मिथिला के माथे पर सजेगा गौरव का ताज! अलीनगर की पावन धरती से अमित शाह ने सुनाई दरभंगा को सुनहरी ख़ुशख़बरी बोले, 500 करोड़ का सांस्कृतिक म्यूज़ियम बनेगा विद्या, संस्कृति और श्रद्धा का तीर्थस्थल!
मिथिला की पावन भूमि एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। चुनावी हलचल के बीच जब दरभंगा की धरती पर सियासी सूरज अपने पूरे तेज़ से चमका, तब अलीनगर के आसमान में गूंज उठी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हुंकार दरभंगा की धरती विद्वानों की भूमि रही है, अब यहां ज्ञान और संस्कृति का दीप फिर से प्रज्वलित होगा! यह वह क्षण था जब जनता की भीड़ तालियों और जयघोष से गूंज उठी. पढ़े पूरी खबर........
दरभंगा। मिथिला की पावन भूमि एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। चुनावी हलचल के बीच जब दरभंगा की धरती पर सियासी सूरज अपने पूरे तेज़ से चमका, तब अलीनगर के आसमान में गूंज उठी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हुंकार दरभंगा की धरती विद्वानों की भूमि रही है, अब यहां ज्ञान और संस्कृति का दीप फिर से प्रज्वलित होगा! यह वह क्षण था जब जनता की भीड़ तालियों और जयघोष से गूंज उठी। क्योंकि इस बार बात सिर्फ़ राजनीति की नहीं थी, यह बात थी मिथिला की आत्मा से जुड़ी ख़ुशख़बरी की, यह बात थी उस गौरव के पुनर्जन्म की, जो कभी समय की धूल में दब गया था।

अमित शाह की घोषणा मिथिला की आत्मा को मिलेगा नया घर: अपने प्रभावशाली भाषण में गृह मंत्री ने कहा दरभंगा की यह पवित्र धरती, जहाँ मंडन मिश्र और भारती जैसे महाज्ञानी हुए, अब देश-दुनिया में अपनी सांस्कृतिक पहचान को और ऊँचाई देगी। केंद्र सरकार यहाँ 500 करोड़ की लागत से भव्य 'सांस्कृतिक म्यूज़ियम’ का निर्माण करवाएगी। यह खबर सुनते ही पूरा अलीनगर मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। लोगों के चेहरे पर मुस्कान थी, आँखों में चमक जैसे किसी ने वर्षों बाद अपनी मिट्टी से जुड़ी गौरवगाथा को नया जीवन दे दिया हो। शाह ने कहा कि यह म्यूज़ियम न सिर्फ दरभंगा, बल्कि पूरे बिहार की विद्या, संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक बनेगा। यहाँ बिहार के सभी महापुरुषों की पांडुलिपियाँ, शिलालेख, और ऐतिहासिक दस्तावेज़ सहेजे जाएंगे। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान का तीर्थ बनेगा।

दरभंगा की जनता के लिए सुनहरी सौगात विकास का नया अध्याय: अमित शाह ने कहा कि दरभंगा अब सिर्फ़ बीते गौरव की बात नहीं करेगा, अब यह शहर विकास, रोजगार और संस्कृति का नया केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि 850 करोड़ की लागत से माता जानकी का भव्य मंदिर बन रहा है जो न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन और अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा केंद्र बनेगा।साथ ही दरभंगा एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड और सड़क परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी जी ने मिथिला को बिहार का ‘विकास द्वार’ बनाने का संकल्प लिया है। अब दरभंगा का हर गाँव, हर कस्बा विकास की लकीर पर चलेगा।

‘कहीं कोई वैकेंसी नहीं’ विपक्ष पर सटीक प्रहार: सभा के दौरान अमित शाह ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में विपक्ष पर तीखे शब्दों के बाण छोड़े। लालू यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं, लेकिन भाजपा में पद नहीं, जनता का आशीर्वाद चलता है। इसलिए मैं साफ़ कहता हूँ ‘कहीं कोई वैकेंसी नहीं है!’ सभा में मौजूद हजारों समर्थकों ने इस वक्त तालियों की गूंज से पूरा मैदान हिला दिया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और राष्ट्र की सुरक्षा पर गर्जे शाह: शाह ने अपने भाषण में राष्ट्र सुरक्षा और आतंकवाद पर भी दृढ़ता से कहा कांग्रेस ने धारा 370 को 70 साल तक देश के माथे पर बोझ बनाए रखा। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उस कलंक को मिटाकर कश्मीर को भारत के हृदय में फिर से जोड़ा। आतंकवाद को जिसने पनपाया, उसी पर भाजपा ने प्रहार किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस सरकार की राष्ट्रनिष्ठा का प्रमाण है। उनकी आवाज़ में गर्व था, और भीड़ के उत्साह में विश्वास। हर नारे में “भारत माता की जय” की गूंज थी, हर दिल में एक नई उमंग देश और मिथिला के स्वाभिमान की।

मिथिला के पुनर्जागरण की ओर एक ऐतिहासिक कदम: अमित शाह की घोषणा दरभंगा के लिए केवल एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि भावनात्मक पुनर्जन्म की घोषणा थी। दरभंगा वह भूमि है, जहाँ ज्ञान की गंगा बही, जहाँ विद्यापति की वाणी गूंजी, जहाँ रामबाग की मिट्टी में संस्कृति की सुगंध रची-बसी है। अब वही भूमि फिर से अपने गौरवशाली अतीत को वर्तमान की ज्योति से जोड़ने जा रही है। यह सिर्फ़ ख़ुशख़बरी नहीं, यह मिथिला की आत्मा की पुनःस्थापना है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा।

जनता का उत्साह मोदी-शाह के नारों से गूंजा अलीनगर: जब शाह का भाषण समाप्त हुआ, तो मैदान में जयघोष थमने का नाम नहीं ले रहा था। “मोदी है तो मुमकिन है” और “जय जानकी माँ की” के नारे हवा में घुल चुके थे। युवाओं के चेहरों पर उम्मीद की रौशनी थी, बुज़ुर्गों की आँखों में गर्व की नमी। महिलाएँ कह रही थीं अब दरभंगा का नाम फिर से पूरे देश में रोशन होगा।

एक नई सुबह, एक नई ख़ुशख़बरी: दरभंगा के लोगों के लिए अमित शाह की अलीनगर सभा किसी त्योहार से कम नहीं थी। यह सभा राजनीतिक मंच से ज़्यादा भावनाओं का महासागर बन गई, जहाँ हर दिल में यह विश्वास जागा कि अब मिथिला का गौरव फिर लौटेगा। 500 करोड़ का सांस्कृतिक म्यूज़ियम, 850 करोड़ का जानकी मंदिर, दरभंगा एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड, और केंद्र की योजनाएँ यह सब मिलकर उस भविष्य की इबारत लिख रहे हैं जहाँ दरभंगा फिर से कहलाएगा “बिहार का संस्कार नगर, भारत की विद्या भूमि।” आज अमित शाह की आवाज़ में मिथिला का आत्मविश्वास था, यह आवाज़ केवल चुनावी भाषण नहीं, बल्कि दरभंगा की मिट्टी में गूंजती वह पुकार थी जो कहती है, अब हमारी विरासत फिर से जगेगी, अब हमारी धरती फिर मुस्कुराएगी!
