भोर से पहले गोलियों की तड़तड़ाहट, अंधेरे में टूटा अपराध का साम्राज्य दरभंगा पुलिस ने अंतरराज्यीय चोर गिरोह को किया नेस्तनाबूद, सात शातिर धराए, अवैध हथियारों और जिंदा कारतूस के साथ 11 किलो से अधिक चोरीशुदा चांदी बरामद; बिहार से उत्तर प्रदेश तक फैले संगठित अपराध के काले सच को पढ़िए इस विशेष समाचार में…

अपराध की दुनिया अक्सर अंधेरे में फलती-फूलती है, लेकिन 12 दिसंबर की भोर ने उस अंधेरे को चीर दिया। सुबह करीब 04:20 बजे जैसे ही धनश्यामपुर थाना को सूचना मिली कि जमालपुर थाना क्षेत्र के किरतपुर गांव से 6–7 संदिग्ध व्यक्ति चोरी की वारदात को अंजाम देकर धनश्यामपुर की ओर बढ़ रहे हैं, पुलिस हरकत में आ गई। सूचना साधारण नहीं थी यह अंतरराज्यीय गिरोह की हलचल थी, जिसके पीछे महीनों की चुप्पी और कई जिलों की सिहरन छुपी हुई थी. पढ़े पूरी खबर.......

भोर से पहले गोलियों की तड़तड़ाहट, अंधेरे में टूटा अपराध का साम्राज्य दरभंगा पुलिस ने अंतरराज्यीय चोर गिरोह को किया नेस्तनाबूद, सात शातिर धराए, अवैध हथियारों और जिंदा कारतूस के साथ 11 किलो से अधिक चोरीशुदा चांदी बरामद; बिहार से उत्तर प्रदेश तक फैले संगठित अपराध के काले सच को पढ़िए इस विशेष समाचार में…
भोर से पहले गोलियों की तड़तड़ाहट, अंधेरे में टूटा अपराध का साम्राज्य दरभंगा पुलिस ने अंतरराज्यीय चोर गिरोह को किया नेस्तनाबूद, सात शातिर धराए, अवैध हथियारों और जिंदा कारतूस के साथ 11 किलो से अधिक चोरीशुदा चांदी बरामद; बिहार से उत्तर प्रदेश तक फैले संगठित अपराध के काले सच को पढ़िए इस विशेष समाचार में…

दरभंगा: अपराध की दुनिया अक्सर अंधेरे में फलती-फूलती है, लेकिन 12 दिसंबर की भोर ने उस अंधेरे को चीर दिया। सुबह करीब 04:20 बजे जैसे ही धनश्यामपुर थाना को सूचना मिली कि जमालपुर थाना क्षेत्र के किरतपुर गांव से 6–7 संदिग्ध व्यक्ति चोरी की वारदात को अंजाम देकर धनश्यामपुर की ओर बढ़ रहे हैं, पुलिस हरकत में आ गई। सूचना साधारण नहीं थी यह अंतरराज्यीय गिरोह की हलचल थी, जिसके पीछे महीनों की चुप्पी और कई जिलों की सिहरन छुपी हुई थी।

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घेराबंदी, गोलीबारी और गिरफ्तारी: सूचना के सत्यापन और त्वरित कार्रवाई के लिए धनश्यामपुर थाना की टीम दलबल के साथ ग्राम दौघरा पहुंची। पुलिस वाहन को देखते ही संदिग्धों ने गोलीबारी शुरू कर दी और इधर-उधर भागने लगे। लेकिन इस बार किस्मत अपराधियों के साथ नहीं थी। ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी कर कुल सात संदिग्धों को धर दबोचा। यह केवल गिरफ्तारी नहीं थी, यह उस नेटवर्क पर चोट थी जो बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक चोरी, लूट और अवैध हथियारों के सहारे अपना साम्राज्य खड़ा कर चुका था।

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कौन हैं पकड़े गए अपराधी: गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं: बुद्ध पाल सिंह (65 वर्ष) वीर सिंह (30 वर्ष) प्रसादी (55 वर्ष) धर्मपाल (25 वर्ष) सेवा सिंह (32 वर्ष) मंगल सिंह उर्फ मट (31 वर्ष) सभी थाना नगई, जिला शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) कन्हैया लाल (34 वर्ष) थाना सौंपी, जिला हाथरस (उत्तर प्रदेश) पूछताछ में इन सभी ने जमालपुर थाना क्षेत्र के किरतपुर बाजार स्थित एक ज्वेलरी दुकान में चोरी करने की बात स्वीकार की। यहीं नहीं, बल्कि दरभंगा जिले के बहादेहड़ा, लहेरियासराय सहित अन्य थाना क्षेत्रों में भी चोरी की घटनाओं में अपनी संलिप्तता कबूल की।

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बरामदगी: अपराध का पूरा सामान: तलाशी के दौरान पुलिस के हाथ जो लगा, वह इस गिरोह की खतरनाक मंशा को उजागर करने के लिए काफी था 02 अवैध आग्नेयास्त्र, 05 जिंदा कारतूस, 01 खाली खोखा, 01 पिलेट, करीब 11 किलोग्राम चांदी की चोरीशुदा ज्वेलरी, मोबाइल फोन, ताला व शटर तोड़ने के औजार, ज्वेलरी बैग, रसीद बुक और सीसीटीवी कैमरा, इतना ही नहीं, आरोपियों की निशानदेही पर समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाना अंतर्गत रामभद्र स्टेशन के नीचे गाछी से उनके अस्थायी ठिकाने पर छिपाकर रखी गई 9.146 किलोग्राम चांदी भी बरामद की गई।

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अपराध का पुराना इतिहास: जांच में सामने आया कि गिरोह के कुछ सदस्य पहले से ही आपराधिक इतिहास रखते हैं। प्रसादी के खिलाफ बरेली (उ.प्र.) के इज्जतनगर थाना में गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है। वीर सिंह पर पीलीभीत जिले के बीसलपुर थाना में आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है। अन्य आरोपियों के आपराधिक इतिहास की गहन जांच जारी है।

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पुलिस टीम की सधी हुई कार्रवाई: इस पूरे अभियान में दरभंगा पुलिस के कई थाना क्षेत्रों और अनुमंडलों की संयुक्त टीम शामिल रही। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की तत्परता का उदाहरण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि दरभंगा अब अंतरराज्यीय अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रहा। यह कार्रवाई केवल सात अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस डर का अंत है जो ज्वेलरी दुकानदारों, व्यापारियों और आम नागरिकों के मन में बैठा हुआ था। अवैध हथियारों, गोलियों और चोरी की चांदी के साथ पकड़े गए ये चेहरे अब कानून के शिकंजे में हैं।दरभंगा पुलिस की यह सफलता बताती है कि यदि सूचना, साहस और सामूहिक प्रयास एक साथ हों, तो अपराध चाहे जितना संगठित क्यों न हो उसका अंत तय है।