दरभंगा की माटी से उठा सत्ता-संकल्प: सैकड़ों गाड़ियों के काफ़िले, केसरिया जोश और कार्यकर्ता-विश्वास के साथ पटना रवाना हुए भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी, संगठन को नई धार देने का किया ऐलान
दरभंगा की धरती गुरुवार को एक अलग ही ऊर्जा से धड़क रही थी। सर्द सुबह, धुंध के बीच केसरिया रंग में रंगी सड़कों पर जब भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी अपने दरभंगा स्थित आवास से पटना के लिए रवाना हुए, तो वह केवल एक यात्रा नहीं थी वह संगठन, संकल्प और सत्ता-संतुलन को नए सिरे से गढ़ने की शुरुआत थी। सैकड़ों वाहनों का लंबा काफिला, “भारत माता की जय” और “भाजपा जिंदाबाद” के नारों से गूंजता वातावरण, और कदम-कदम पर उमड़ता कार्यकर्ताओं का उत्साह यह दृश्य मिथिला के राजनीतिक इतिहास में एक और अध्याय जोड़ता दिखा. पढ़े पूरी खबर.......
दरभंगा की धरती गुरुवार को एक अलग ही ऊर्जा से धड़क रही थी। सर्द सुबह, धुंध के बीच केसरिया रंग में रंगी सड़कों पर जब भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी अपने दरभंगा स्थित आवास से पटना के लिए रवाना हुए, तो वह केवल एक यात्रा नहीं थी वह संगठन, संकल्प और सत्ता-संतुलन को नए सिरे से गढ़ने की शुरुआत थी। सैकड़ों वाहनों का लंबा काफिला, “भारत माता की जय” और “भाजपा जिंदाबाद” के नारों से गूंजता वातावरण, और कदम-कदम पर उमड़ता कार्यकर्ताओं का उत्साह यह दृश्य मिथिला के राजनीतिक इतिहास में एक और अध्याय जोड़ता दिखा।

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पटना रवाना होने से पूर्व दरभंगा में उनका भव्य स्वागत हुआ। पूर्व मंत्री रामसूरत राय, सुपौल और मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों के जिलाध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इस अवसर पर मौजूद रहे। मिथिला की समृद्ध परंपरा का प्रतीक पाग, चादर और मखाना की माला संजय सरावगी के कंधों पर सजी, तो यह साफ संदेश था कि यह नेतृत्व जड़ों से जुड़ा है, और उसकी राह मिथिला की माटी से होकर गुजरती है। यह स्वागत केवल औपचारिक नहीं, बल्कि उस भरोसे की अभिव्यक्ति था, जो संगठन ने अपने नए कप्तान पर जताया है। इस अवसर पर संजय सरावगी का संबोधन संयत, स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करना और सरकार व पार्टी के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उनके शब्दों में आत्मविश्वास था, और स्वर में जिम्मेदारी का अहसास। उन्होंने साफ किया कि संगठन के विस्तार और मजबूती के लिए एक स्पष्ट रोडमैप के साथ काम किया जाएगा ऐसा रोडमैप, जिसमें बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्णायक होगी।

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संजय सरावगी ने यह भी रेखांकित किया कि भाजपा की ताकत उसका कार्यकर्ता है। कार्यकर्ताओं को साथ लेकर, उनकी आवाज़ सुनकर और उन्हें निर्णय प्रक्रिया में सहभागी बनाकर ही पार्टी को और सशक्त बनाया जा सकता है, उनके इस कथन ने मौजूद कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भर दिया। यह संकेत था कि आने वाले दिनों में संगठनात्मक संवाद, अनुशासन और समन्वय पर विशेष जोर दिया जाएगा। दरभंगा से पटना की यह यात्रा प्रतीकों से भरी थी। एक ओर मिथिला की सांस्कृतिक गरिमा, दूसरी ओर प्रदेश स्तर पर संगठन की बड़ी जिम्मेदारी। काफिले में शामिल युवा कार्यकर्ता हों या अनुभवी नेता हर चेहरे पर उम्मीद की चमक थी। सभी को विश्वास था कि यह नेतृत्व केवल पद की शोभा नहीं बढ़ाएगा, बल्कि जमीन पर संगठन को धार देगा।

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राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में यह क्षण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार की राजनीति एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है। ऐसे समय में भाजपा संगठन का मजबूत, अनुशासित और सक्रिय होना पार्टी की रणनीति का मूल आधार बनेगा। संजय सरावगी की प्राथमिकताएं संगठनात्मक मजबूती, सरकार-पार्टी समन्वय और कार्यकर्ता-केंद्रित राजनीति इसी दिशा की ओर इशारा करती हैं। दरभंगा में हुआ यह भव्य स्वागत और पटना के लिए रवाना हुआ यह काफिला केवल एक व्यक्ति के पदभार ग्रहण की तैयारी नहीं था; यह भाजपा के भीतर नई ऊर्जा, नई रणनीति और नए संकल्प का उद्घोष था। मिथिला की माटी से निकला यह नेतृत्व अब प्रदेश की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने को तैयार दिख रहा है जहां संगठन की मजबूती ही सत्ता की स्थिरता का आधार बनेगी।
