Tag: HINDI NEWS CHANNEL
दरभंगा की मिट्टी में जब डॉक्टर स्मृति ने जीवन का बीज बोया,...
यह केवल एक सेंटर का उद्घाटन नहीं था, यह उस दर्द की दवा का शुभारंभ था, जिसे शब्दों...
जेईई एडवांस्ड 2025 में ओमेगा स्टडी सेंटर दरभंगा ने रचा...
जब मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन एक साथ मिलते हैं, तो सफलता की नई इबारतें लिखी...
जब दरभंगा की सोशल मीडिया पर बजने लगी सरकार की योजनाओं की...
कभी राजमहलों की गूंजती पगडंडियों पर गौरवगाथाएं रची जाती थीं, आज उन्हीं धरोहरों की...
राजीव रौशन की सादगी, सौम्यता और सेवा का जब समापन हुआ, तो...
कुछ विदाईयाँ इतिहास नहीं, एहसास बन जाती हैं। कुछ आगमन उम्मीद नहीं, दायित्व बनकर...
जब एक बेटे के सिर में गोली उतारी गई और पिता की आंखों में...
उस रात आसमान चुप था, लेकिन ज़मीन पर ज़ुल्म की नंगी परछाईं चल रही थी। 30 दिसंबर 2018...
जिस सुबह शिक्षक की लाश निस्ता की सड़क पर गिरी थी, उसी दिन...
जिस धरती पर शिक्षक को ईश्वर का रूप माना जाता है, उसी पवित्र भूमि की रगों में 28...
जब श्रद्धा से जुड़ी भावनाएं डगमगाईं, तब दरभंगा पुलिस बनी...
मदारपुर भगवती मंदिर… जहां हर मंगलवार और शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालु आस्था का दीप...
जब कानून के रक्षक बने कानून के भक्षक: जमालपुर थाना के अजीत...
ये महज़ एक निलंबन नहीं है। ये उस सड़े हुए तंत्र के भीतर दबे दर्द की वह चीख़ है,...
दरभंगा में माँ भगवती मंदिर के गर्भगृह में घुसकर सात पिंड...
वह नगरी, जिसे मिथिला की आत्मा कहा जाता है। वह भूमि, जहाँ सुबहें मंत्रों की गूंज...
क्या दरभंगा मेडिकल कॉलेज अब भगवान भरोसे चल रहा है? जब बापू...
बापू आज फिर रोए होंगे। देश की आज़ादी के लिए जिसने लाठियां खाईं, उस महापुरुष की प्रतिमा...
दरभंगा में अपराध के खिलाफ बड़ा एक्शन: कोर्ट ने 11 अभियुक्तों...
जब देश की लोकतांत्रिक आत्मा अपनी असली चेतना में जागती है, तो न्यायालयों की कुर्सियों...
दरभंगा की गलियों में अब गूंजता है डर, न कि चूड़ियों की...
जब चूड़ियों की खनक किसी गली से गुजरती थी, तो लगता था कि दरभंगा ज़िंदा है। अब उन्हीं...
जनप्रतिनिधि जब जनहित को भूलकर बन गया भय का प्रतीक, और अदालत...
दरभंगा, मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी और अब एक बार फिर से न्याय की जननी बनकर देशभर...
सिमरी थाने की अंधेरी कोठरी में मरा पंकज या मारा गया? बीमारी...
मिथिला की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राजधानी। जहां साहित्य की आत्मा बसती है, वहीं कुछ...
प्रीति झा की लाश पलंग पर, गले पर फांसी के निशान, आंखों...
दरभंगा की शहरी भीड़-भाड़ में शामिल एनपी मिश्रा चौक की एक गली, जो आमतौर पर चाय की...
दरभंगा की वह सुबह जब सूरज नहीं खून उगा आंखोपुर में मनका...
एक समय था जब यह नाम आते ही बुद्धि, विद्या और विरासत की त्रयी स्मृति में उतरती थी।...