Tag: DARBHANGA NEWS
"स्वर, सृजन और स्मृति की गवाही देता मिथिला महोत्सव 2025...
कभी-कभी कोई क्षण इतिहास नहीं रचता, बल्कि स्मृति बन जाता है — वह स्मृति, जो पीढ़ियों...
"बाल सुधार गृह में मौत या हत्या? अमरजीत की संदिग्ध मौत...
दरभंगा के बाल सुधार गृह में उसकी मौत हुई — मगर यह मौत केवल पेट दर्द बताकर दफ्न नहीं...
"शाम होते ही दीपों की उजास से जगमगाया विश्वविद्यालय परिसर,...
दरभंगा की ऐतिहासिक ज़मीन पर जब शाम ने अपना आँचल फैलाया, तो विश्वविद्यालय परिसर की...
"दरभंगा पुलिस की दृढ़ता ने फिर रचा न्याय का अध्याय: महिला...
जब न्याय की डगर कठिन हो, जब पीड़िता की पुकार अंधेरे में खोने लगे, और जब समाज की...
"बाल सुधार गृह की दीवारों के भीतर गूंजता एक मासूम की चीख…...
दरभंगा की हवाओं में आज एक दर्द तैर रहा है। एक माँ की गोद सूनी हो गई, एक पिता की...
दीयों की लौ में दुआओं का उजाला, नर्सिंग की सेवा में समर्पण...
जहाँ अक्लियत और इल्म की नर्म छाँव में शिक्षा का दीप जलता है, वहीं दरभंगा की ऐतिहासिक...
जब चुप्पी की चादर चीरकर सड़कों पर उतरीं माएं-बहनें: दरभंगा...
"जब चुप्पी की चादर चीरकर सड़कों पर उतरीं माएं-बहनें: दरभंगा की धरती से उठी वक्फ...
"दरभंगा सुधार गृह या नरक का दरवाज़ा? अमरजीत की लाश पूछ...
दरभंगा के तथाकथित “पर्यवेक्षण गृह” में शुक्रवार को जो हुआ, वह न केवल एक 20 वर्षीय...
"जब सवेरा भी शिक्षक से पहले नहीं जागे, तब शिक्षा के प्रहरी...
शिक्षा का सूरज जब क्षितिज से झांकता है, तब उससे पहले विद्यालय का द्वार खुल जाए शायद...
"नई जिम्मेदारी, नई उम्मीद: ट्रैफिक थानाध्यक्ष बने चंद्रोदय...
कभी-कभी प्रशासनिक तबादले महज कागज़ी फेरबदल नहीं होते, वे किसी शहर के भविष्य की दिशा...
हराही तालाब: वो शांत जलराशि, जो अब शहर की सिसकियों का गवाह...
दरभंगा की रगों में बहता इतिहास, सभ्यता की सांसें लेता शहर — और उसके बीचोंबीच बसा...
"रफ्तार बनी काल, बाप-बेटे की एक साथ उठी अर्थियाँ: माँ की...
बुधवार की सुबह दरभंगा-मुजफ्फरपुर नेशनल हाईवे-27 पर हुई एक भीषण सड़क दुर्घटना ने...
"जिसकी कलम ने कभी अन्याय से मुँह नहीं मोड़ा… वो अब चुप...
समय की रफ्तार कितनी भी तेज़ क्यों न हो, कुछ नाम ऐसे होते हैं जो हर लम्हे को ठहरा...
शिक्षक राकेश का अपहरण: बिथान के जंगल में छिपे बदमाशों का...
बिहार के गौड़ाबौराम में एक बार फिर अपराधियों ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए मध्य विद्यालय...
"जो चला गया, वो केवल शरीर था… उसकी आत्मा आज भी पत्रकारिता...
कुछ व्यक्ति इस संसार में ऐसे आते हैं, जिनका होना मात्र कोई सांस लेने की प्रक्रिया...
वो सिर्फ नेता नहीं थे, एक विचार थे... और बेटा-बेटी ने उन्हें...
कभी-कभी एक दिन, एक आयोजन, एक श्रद्धांजलि – एक पिता के संपूर्ण जीवन और उसके आदर्शों...