Tag: DARBHANGA POLICE
जब रामजानकी मंदिर बना शराब तस्करी के विरुद्ध रणभूमि, लहेरियासराय...
जहाँ मंदिरों की घंटियों से सुबह होती है और खेतों में हल चलाकर किसान सूरज को सलाम...
जब कानून की चौखट पर वकील ही कटघरे में खड़ा हुआ: दरभंगा...
दरभंगा की ऐतिहासिक न्यायभूमि ने बहुत से हाई-प्रोफाइल मुकदमों को देखा, सुना और सहा...
दरभंगा के जमालपुर थाने में जब फरियाद बना अपराध दिव्यांग...
दरभंगा के जमालपुर थाने से निकली एक घटना आज पूरे पुलिस महकमे के चेहरे पर सवाल खड़े...
लहेरियासराय की गलियों में घूमता था जो बेखौफ़... वही ललन...
वर्ष 2020। महामारी की उथल-पुथल के बीच एक खबर ने दरभंगा की शांत दीवारों को चीर डाला...
दरभंगा की वो माँ, जो सिर्फ़ सब्ज़ी लेने निकली थी मगर लौटते...
कभी लूट हथियारों के बल पर होती थी, अब लूट मानसिकता के धारदार किनारों से की जाती...
जब अपहरण हुआ और फिरौती मांगी गई, तब कोतवाली थाना बना मिशन...
6 जून की रात दरभंगा में दो मेहनतकश गैस पाइप श्रमिकों का अपहरण एक ऐसी घटना जिसने...
जब जेल की दीवारों से रिसा लहू और न्याय घुटता रहा ताले में...
यह कोई सामान्य अपराध कथा नहीं है। यह उस मानसिकता की बानगी है, जहाँ अधिकार, अहंकार...
एक सांसद का बेटा, एक गुमशुदा पहचान, और एक जिले की रात-दिन...
रविवार की वह सुबह सामान्य नहीं थी। दरभंगा की हवाओं में एक अजीब सी खामोशी थी। सियासत...
दरभंगा की रात जब जगी बाघमोड़ से घनश्यामपुर थाने तक पसीना...
मिथिला की आत्मा को समेटे एक नगर जहाँ चाँदनी भी इतिहास के कपोलों पर उतरती है और जहाँ...
14 जून की वो घड़ी जब दरभंगा के बाघमोड़ बना दरभंगा पुलिस...
दरभंगा शहर की नब्ज़ को अगर किसी ने करीब से थामा है, तो वह है पुलिस की वो रात जो...
खंडहर की दीवारों से उठती थी साजिश की साँसें, चाबी और चुप्पी...
एक ऐसा शहर जो किसी ज़माने में मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी कहलाता था, आज अपने शहरी...
जब फेसबुक ने छीना राजू कुमार का सपना और दरभंगा साइबर थाना...
वक़्त बदल रहा है, और बदलते वक़्त के साथ ठगों की चालें भी बदल रही हैं। अब लाठी और...
दरभंगा पुलिस की रैतिक परेड में अनुशासन की लय, नेतृत्व की...
सुबह की हल्की धूप, जून की नमी भरी हवा, और समय से पूर्व पसीने से तर-बतर उन सैकड़ों...
जिन्होंने नहीं सुनी वो ‘धाँय!’, वे पढ़ें यह रिपोर्ट ताकि...
भरवाड़ा की वह शाम सामान्य नहीं थी। हल्की हवा बह रही थी, बाजार में चूड़ी की खनखनाहट...
जब दरभंगा की सड़कों पर कानून की परिभाषा खुद चलती मिली:...
यह दरभंगा की वही रात थी वही चांद, वही सड़कें, वही बिजली के खंभों पर थरथराते बल्ब,...
मशाल जुलूस पर बरसी लाठियाँ, घायल कार्यकर्ता और मौन प्रशासन...
इतिहास की पगडंडियों से निकलती मिथिला की राजधानी दरभंगा आज फिर एक सवाल के घेरे में...