रोसड़ा एसडीपीओ सहियार अख्तर के विरुद्ध अनुसंधान प्रभाग से विस्तृत जांच के निर्देश:-अभिजीत कुमार

मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार के जांच प्रतिवेदन पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निवर्तमान रोसड़ा एसडीपीओ सहियार अख्तर के विरुद्ध पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर 3 महिने के अंदर अनुसंधान प्रभाग से विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। पढ़ें पूरी खबर

रोसड़ा एसडीपीओ सहियार अख्तर के विरुद्ध अनुसंधान प्रभाग से विस्तृत जांच के निर्देश:-अभिजीत कुमार

दरभंगा:- मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार के जांच प्रतिवेदन पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निवर्तमान रोसड़ा एसडीपीओ सहियार अख्तर के विरुद्ध पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर 3 महिने के अंदर अनुसंधान प्रभाग से विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। आयोग ने यह भी अपर पुलिस महानिदेशक को कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर उक्त मामले से संबंधित पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर का प्रतिवेदन प्राप्त कर आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें। उक्त कार्रवाई के मामले में प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र से कई शिकायत प्राप्त हो रही थी की अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन लोक हित में न कर स्थानीय भू माफिया एवं थाने के दलाल को अपने निजी फायदे के लिए संरक्षण देते आ रहे हैं।

जब उक्त मामले में अपने स्तर से जांच किया तो मामला सत्य प्रतीत हुआ वही प्रकाश में यह भी आया कि एसडीपीओ के क्षेत्राअधीन थानों में दर्ज एस आर कांड के पर्यवेक्षण में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपी के दलाल से अपना सामंजस्य स्थापित कर प्रतिरक्षा आवेदन लेकर पर्यवेक्षण से आरोप मुक्त कर देते आ रहे हैं। आज संपूर्ण बिहार में यही खेल चल रहा है किसी भी गंभीर प्रकृति के कांड में एसडीपीओ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती हैं अगर तथ्यों की बारीकी से जांच एसडीपीओ द्वारा की जाय तो प्राइमरी स्टेज में ही वास्तविक आरोपी को सजा मिल सकती है और निर्दोष एवं पीड़ित को उचित समय में न्याय लेकिन ऐसा बिरला ही देखा जाता है।

आज स्थिति ये हो गई है कि पैसों के बल पर आरोपी आरोपमुक्त हो जाता है जिस कारण आरोपी का मनोबल बढ़ता है और पीड़ित न्याय की उम्मीद में जिला से मुख्यालय तक चक्कर लगा थक हार कर घर को बैठ जाते हैं।