बिहार
दरभंगा में अब शराबबंदी नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की गूंज है......
जब दरभंगा की धरती को शराबबंदी की सौगंध दी गई थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा...
जब विदाई की तालियों में भीग गईं आंखें और सूटकेस में सिमट...
मिथिला की ऐतिहासिक धरती, जहां हर मोड़ पर इतिहास सांस लेता है, जहां सरोवरों में जल...
बकरीद की मिठास के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस की सख्ती: दरभंगा...
बकरीद के दो दिन बाद, जब शहर की गलियों में त्योहार की मिठास बाकी थी, उसी दौरान दरभंगा...
दरभंगा में अपराधियों के लिए अब नहीं बचेंगे कोई रास्ते वरीय...
संध्याकालीन सन्नाटा जब अपने काले घूँघट ताने शहर को जकड़ चुका था, तब अचानक दरभंगा...
जब दरभंगा की सड़कों पर बहनों के आँसू अंगार बने, लाठी के...
कभी शांति और संस्कृति की नगरी रही दरभंगा, अब धीरे-धीरे आंदोलनों की आग में तप रही...
जब दरभंगा की धरती पर फिर उग आई शराब की एक और कालिख कमतौल...
दरभंगा की मिट्टी में आज फिर कानून की जड़ों ने करवट ली है। जिस ज़मीन ने कभी विद्यापति...
दरभंगा की मिट्टी में जब डॉक्टर स्मृति ने जीवन का बीज बोया,...
यह केवल एक सेंटर का उद्घाटन नहीं था, यह उस दर्द की दवा का शुभारंभ था, जिसे शब्दों...
नाजिया हसन की पोस्ट बनी चिनगारी, मशाल जुलूस बना अपराध,...
दरभंगा की दोपहर शनिवार को कुछ और ही रंग में रंगी थी। आसमान में धूप सामान्य थी, लेकिन...
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में फर्जी एडीआरएम की गूंज:...
देश की इस धड़कती रेल व्यवस्था में हर रोज़ लाखों लोग चढ़ते हैं, उतरते हैं, मंज़िल...
दरभंगा में आम की कैरेट अब सिर्फ़ फल नहीं ढोते, अब वो शराबबंदी...
जब समाज सो रहा था, तब पुलिस जाग रही थी यह वाक्य अब पोस्टरों का सौंदर्यशास्त्र भर...
शहीद को श्रद्धांजलि और डीएम की खोज: जब दरभंगा के मंच पर...
दरभंगा का ऐतिहासिक नेहरू स्टेडियम। मौका था, शहीद सूरज नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर...
जेईई एडवांस्ड 2025 में ओमेगा स्टडी सेंटर दरभंगा ने रचा...
जब मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन एक साथ मिलते हैं, तो सफलता की नई इबारतें लिखी...
सिर्फ यात्रा नहीं, एक प्रशासनिक अनुष्ठान मुख्यमंत्री नीतीश...
शहर की हवाओं में कुछ खास है आजकल। जैसे किसी मेहमान के इंतज़ार में घर का आंगन बुहारा...
जब दरभंगा की सोशल मीडिया पर बजने लगी सरकार की योजनाओं की...
कभी राजमहलों की गूंजती पगडंडियों पर गौरवगाथाएं रची जाती थीं, आज उन्हीं धरोहरों की...
राजीव रौशन की सादगी, सौम्यता और सेवा का जब समापन हुआ, तो...
कुछ विदाईयाँ इतिहास नहीं, एहसास बन जाती हैं। कुछ आगमन उम्मीद नहीं, दायित्व बनकर...
जब एक बेटे के सिर में गोली उतारी गई और पिता की आंखों में...
उस रात आसमान चुप था, लेकिन ज़मीन पर ज़ुल्म की नंगी परछाईं चल रही थी। 30 दिसंबर 2018...