टेडियम। मौका था, शहीद सूरज नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर...

दरभंगा
दरभंगा में माँ भगवती मंदिर के गर्भगृह में घुसकर सात पिंड तोड़े गए, रक्त के छींटे और टूटी आस्था के बीच दहशत में मदारपुर: मंदिर में घुसा चंडाल, CCTV से खुला राज, आरोपी किशोर मानसिक बीमार शहर में तनाव, छह थानों की पुलिस तैनात!

दरभंगा में माँ भगवती मंदिर के गर्भगृह में घुसकर सात पिंड...

वह नगरी, जिसे मिथिला की आत्मा कहा जाता है। वह भूमि, जहाँ सुबहें मंत्रों की गूंज...

दरभंगा
दरभंगा की गलियों में अब गूंजता है डर, न कि चूड़ियों की खनक विश्वविद्यालय थाना के SHO सुधीर कुमार और लहेरियासराय थाना के SHO अमित कुमार के क्षेत्र में महिलाओं को अब कहना पड़ रहा है: 'मत पहनो चैन... कहीं कोई Apachi बाइक वाले न आ जाए!' पढ़िए एक ऐसी रिपोर्ट जो आपको झकझोर देगी, डर की जड़ तक ले जाएगी और सुरक्षा के खोखले दावों की पोल खोल देगी...

दरभंगा की गलियों में अब गूंजता है डर, न कि चूड़ियों की...

जब चूड़ियों की खनक किसी गली से गुजरती थी, तो लगता था कि दरभंगा ज़िंदा है। अब उन्हीं...

दरभंगा
सिमरी थाने की अंधेरी कोठरी में मरा पंकज या मारा गया? बीमारी का बहाना बना 'सिस्टम', लेकिन पोस्टमार्टम की चीत्कारों ने उधेड़ दी इंसाफ की लाश! चार साल आठ महीने बाद जब उठी कानून की गर्दन, तो थानेदार से जवान तक हर चेहरा बेनकाब अब नहीं छुपेगा कोई!

सिमरी थाने की अंधेरी कोठरी में मरा पंकज या मारा गया? बीमारी...

मिथिला की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राजधानी। जहां साहित्य की आत्मा बसती है, वहीं कुछ...

दरभंगा
प्रीति झा की लाश पलंग पर, गले पर फांसी के निशान, आंखों में अंतिम सिसकियां दस दिन बीत गए, पति अब भी गायब, SDPO बोले 'जांच गंभीर है', पर अमरनाथ झा की आंखें पूछ रही हैं... क्या किसी बेटी की मौत के बाद भी कानून इतना सुस्त हो सकता है? क्या पुलिस का भरोसा सिर्फ बयानों तक सीमित है? क्या एक पिता का टूटा विश्वास कभी फिर से जुड़ पाएगा?

प्रीति झा की लाश पलंग पर, गले पर फांसी के निशान, आंखों...

दरभंगा की शहरी भीड़-भाड़ में शामिल एनपी मिश्रा चौक की एक गली, जो आमतौर पर चाय की...

दरभंगा
प्रीति मर गई, पर उसकी आत्मा आज दरभंगा की सड़कों पर भटक रही है… हर दीवार पर लिखा है ‘इसे आत्महत्या मत कहो, ये हत्या है!’ डीजीपी श्री विनय कुमार जी, अब ये आपके निर्णय की घड़ी है…या तो प्रीति को न्याय दीजिए, या यह स्वीकार कीजिए कि सिस्टम अब केवल ताकतवरों का गुलाम है!

प्रीति मर गई, पर उसकी आत्मा आज दरभंगा की सड़कों पर भटक...

प्रीति झा अब इस दुनिया में नहीं है। उसकी मुस्कान, उसका जीवन, उसकी पहचान सबकुछ एक...

दरभंगा
फरसे की धार, लाठी की चोट और सत्ता के नशे में चूर एक विधायक; 6 साल तक इंसाफ की राह तकती रही दरभंगा की माटी, और अब अदालत ने दिखाया कि लोकतंत्र में चाहे जितना ऊँचा सिंहासन हो, अपराधी को मिलती है जगह सिर्फ जेल में

फरसे की धार, लाठी की चोट और सत्ता के नशे में चूर एक विधायक;...

राजनीति की चमचमाती गाड़ियों के पीछे अगर सच की रफ्तार थम जाए, तो समझ लीजिए अब न्याय...