दरभंगा:- सोनू सहनी का लाश आम के पेड़ से लटके अवस्था में मिलने के मामले में सैकड़ों एमएसयू कार्यकर्ता ने किया नगर थाना का घेराव, हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग

बीते 9 नवम्बर को नगर थाना अन्तर्गत शुभंकरपुर ओपी क्षेत्र के रत्नोपट्टी मोहल्ला निवासी सोनू सहनी का लाश आम के पेड़ से लटके अवस्था में मिलने के मामले को लेकर इलाके में बने तनाव व गुस्सा के बीच दहशत की शिकायत लिए एमएसयू के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भारी संख्या में मोहल्ले के लोगों के साथ एमएसयू के कार्यकर्ता नगर थाने का घेराव करने पहुंच गए। पढ़ें पुरी खबर

दरभंगा:- सोनू सहनी का लाश आम के पेड़ से लटके अवस्था में मिलने के मामले में सैकड़ों एमएसयू कार्यकर्ता ने किया  नगर थाना का घेराव, हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग

दरभंगा:- बीते 9 नवम्बर को नगर थाना अन्तर्गत शुभंकरपुर ओपी क्षेत्र के रत्नोपट्टी मोहल्ला निवासी सोनू सहनी का लाश आम के पेड़ से लटके अवस्था में मिलने के मामले को लेकर इलाके में बने तनाव व गुस्सा के बीच दहशत की शिकायत लिए एमएसयू के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भारी संख्या में मोहल्ले के लोगों के साथ एमएसयू के कार्यकर्ता नगर थाने का घेराव करने पहुंच गए। जिसकी घोषणा पूर्व में ही कर दिया गया था। एमएसयू के सदस्यों ने कहा सोनू सहनी को एक साजिश के तहत जान से मार दिया गया है। जिसपर पुलिस प्रशासन की चुप्पी संदेह की ओर इशारा करता है।

दोपहर 12 बजे के करीब में रत्नोपट्टी से सैकड़ों लोगों के साथ एमएसयू के सदस्य नारेबाजी करते हुए नगर थाना पर पहुंचे। जहां पर पुलिस प्रशासन पहले से सतर्क थी। मुख्य द्वार को पहले से बंद कर दिया गया था और गश्ती दल को पहले से ही थाने पर खड़ा कर दिया गया था। जिसके बाद आंदोलनकारी मुख्य द्वार के आगे में ही बैठ कर आंदोलन करना शुरू कर दिया। आंदोलन को बेनीपुर से जिला परिषद सदस्य सागर नवदिया, एमएसयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमन सक्सेना, दरभंगा नगर अध्यक्ष अर्जुन कुमार दास, नगर सचिव अविनाश सहनी, नीरज भारद्वाज, नगर मीडिया प्रभारी सुमित कुमार व अंकित भारद्वाज ने संबोधित करते हुए कहा की घटना के 10 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक न तो स्पीडी ट्रायल किया गया, न ही डॉग स्क्वायड को घटनास्थल पर भेजा गया और न हीं घटना में शामिल दोषियों को गिरफ्तार कर पूछताछ किया गया।

न्याय की मांग करने वाले लोगों पर फर्जी मुकदमा कर दिया किया गया। हमारा आज का आंदोलन 4 सूत्रीय मांग को लेकर है। जिसमें घटना में शामिल सभी दोषियों की गिरफ्तारी हो, पीड़ित पक्ष पर किया गया सभी फर्जी एफआईआर वापस हो, पीड़ित पक्ष आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिसको देखते हुए 20 लाख रुपए परिवार को मुआवजा के रूप में मिले। जिसके बाद 5 सदस्य दल का वार्ता थानाध्यक्ष एचएन सिंह से किया गया।