ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में संकायाध्यक्षों एवं विभागाध्यक्षों की आपात बैठक आयोजित
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सभी संकायाध्यक्षों एवं विभागाध्यक्षों की आपात बैठक विश्वविद्यालय- सभागार में आयोजित की गई, जिसमें प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा तथा कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद, डा अवनि रंजन सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, डा आनंद मोहन मिश्र, डा ज्योति प्रभा, डा मनोज कुमार, डा सोनी सिंह सहित कई पदाधिकारियों ने भी भाग लिया. पढ़े पूरी खबर....
दरभंगा:- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सभी संकायाध्यक्षों एवं विभागाध्यक्षों की आपात बैठक विश्वविद्यालय- सभागार में आयोजित की गई, जिसमें प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा तथा कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद, डा अवनि रंजन सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, डा आनंद मोहन मिश्र, डा ज्योति प्रभा, डा मनोज कुमार, डा सोनी सिंह सहित कई पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि पैट परीक्षा 2021-22 के परिणाम को लेकर जिस तरह अफवाहों का बाजार गर्म है, वे सभी तथ्यों से परे हैं और जान- बूझकर कतिपय विभागाध्यक्षों द्वारा भ्रामक स्थिति पैदा की गई है। उन्होंने कहा कि पैट की लिखित परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थियों की मौखिकी परीक्षा के अंक संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं बाह्य परीक्षकों की एक कमेटी द्वारा दिया गया और आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए कट ऑफ अंक घोषित किये गये।
प्रकाशित परीक्षा परिणाम पूर्णतः पारदर्शिता का द्योतक है, पर खेद की बात है कि कुछ उपद्रवी तत्त्वों द्वारा विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ की गई तथा गाली- गलौज भी किया गया। ऐसे उपद्रवी तत्त्वों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज किया गया है और अब उन्हें चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए निष्कासन की प्रक्रिया भी की जाएगी। कुलपति ने कहा कि कुल 75 शिकायती आवेदन आए थे। सभी की गहन जांच की गई, पर किसी भी आवेदन का दावा सत्य नहीं पाया गया।
अर्थात् जो परिणाम प्रकाशित किया गया था, वह शत प्रतिशत सही है। प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने कहा कि पूरा विश्वविद्यालय एक परिवार है। यदि किसी तरह की कोई अशोभनीय घटना घटती है तो वह पूरे विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने वाला कृत होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभाग द्वारा जो नंबर दिए गए हैं, वे पीडीएफ रूप में विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जारी किये जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहे। प्रारंभ में कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद ने सदस्यों का स्वागत किया और खेद जताया कि हमारे कुछ सहयोगियों द्वारा ही छात्रों को गलत तरीके से दिग्भ्रमित किया गया जो न केवल निंदनीय, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से घोर दुराचार भी है।