दरभंगा में अब शराबबंदी नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की गूंज है... पुलिस की तीन बड़ी कार्रवाईयों ने नशे के साम्राज्य को झकझोरा, पंचायत भवन से लेकर आम के कार्टून तक में छिपा था ज़हर
जब दरभंगा की धरती को शराबबंदी की सौगंध दी गई थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि पंचायत सरकार भवन, आम के कार्टून और पंजाब के नंबर वाले ट्रकों की आड़ में यह ज़हर गुपचुप उतर आएगा। पर अब हालात बदल रहे हैं। अब दरभंगा की पुलिस नींद में नहीं, अलर्ट मोड में है... और माफियाओं के लिए ये धरती 'जंगल' नहीं, जलता हुआ 'अंगारा' बन चुकी है. पढ़े पुरी खबर.......

दरभंगा: जब दरभंगा की धरती को शराबबंदी की सौगंध दी गई थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि पंचायत सरकार भवन, आम के कार्टून और पंजाब के नंबर वाले ट्रकों की आड़ में यह ज़हर गुपचुप उतर आएगा। पर अब हालात बदल रहे हैं। अब दरभंगा की पुलिस नींद में नहीं, अलर्ट मोड में है... और माफियाओं के लिए ये धरती 'जंगल' नहीं, जलता हुआ 'अंगारा' बन चुकी है। बीते कुछ दिनों में दरभंगा पुलिस ने जिस तरह शराब माफियाओं की कमर तोड़ी है, वह एक बड़ी प्रशासनिक दस्तक है। दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक के स्पष्ट निर्देश और एसडीपीओ की रणनीतिक निगरानी में तीन बड़ी कार्रवाइयाँ की गईं, जिनसे शराब तस्करी की रीढ़ हिल चुकी है।
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पहली दस्तक: आम के कैरेट में छिपाया गया ज़हर (केवटी थाना क्षेत्र) कुछ दिन पहले जब केवटी थाना पुलिस ने रात्रि में एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई की, तो आम के कैरेट में छिपाकर ले जाई जा रही शराब की खेप सामने आई। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि फल की मिठास में इतना तीखा ज़हर छिपाया जा सकता है। इस कार्रवाई में कुल 1074.42 लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। यद्यपि कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी, पर इसने माफियाओं के प्रयोगशाला-नुमा दिमाग की बुनियाद को उजागर कर दिया।
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दूसरी दस्तक: पंचायत सरकार भवन बना शराब का गोदाम (कमतौल थाना क्षेत्र) जाले प्रखंड के ब्रह्मपुर पूर्वी पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माणाधीन था। आम जन को नहीं पता था कि इस भवन का स्टोररूम 'सरकार' नहीं, 'सराब' के नाम पर इस्तेमाल हो रहा है। दरअसल पंजाब से आई एक ट्रक ने 4578 लीटर विदेशी शराब वहीं स्टोर कर दी। एक पिकअप पर कुछ बोतलें चढ़ाई गईं, और सब कुछ ऐसे छिपा हुआ था जैसे कभी कुछ हुआ ही नहीं। पर तकनीकी सेल की पैनी नजर और कमतौल पुलिस की तत्परता ने माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया। एक ट्रक और पिकअप जब्त हुआ। ट्रक चालक गिरफ्तार हुआ, और अब उसकी गिरफ्त से पूरी शराब लॉबी की परतें खुल रही हैं।
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तीसरी दस्तक: सिमरी चौक पर अलसुबह शराब से लदा ट्रक जब्त (सिमरी थाना क्षेत्र) और अब आज, सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर, जब पूरा शहर नींद में था, सिमरी थाना पुलिस ने बिहार मद्य निषेध इकाई पटना से प्राप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई कर दी। सिमरी चौक के पास एक ट्रक को रोका गया। उसमें 293 कार्टून विदेशी शराब मिली, जिसकी कुल मात्रा 2619.72 लीटर थी। ट्रक चालक सुखदेव सिंह, जो पंजाब के गुरदासपुर जिले का निवासी है, को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने ट्रक, एक मोबाइल और GPS डिवाइस भी जब्त किया। यह कार्रवाई दर्शाती है कि शराब का धंधा अब सीमाओं से नहीं बंधा यह एक संगठित नेटवर्क है जो अब दरभंगा पुलिस के निशाने पर है।
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तीनों घटनाएं एक ही चेतावनी देती हैं: अब कोई भी माफिया सुरक्षित नहीं केवटी के आम, कमतौल का पंचायत भवन, और सिमरी की रात तीनों मामलों में एक बात समान थी: माफिया का दुस्साहस और पुलिस की तेजी। दरभंगा पुलिस की इस त्रिकोणीय कार्रवाई ने यह प्रमाणित कर दिया है कि अब कोई भी शराब का खेप, चाहे वह किसी भी शक्ल में हो फलों में छिपी हो या भवन में बंद नहीं बचेगी।
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एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी की निगरानी में चल रही इस मुहिम ने शराब माफियाओं के लिए नींद हराम कर दी है। आनेवाले दिनों में यह और सघन होगा, और शायद वह दिन दूर नहीं जब दरभंगा से शराब का यह काला धंधा पूरी तरह खत्म होगा।
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अब दरभंगा की मिट्टी से उठती है पुलिसिया पदचाप की वह गर्जना, जिसने शराब के कारोबारियों की नींद हराम कर दी है... एसएसपी दरभंगा के एक के बाद एक प्रचंड एक्शन ने तस्करी की उस गंदी नली को बंद करना शुरू कर दिया है, जहाँ से माफिया नशे का ज़हर इस पावन नगर में उतारते थे। पहले आम के कार्टून में छुपाई गई शराब को केवटी पुलिस ने धर दबोचा, फिर पंचायत भवन में छिपी 4578 लीटर की तस्करी को कमतौल पुलिस ने उजागर किया, और अब सिमरी में अलसुबह 2 बजकर 25 मिनट पर 2619 लीटर विदेशी शराब की खेप जब्त कर यह साबित कर दिया गया है कि दरभंगा की पुलिस अब समझौता नहीं, संहार कर रही है। दरभंगा अब माफियाओं का बाजार नहीं, कानून की लाठी की टंकार बन चुका है।
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शराब माफिया सुन लें या तो यह धंधा छोड़ दें, या दरभंगा की सीमा छोड़ने की तैयारी कर लें... क्योंकि अब यह ज़मीन तुम्हारे लिए ‘धरती’ नहीं, गिरफ्तारी का मैदान है... और एसएसपी दरभंगा का नाम अब तस्करों के लिए किसी डरावने स्वप्न से कम नहीं!"
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शराबबंदी का कानून कागज़ों से निकलकर अब ज़मीन पर उतरा है। दरभंगा पुलिस की यह तीन बड़ी कार्रवाइयाँ साबित करती हैं कि अब अगर कोई शराब बेचता, ढोता या छिपाता है, तो वह बच नहीं सकता। अब कार्रवाई होती है, और वह भी ऐसी जो माफियाओं की नींव तक को उखाड़ दे। क्योंकि दरभंगा अब खामोश नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की आवाज़ में गूंज रहा है।