कर्तव्य बनाम कोताही बहेड़ी थाना में रात्रि गश्ती के दौरान डायल-112 पर प्रतिनियुक्त स०अ०नि० एजाज खां नींद के आगोश में सोते पकड़े गए, एसडीपीओ बेनीपुर की रिपोर्ट पर वरीय पुलिस अधीक्षक दरभंगा ने दिखाई अनुशासनात्मक कार्रवाई, तत्काल निलंबित कर पुलिस केंद्र में किया हाजिर
दरभंगा पुलिस की ओर से सोमवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति संख्या-03 ने पूरे जिले में पुलिस अनुशासन और जिम्मेदारी पर गहरी बहस छेड़ दी है। इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि बहेड़ी थाना में डायल-112 पर प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी सहायक अवर निरीक्षक (स०अ०नि०) एजाज खां को कर्तव्य में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय पुलिस केंद्र दरभंगा बनाया गया है. पढ़े पुरी खबर........

दरभंगा, 01 सितम्बर 2025। दरभंगा पुलिस की ओर से सोमवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति संख्या-03 ने पूरे जिले में पुलिस अनुशासन और जिम्मेदारी पर गहरी बहस छेड़ दी है। इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि बहेड़ी थाना में डायल-112 पर प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी सहायक अवर निरीक्षक (स०अ०नि०) एजाज खां को कर्तव्य में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय पुलिस केंद्र दरभंगा बनाया गया है।
advertisement
जांच की पृष्ठभूमि: 21 अगस्त 2025 की रात, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) बेनीपुर द्वारा गश्ती और रात्रि निरीक्षण किया गया। इस दौरान जब वे बहेड़ी थाना क्षेत्र पहुंचे तो पुलिस की तत्परता और ड्यूटी अनुशासन की जांच की गई। लेकिन नतीजा हैरान करने वाला था डायल-112 पर प्रतिनियुक्त स०अ०नि० एजाज खां, थाना के पास बने ब्लॉक भवन में गहरी नींद में सोए हुए पाए गए। जहां एक ओर डायल-112 जैसी सेवा का मकसद है कि किसी भी आपातकालीन सूचना पर “एक कॉल, तुरंत मदद” उपलब्ध हो सके, वहीं उसके जिम्मेदार पदाधिकारी का इस तरह ड्यूटी के दौरान सो जाना, पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
निलंबन और मुख्यालय परिवर्तन: एसडीपीओ बेनीपुर द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन को गंभीरता से लेते हुए, वरीय पुलिस अधीक्षक दरभंगा ने एजाज खां को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उनका मुख्यालय पुलिस केंद्र, दरभंगा निर्धारित कर दिया गया है, ताकि वे किसी थाने या ड्यूटी पर सीधे तौर पर सक्रिय न रहें और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच पूरी की जा सके।
advertisement
पुलिस प्रशासन का सख्त संदेश: यह कार्रवाई केवल एक व्यक्ति पर हुई अनुशासनात्मक सजा नहीं है, बल्कि यह पूरे जिले की पुलिस व्यवस्था के लिए चेतावनी का संदेश है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की यह पहल स्पष्ट करती है कि:
कर्तव्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।
रात्रि गश्ती और डायल-112 जैसी सेवाओं पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
दरभंगा जैसे बड़े जिले में जहां अपराध नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था लगातार चुनौती बनी रहती है, वहां पुलिस पदाधिकारियों की थोड़ी भी लापरवाही पूरे प्रशासन की छवि धूमिल कर सकती है।
advertisement
जनता की अपेक्षा और पुलिस की जिम्मेदारी: आज जनता डायल-112 नंबर को “आपातकालीन जीवनरेखा” मानती है। चाहे सड़क दुर्घटना हो, छेड़खानी की घटना, चोरी-डकैती या फिर किसी अन्य प्रकार की आपराधिक स्थिति सबसे पहले लोग इसी सेवा पर भरोसा कर पुलिस की मदद मांगते हैं। ऐसे में यदि उसी ड्यूटी पर तैनात पुलिस पदाधिकारी नींद में पाया जाए तो यह जन-विश्वास के साथ खिलवाड़ है।
advertisement
अनुशासन की नई परिभाषा: पिछले कुछ महीनों से दरभंगा पुलिस लगातार अपराध नियंत्रण, गश्ती व्यवस्था और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कई अभियानों में सक्रिय रही है। लेकिन इस घटना ने यह दिखा दिया कि अंदरूनी अनुशासन और निष्ठा उतनी ही जरूरी है, जितनी बाहरी कार्रवाई। एसएसपी का यह कदम एक संदेश है कि “पुलिस यूनिफॉर्म केवल पहनने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती, बल्कि चौबीसों घंटे सजग रहकर जनता की सेवा ही असली पहचान है।”
advertisement
बहेड़ी थाना में हुई इस घटना से यह साफ हो गया है कि अनुशासनहीनता और ड्यूटी में लापरवाही को अब किसी भी कीमत पर दरभंगा पुलिस सहन नहीं करेगी। यह निलंबन न केवल एजाज खां के लिए सजा है, बल्कि पूरे पुलिस महकमे के लिए एक आईना भी है जिसमें वे अपनी जिम्मेदारी, निष्ठा और जनता के भरोसे को साफ-साफ देख सकते हैं।