Tag: DARBHANGA NEWS

दरभंगा
फुलवारी शरीफ से आये थे दो नकाबपोश दरभंगा को बनाना था अपराध का अड्डा, पर विश्वविद्यालय थाना के तेज़ कमान ने कर दिया उनका खात्मा!

फुलवारी शरीफ से आये थे दो नकाबपोश दरभंगा को बनाना था अपराध...

रात की स्याही में जब शहर अपने ख्वाबों में खोया था, तब दरभंगा के विश्वविद्यालय थाना...

दरभंगा
जब रात की चुप्पी में गूंजने लगी वर्दी की आहट: दरभंगा की सड़कों पर वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी के नेतृत्व में चला विशेष समकालीन अभियान, जहां जांच की रोशनी में कांप उठे अपराध, और जनता ने महसूस की सुरक्षा की सांस

जब रात की चुप्पी में गूंजने लगी वर्दी की आहट: दरभंगा की...

जब शहर की सड़कों पर चांदनी उतरती है, दुकानें आधी-नीम रौशनी में खुद को समेटने लगती...

दरभंगा
जब भूखी आँखों में उतर आई संवेदना की ज्योति, तब टूटी छत के नीचे पहली बार संवाद ने जन्म लिया आज की ऐतिहासिक बैठक में माँ के लिए बना त्रिस्तरीय सेवा-संवर्धन का संकल्प, जहाँ निर्णय लिए गए भूख मिटाने से लेकर भवन संवारने तक... और दरभंगा की मूक गौशाला अब बन रही है सांस्कृतिक चेतना की जीवित प्रयोगशाला

जब भूखी आँखों में उतर आई संवेदना की ज्योति, तब टूटी छत...

वह नगरी जहाँ परंपरा, श्रद्धा और संस्कृति की त्रिवेणी बहती है। यह नगर केवल ईंट और...

दरभंगा
जब दरभंगा के आकाश में गूंजा विकास का शंखनाद और दिल्ली के दरबार में पहुँची मिथिला की याचना सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर की पहल और केंद्रीय उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू की सहमति से दरभंगा एयरपोर्ट के टर्मिनल निर्माण को मिली 912 करोड़ की नई उड़ान... पढ़िए हमारी विशेष रिपोर्ट में वह सब, जो आपकी आँखों से ओझल रहा पर दिल के बहुत क़रीब है

जब दरभंगा के आकाश में गूंजा विकास का शंखनाद और दिल्ली के...

कभी जिन पंखों को कटे हुए मान लिया गया था, आज वही पंख उड़ान भरने को अधीर हैं। मिथिला...

दरभंगा
औचक नहीं, चेतावनी थी यह यात्रा जब दरभंगा के एसएसपी ने खामोशी से किया सिमरी थाना का निरीक्षण, और व्यवस्था को आईना दिखाकर लौट आए!

औचक नहीं, चेतावनी थी यह यात्रा जब दरभंगा के एसएसपी ने खामोशी...

दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा सिमरी थाना का किया गया औचक निरीक्षण एक मात्र...

दरभंगा
एसडीपीओ शुभेन्द्र कुमार सुमन की सधी हुई पदचाप और हमारी इस विशेष रिपोर्ट से कांपे अपराधी: 'अब खाकी जनसेवा के लिए है, न कि डर के व्यापार के लिए', पढ़ें कमतौल के नए प्रहरी का कड़ा ऐलान और हमारी कलम से निकली व्यवस्था को ललकारती यह विश्लेषणात्मक रिपोर्ट

एसडीपीओ शुभेन्द्र कुमार सुमन की सधी हुई पदचाप और हमारी...

जब किसी पद की मर्यादा को चरित्र की दृढ़ता से साधा जाए, तब एक अधिकारी सिर्फ कुर्सी...

दरभंगा
हे लोकतंत्र! तू अब थाने में कैद है दरभंगा डीएमसीएच की सड़ी हुई सेहत, कुढ़नी की दलित बच्ची की लाश, और स्वास्थ्य मंत्री के मौन पर युवाओं की चीख को पुलिस ने पांच घंटे तक घोंटा, फिर पीआर बाउंड की बेड़ियों में बांध दिया, पढ़ें इस रिपोर्ट को जो न किसी मंत्री की चाटुकार है, न किसी दल की दलाल सिर्फ़ उस जनता की आवाज़ है जिसे अस्पताल से ज़्यादा अब रिपोर्ट पढ़ने की ज़रूरत है!

हे लोकतंत्र! तू अब थाने में कैद है दरभंगा डीएमसीएच की सड़ी...

जब सत्ता के गलियारों में मंत्रियों के काफिले सरपट दौड़ते हैं, तब लोकतंत्र अक्सर किनारे...

दरभंगा
नीतीश बाबू के सपनों में झाड़ू घूमती रही, पर दरभंगा के रामभद्रपुर में झाड़ू कभी आई ही नहीं: पंचायत की अपशिष्ट इकाई में ताले और घास के बीच सिसकती 'हर घर कचरा उठाव योजना' पढ़िए हमारी विशेष रिपोर्ट जो खोलती है सुशासन की पोल!

नीतीश बाबू के सपनों में झाड़ू घूमती रही, पर दरभंगा के रामभद्रपुर...

जब नीतीश कुमार ने बिहार के हर पंचायत को स्वच्छता से जोड़ने का संकल्प लिया था, तब...

दरभंगा
हे ईश्वर! मृत्यु और जीवन का विधान तो तेरे ही हाथ था... पर दरभंगा में एक कलियुगी पुत्र ने तेरे सिंहासन को लांघ लिया बाप को ज़िंदा रहते मरा घोषित कर दिया, माँ भी इस षड्यंत्र में सहभागी बनी, और जब न्याय अंधा होने को था, तभी जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कलम उठाई और इस पापाचार को बेनक़ाब कर दिया! पढ़िए हमारी यह रौंगटे खड़ी कर देने वाली रिपोर्ट जहाँ बेटा बना यमराज और माँ बनी मृत्यु की दाई!

हे ईश्वर! मृत्यु और जीवन का विधान तो तेरे ही हाथ था......

जब खून अपना रिश्ता भूल जाए, जब लालच रिश्तों से बड़ा हो जाए… तब बाप के साँस लेने...

दरभंगा
दरभंगा पुलिस प्रशासन में वर्दियों का नवगठित संवाद... जब कुशेश्वरस्थान, बहेड़ा, तिलकेश्वर और बिरौल की चौखट पर बदल गई नेतृत्व की तस्वीर प्रशासनिक पुनर्संयोजन के इस अध्याय को पढ़िए हमारे विशेष रिपोर्ट में, और कौन कहां भेजे गए हैं इस नई जिम्मेदारी के साथ...

दरभंगा पुलिस प्रशासन में वर्दियों का नवगठित संवाद... जब...

24 जून 2025 को दरभंगा पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति ने जिले की पुलिस...

दरभंगा
जब अनुसंधान बना मज़ाक, न्याय पड़ा मौन और बहेड़ा थानाध्यक्ष चंद्रकांत गौरी ने थाने को बना दिया प्रशासकीय उपेक्षा का कुरुक्षेत्र: पढ़िए हमारी इस कलम की वह कठोर पड़ताल जो बेनकाब करती है अपराध से ज़्यादा अपराध पर चुप्पी साधे व्यवस्था को!

जब अनुसंधान बना मज़ाक, न्याय पड़ा मौन और बहेड़ा थानाध्यक्ष...

कभी अपराध का पर्याय रहा बहेड़ा इलाका आज फिर सुर्खियों में है। पर इस बार सुर्ख़ियों...

दरभंगा
बूथों पर सन्नाटा है, अफसरों पर निगरानी है, शस्त्रधारी अब कानून की नोक पर हैं दरभंगा में लोकतंत्र अब केवल पर्व नहीं, प्रशासनिक पराक्रम बन चुका है… इस रिपोर्ट में है वो हर बात, जो अफसरों के चेहरों और निर्देशों के पीछे छिपी थी पढ़ें, जानें और सोचें!

बूथों पर सन्नाटा है, अफसरों पर निगरानी है, शस्त्रधारी अब...

जब सत्ता के सिंहासन तक पहुँचने की आहट सुनाई देती है, तो लोकतंत्र का समस्त ढांचा...

दरभंगा
कमला की कोप कथा को रोकने की कवायद: जिलाधिकारी कौशल कुमार की अगुवाई में तटबंधों की नस-नस की जांच, और अफसरों को दिया गया अल्टीमेटम

कमला की कोप कथा को रोकने की कवायद: जिलाधिकारी कौशल कुमार...

दरभंगा की धरती... जहाँ हर बरस जून-जुलाई के दस्तक से पहले नदी की धाराएँ सरगोशियाँ...

दरभंगा
जब उम्मीदों ने ओढ़ी मुस्कान की चादर: दरभंगा नगर निगम में वृद्धजनों के आशीर्वादों और पेंशन वृद्धि की घोषणाओं से गूंज उठा समाज कल्याण का मंच, पाग, चादर, सम्मान और संवेदना से सजा वह ऐतिहासिक दिन

जब उम्मीदों ने ओढ़ी मुस्कान की चादर: दरभंगा नगर निगम में...

नगर निगम का प्रांगण केवल एक नगर निकाय कार्यालय नहीं रहा, बल्कि वह एक भावनात्मक तीर्थक्षेत्र...

दरभंगा
बड़ी वारदात: जब 15 डकैतों ने बेलही की रात को लहू में डुबो दिया मासूमों की चीखें खामोश कर दी गईं, औरतों के गहनों से इंसानियत लूट ली गई, और दरभंगा पुलिस फिर सिर्फ़ मुआयना करती रह गई 'मिथिला जन जन की आवाज' की विशेष रिपोर्ट में उजागर हुआ एक डकैती का वह सच, जो कानून की नींद उड़ा दे

बड़ी वारदात: जब 15 डकैतों ने बेलही की रात को लहू में डुबो...

बिहार की सांस्कृतिक राजधानी दरभंगा में बीती शनिवार की रात को घटी एक सनसनीखेज वारदात...

दरभंगा
जब दरभंगा की धूल भरी गलियों में कांपती वृद्ध हथेलियों की दुआ ने रंग लाया और दस वर्षों की सरकारी खामोशी को तोड़ते हुए कलम, करुणा और कर्म की त्रयी ने सामाजिक सुरक्षा की उपेक्षित धारा को ग्यारह सौ रुपयों की गरिमा में परिणत किया; यह केवल पेंशन नहीं, यह न्याय की वापसी है, यह प्रमंडलीय पार्षद महासंघ की उस संघर्षशील स्याही का परिणाम है, जिसने भीड़ में गुम इंसानियत को फिर से नाम, पहचान और सम्मान दिलाया!

जब दरभंगा की धूल भरी गलियों में कांपती वृद्ध हथेलियों की...

प्रमंडल की गलियों में कई घर ऐसे हैं, जहाँ खाँसी की आवाज़ किसी की पुकार बन चुकी थी।...