नशेड़ी और उपद्रवियों का सेफ जोन बना दरभंगा राज किला, चाय की दुकान पर खुलेआम युवा पीते हैं, गांजा और चरस, दुकान बनी अय्याशी का अड्डा...
दरभंगा के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के राज किला स्थित एक चाय की दुकान में खुलेआम गांजा, कफ सिरफ और चरस पिया जाता है, चाय की दुकान में युवा पीढ़ी और बाहरी उपद्रवियों का अड्डा बना हुआ है, बेलगाम ये युवा पीढ़ी इसी दुकान में बैठकर खुलेआम चरस और गांजा का सेवन करते हैं। पढ़ें इस रिपोर्ट को
दरभंगा: विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के राज किला स्थित एक चाय की दुकान में खुलेआम गांजा, कफ सिरफ और चरस पिया जाता है, चाय की दुकान में युवा पीढ़ी और बाहरी उपद्रवियों का अड्डा बना हुआ है, बेलगाम ये युवा पीढ़ी इसी दुकान में बैठकर खुलेआम चरस और गांजा का सेवन करते हैं। दुकानदार चंद पैसों की कमाई के लिए गंजेड़ियओं को खुली छूट दे रखी है। और इसी की आड़ में युवा गांजा, चरस का कस लगाकर वहीं पड़े रहते हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि दुकान केवल नाम की है असली फायदा तो चरस, अफीम और नशीली दवा सामग्री से दुकानदार को फ़ायदा मिलता है। आखिर इन युवा पीढ़ी को गांजा, नशीली दवा और चरस कहां से मिलता है कहीं ना कहीं दुकान में ही उपलब्ध कराया जाता है, जिसे सिगरेट में भरकर नशेड़ी दिनभर दुकान में ही कश लगाते रहते हैं, लोगों का कहना है कि उक्त दुकानदार कोई भी सामान ठीक-ठाक नहीं रखता है वह मूल्य से अधिक रेट पर मार्केट के सामग्रियों को बेचता है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि नशेड़ीयों की देखा देखी आसपास के युवा भी उनकी नकल में बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं, ऐसे कारनामों को अंजाम देने में दुकानदार गंजेड़ियों का सहयोग कर रहा है। लोगों ने जिलाधिकारी और पुलिस के अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट आकर कार्यवाही कराने की मांग कर रही है ।
मां श्यामा की इस पावन धरती को काफी शांत माना जाता था आज भी शांति तो है लेकिन बड़ी बड़ी घटनाओं करने वाले लोग मिथिला के इस पावन धरती को सेफ जोन मान रहे हैं। प्रशासन यदि अभी से सचेत नहीं हुआ तो कभी भी बड़ी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।