बकरीद की मिठास के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस की सख्ती: दरभंगा में एसएसपी रेड्डी की आंधी, कोतवाली प्रभारी राहुल कुमार की चाय दुकानों तक फैली दबिश बनी चर्चा का केंद्र
बकरीद के दो दिन बाद, जब शहर की गलियों में त्योहार की मिठास बाकी थी, उसी दौरान दरभंगा पुलिस ने कानून-व्यवस्था को चाकचौबंद रखने के लिए एक आक्रमक अभियान की शुरुआत की। बिहार के पुलिस महानिदेशक के आदेश और दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जगुनाथ रेड्डी के स्पष्ट निर्देश पर सोमवार की संध्या को जिलेभर में एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। यह कार्रवाई विशेष रूप से नशीले पदार्थों की बिक्री और इसके उपभोक्ताओं के विरुद्ध केंद्रित रही. पढ़े पुरी खबर.......

दरभंगा: बकरीद के दो दिन बाद, जब शहर की गलियों में त्योहार की मिठास बाकी थी, उसी दौरान दरभंगा पुलिस ने कानून-व्यवस्था को चाकचौबंद रखने के लिए एक आक्रमक अभियान की शुरुआत की। बिहार के पुलिस महानिदेशक के आदेश और दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जगुनाथ रेड्डी के स्पष्ट निर्देश पर सोमवार की संध्या को जिलेभर में एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। यह कार्रवाई विशेष रूप से नशीले पदार्थों की बिक्री और इसके उपभोक्ताओं के विरुद्ध केंद्रित रही।
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पुलिस अधीक्षक रेड्डी पहले ही जिले के सभी थाना प्रभारियों को यह निर्देश दे चुके थे कि त्योहारों के बाद शहर में नशाखोरी, चोरी, जुए और असामाजिक तत्वों की हरकतों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। इसी निर्देश के आलोक में आज दरभंगा जिला के सभी थानाक्षेत्रों चट्टी चौक से लेकर कुशेश्वरस्थान, हायाघाट से लेकर बिरौल तक हर थाने में एक जैसी तेज़ी और तैयारी दिखी।
मगर इन सबमें जो सबसे अधिक चर्चा का विषय बना, वह रहा कोतवाली थाना क्षेत्र की कार्रवाई, जहाँ थाना प्रभारी राहुल कुमार की कार्यशैली ने न सिर्फ स्थानीय नागरिकों बल्कि अन्य थाना क्षेत्रों के अधिकारियों का भी ध्यान खींचा। कोतवाली थानांतर्गत मिर्जापुर, बाकरगंज, खानका चौक, सकमा पुल और मौलागंज के संवेदनशील इलाकों में विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया।
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राहुल कुमार ने सिर्फ अपने दल को मोटिवेट नहीं किया, बल्कि खुद फ्रंटलाइन पर जाकर कई स्थानों पर संदिग्ध अड्डों पर दबिश दी। स्थानीय निवासियों ने बताया कि वर्षों बाद किसी थाना प्रभारी को इतनी सजगता और संवेदनशीलता से क्षेत्र में गश्त करते देखा गया। एक बुजुर्ग दुकानदार ने कहा, "रात में जब हम लोग घर के दरवाज़े बंद करने की सोच रहे थे, तभी पुलिस की टीम पैदल गश्त करती दिखी। ये देखकर एक अजीब सी राहत मिली।"
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इस कार्रवाई में कई स्थानों पर पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी, तलाशी ली, और लोगों को चेतावनी देकर छोड़ा गया। इस दौरान कुछ स्थानों पर अस्थायी जमावड़े को हटाया गया और स्थानीय युवाओं को नशे से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई। हालांकि पुलिस के अनुसार, इस छापेमारी में कोई शराब फैक्ट्री या बड़े पैमाने पर अवैध सामग्री बरामद नहीं हुई है, लेकिन यह सतर्कता अभियान संभावित खतरों को रोकने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम था।
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इस विशेष अभियान के दौरान कोतवाली प्रभारी राहुल कुमार ने सिर्फ गलियों और मुहल्लों में ही नहीं, बल्कि कई स्थानीय रेस्टोरेंट्स और चाय दुकानों पर भी छापेमारी की। मिर्जापुर क्षेत्र में स्थित ‘कॉफी हाउस’ जैसी दुकानों पर अचानक पहुंचे पुलिस दल ने ग्राहकों और दुकानदारों से पूछताछ की। कई स्थानों पर बैठकों की आड़ में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना थी, जिन्हें खंगालने के लिए पुलिस ने खुद किचन और स्टोरेज एरिया तक की जांच की।
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राहुल कुमार की यह कार्रवाई दर्शाती है कि अब पुलिस की नजर सिर्फ ‘अपराधियों पर’ नहीं, बल्कि उन संभावित स्थलों पर भी है, जहाँ से असामाजिक गतिविधियाँ जन्म ले सकती हैं। एक सिपाही की बात में सख़्त चेतावनी थी “चाय की चुस्की के बहाने गड़बड़ी करने वालों को अब कोई राहत नहीं मिलेगी।”
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एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने कार्रवाई के बाद देर रात एक संक्षिप्त प्रेस बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई ढील नहीं दी जाएगी। नशाखोरी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा। जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।"
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उन्होंने सभी थाना प्रभारियों से यह भी अपेक्षा जताई कि वे कोतवाली की तरह केवल कागजी कार्रवाई नहीं बल्कि ज़मीनी स्तर पर सक्रिय होकर जनता के बीच विश्वास बहाल करें। फिलहाल यह कहना गलत नहीं होगा कि बकरीद के त्योहार के शांतिपूर्ण समापन के बाद प्रशासन का यह अभियान दरभंगा में कानून-व्यवस्था की दृढ़ता का प्रतीक बना है। कोतवाली थाना क्षेत्र की मुखर उपस्थिति और प्रभारी राहुल कुमार की सक्रियता ने यह साफ कर दिया है कि शहर अब 'पुराने ढर्रे' पर नहीं, बल्कि नई ऊर्जा के साथ अनुशासन के रास्ते पर चलने को तैयार है।
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एसएसपी रेड्डी की यह रणनीति जिसमें प्रत्येक थाना प्रभारी को क्षेत्रीय नक्शे और संवेदनशील बिंदुओं की समीक्षा कर खुद गश्त करने का आदेश था दरभंगा पुलिस को उस पुराने गौरव की ओर लौटाने की पहल है, जहाँ जनता और पुलिस के बीच भरोसे की डोर मज़बूत हो। रात गहराती रही, छापेमारी चलती रही, और कानून की यह चुपचाप मगर तेज़ आंधी ने शहर को फिर याद दिलाया कि 'पुलिस जाग रही है'।