हाउसिंग कॉलोनी में गूंज उठी जूतों की ठक-ठक.... कतार में खड़ी सरकारी गाड़ियों के बीच टूटी सुबह की खामोशी... विजिलेंस की टीम ने PWD अभियंता प्रणव कुमार के किराए के घर पर बोला धावा बरामद हुई नकदी, दस्तावेज़ और विभागीय सच का काला चेहरा! दरभंगा में भ्रष्टाचार के गढ़ पर कानून का कहर... पढ़िए विजिलेंस की ये पूरी कहानी सिर्फ़ हमारे इस रिपोर्ट में, ‘मिथिला जन जन की आवाज’ पर!
आज सुबह दरभंगा जिले के हाउसिंग कॉलोनी स्थित एक किराए के मकान के बाहर अचानक खामोशी टूट गई। सरकारी गाड़ियों का काफिला रुका, सादी वर्दी में उतरे अफसरों की तेज़ नज़रों ने गली की हवा को चीर दिया। लोग समझ ही नहीं पाए कि यह किसके दरवाजे पर कानून ने दस्तक दी है। कुछ ही मिनटों में साफ़ हो गया विजिलेंस विभाग की टीम बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार के ठिकाने पर छापा मार चुकी है। मकान मालिक और आस-पड़ोस के लोग अवाक!..... पढ़े पूरी खबर.......

दरभंगा: आज सुबह दरभंगा जिले के हाउसिंग कॉलोनी स्थित एक किराए के मकान के बाहर अचानक खामोशी टूट गई। सरकारी गाड़ियों का काफिला रुका, सादी वर्दी में उतरे अफसरों की तेज़ नज़रों ने गली की हवा को चीर दिया। लोग समझ ही नहीं पाए कि यह किसके दरवाजे पर कानून ने दस्तक दी है। कुछ ही मिनटों में साफ़ हो गया विजिलेंस विभाग की टीम बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार के ठिकाने पर छापा मार चुकी है। मकान मालिक और आस-पड़ोस के लोग अवाक! कोई कुछ नहीं बोल पा रहा था, बस यह समझ गया कि जो कल तक विभाग में “पावर का प्रतीक” समझा जाता था, आज उसी की बिजली उतर चुकी है।
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सुबह-सुबह टूटी हाउसिंग कॉलोनी की खामोशी: सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस की यह कार्रवाई अचानक नहीं थी। कई दिनों से विभाग को गुप्त शिकायत मिल रही थी कि प्रणव कुमार की आय और जीवनशैली में भारी असमानता है। इसी सूचना के आधार पर टीम ने गुप्त निगरानी शुरू की और आज सुबह यह कदम उठाया गया। टीम ने जैसे ही मकान के भीतर प्रवेश किया, कमरे-दर-कमरे तलाशी शुरू हो गई। आलमारी खुली, फाइलें बिखरीं, और काग़ज़ों की तहों में छिपी कहानी सामने आने लगी। नकदी, दस्तावेज़ और कुछ ऐसी सामग्री मिली जो जांच का रुख बदल सकती है।
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कानून के शिकंजे में अभियंता, पूछताछ जारी: विजिलेंस टीम ने कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार को मौके से हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही विभाग के दो अन्य कर्मियों को भी बुलाकर प्रारंभिक पूछताछ की जा रही है। जांच अधिकारियों का कहना है “यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर की गई है। जांच पूरी होने के बाद ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।” प्रणव कुमार, जो दरभंगा के PWD बिल्डिंग में पदस्थ थे, बीते कुछ समय से हाउसिंग कॉलोनी में किराए पर रह रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, उनके पास कई प्रोजेक्ट्स की फाइलें थीं जिन पर विभागीय अनियमितता के आरोप पहले से मंडरा रहे थे।
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भ्रष्टाचार का धुआं, जो अब आग बन चुका है: दरभंगा की इस कार्रवाई ने पूरे विभाग में हलचल मचा दी है।कार्यालयों के गलियारों में अब फुसफुसाहट है “किसकी बारी अगली?” यह वही विभाग है जहाँ वर्षों से फाइलें अपने वज़न से नहीं, ‘रिश्तों’ और ‘रक़म’ के आधार पर चलती रही हैं। विजिलेंस की यह छापेमारी सिर्फ़ एक घर की तलाशी नहीं, बल्कि एक युग की पोल खोल है जहाँ पद का अर्थ शक्ति नहीं, बल्कि सौदेबाज़ी का प्रतीक बन गया था।
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‘मिथिला जन जन की आवाज’ की खोज में जो झूठ नहीं बोलता: यह पहली बार नहीं जब मिथिला की मिट्टी ने भ्रष्टाचार का चेहरा देखा हो, लेकिन हर बार कुछ नए चेहरे उस बदनुमा मुखौटे के पीछे से झाँकते हैं। ‘मिथिला जन जन की आवाज’ ने हमेशा उन परतों को उधेड़ा है जहाँ सच्चाई को दबाने की कोशिश की गई। आज की यह छापेमारी इस बात की गवाही है कि कानून चाहे देर से चले, पर चलता ज़रूर है।
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जनता की जुबान पर एक ही सवाल क्या यह शुरुआत है या अंत: लोगों की निगाहें अब विजिलेंस की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या प्रणव कुमार से पूछताछ के बाद और भी नाम सामने आएंगे? क्या यह महज़ एक अधिकारी का मामला है या एक सुनियोजित तंत्र का हिस्सा? प्रशासन ने अभी कुछ नहीं कहा, पर शहर की हवा में यह चर्चा गूंज रही है। बिजली विभाग का करंट अब सिस्टम के तारों में नहीं, कानून की गिरफ्त में दौड़ रहा है। विजिलेंस की टीम दस्तावेज़ों की जांच में जुटी है, पूछताछ जारी है और विभागीय हलकों में मची हलचल अपने चरम पर है। दरभंगा के लोग अब एक ही बात कह रहे हैं “जो ईमानदारी को खेल समझेगा, उसके लिए खेल का मैदान अब जेल की कोठरी बनेगा।” थोड़ी देर में ‘मिथिला जन जन की आवाज’ पर पढ़िए दूसरा हिस्सा, फाइलों की तहों में छिपे राज़ प्रणव कुमार की संपत्ति, विभागीय जाल और विजिलेंस के हाथ लगी गुत्थी की अंदरूनी कहानी…