आखिर क्यू दरभंगा के यशस्वी सांसद गोपाल जी ठाकुर को कोर्ट में होना पड़ा सरेंडर, बड़ी दिलचस्प है स्टोरी.....

भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा व्यवहार न्यायालय के एमपी-एमएलए कोर्ट में खुद सरेंडर कर दिया। उन्हें कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में सम्मन जारी करते हए कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद गोपाल जी ठाकुर को जमानत दे दी है. पढ़े पूरी खबर.......

आखिर क्यू दरभंगा के यशस्वी सांसद गोपाल जी ठाकुर को कोर्ट में होना पड़ा सरेंडर, बड़ी दिलचस्प है स्टोरी.....
आखिर क्यू दरभंगा के यशस्वी सांसद गोपाल जी ठाकुर को कोर्ट में होना पड़ा सरेंडर, बड़ी दिलचस्प है स्टोरी.....

दरभंगा: भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा व्यवहार न्यायालय के एमपी-एमएलए कोर्ट में खुद सरेंडर कर दिया। उन्हें कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में सम्मन जारी करते हए कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद गोपाल जी ठाकुर को जमानत दे दी है। आपको बता दें, गोपालजी ठाकुर ने एक आपराधिक मामले में न्यायालय से प्राप्त सम्मन पर दरभंगा के एमपी/एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जमानत कराई। इस कोर्ट के पीठासीन पदाधिकारी माधवेन्द्र सिंह ने आरोपी सांसद ठाकुर के अधिवक्ता पंकज कुमार सिंह के तर्कों से संतुष्ट होकर नियमित जमानत दे दी।

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बिहार सरकार के आदेश पर चन्द्रधारी संग्रहालय में संरक्षित महात्मा गौतम बुद्ध की चार प्रतिमाओं को पटना संग्रहालय में ले जाने के आदेश की जानकारी पर तत्कालीन नगर विधायक संजय सरावगी, बेनीपुर विधायक गोपालजी ठाकुर, मेयर गौड़ी पासवान, बिद्यापति सेवा संस्थान के अध्यक्ष बैद्यनाथ चौधरी बैजू समेत 150-200 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मूर्ति हस्तानांतरण का विरोध और सड़क जाम करने के आरोप में तत्कालीन पुलिस निरीक्षक विद्यानंद राय ने 2013 में थाने में मामला दर्ज कराया था।

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इस मामले के जांचकर्ता हरिशंकर मिश्रा को बनाया गया। फिर मनोज कुमार शर्मा को आईओ बनाया गया। इस मामले की 3 वर्ष 2 माह 13 दिन जांच चली। बाद में 5 नवंबर 2016 को आईओ ने साक्ष्य की कमी बताते हुए झूठी फाइनल रिपोर्ट लगा धी। वहीं अदालत ने झूठी फाइनल रिपोर्ट पर 6 वर्ष 4 माह 7 दिनों के बाद असहमति जताते हुए कुल 12 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ संज्ञान लिया। इसी मामले में आरोपी सांसद गोपालजी ठाकुर ने गुरुवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जमानत कराई है।