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डॉ. कुणाल कुमार झा बोले: ‘वैदेही पंचांग नहीं, यह विश्वविद्यालय...
संस्कृति जहां मौन होती है, वहां विवाद मुखर हो जाते हैं। और जब विवाद पंचांग जैसे...
माँ काली के चरणों में समर्पित 'कालीमणि' का भव्य लोकार्पण:...
मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी से।कभी-कभी कोई रचना एक पुस्तक के रूप में नहीं, बल्कि...
जब भूखी आँखों में उतर आई संवेदना की ज्योति, तब टूटी छत...
वह नगरी जहाँ परंपरा, श्रद्धा और संस्कृति की त्रिवेणी बहती है। यह नगर केवल ईंट और...
जब दरभंगा के आकाश में गूंजा विकास का शंखनाद और दिल्ली के...
कभी जिन पंखों को कटे हुए मान लिया गया था, आज वही पंख उड़ान भरने को अधीर हैं। मिथिला...
औचक नहीं, चेतावनी थी यह यात्रा जब दरभंगा के एसएसपी ने खामोशी...
दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा सिमरी थाना का किया गया औचक निरीक्षण एक मात्र...
नीतीश बाबू के सपनों में झाड़ू घूमती रही, पर दरभंगा के रामभद्रपुर...
जब नीतीश कुमार ने बिहार के हर पंचायत को स्वच्छता से जोड़ने का संकल्प लिया था, तब...
हे ईश्वर! मृत्यु और जीवन का विधान तो तेरे ही हाथ था......
जब खून अपना रिश्ता भूल जाए, जब लालच रिश्तों से बड़ा हो जाए… तब बाप के साँस लेने...
दरभंगा पुलिस प्रशासन में वर्दियों का नवगठित संवाद... जब...
24 जून 2025 को दरभंगा पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति ने जिले की पुलिस...
प्रशासनिक समर के नए सेनापति नियुक्त: बिहार में सात आईपीएस...
बिहार में सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ है, पर सत्ता की चाल जरूर बदल गई है। इस बार तबादले...
जब उम्मीदों ने ओढ़ी मुस्कान की चादर: दरभंगा नगर निगम में...
नगर निगम का प्रांगण केवल एक नगर निकाय कार्यालय नहीं रहा, बल्कि वह एक भावनात्मक तीर्थक्षेत्र...
जब रामजानकी मंदिर बना शराब तस्करी के विरुद्ध रणभूमि, लहेरियासराय...
जहाँ मंदिरों की घंटियों से सुबह होती है और खेतों में हल चलाकर किसान सूरज को सलाम...
दरभंगा की सियासी फिजाओं में गिरा एक और पत्ता: अलीनगर से...
राजनीति में कब कौन गिर जाए, इसका अंदाज़ा लगाना उतना ही कठिन होता है जितना कि किसी...
दरभंगा की वो माँ, जो सिर्फ़ सब्ज़ी लेने निकली थी मगर लौटते...
कभी लूट हथियारों के बल पर होती थी, अब लूट मानसिकता के धारदार किनारों से की जाती...
एक सांसद का बेटा, एक गुमशुदा पहचान, और एक जिले की रात-दिन...
रविवार की वह सुबह सामान्य नहीं थी। दरभंगा की हवाओं में एक अजीब सी खामोशी थी। सियासत...
दरभंगा की ऐतिहासिक सुबह में माँ कांकली की चौखट पर नतमस्तक...
दरभंगा की सुबह में उस दिन कुछ अलग ही आभा थी। एक सादगीभरा, भावुक और आत्मीय क्षण जिसने...
खंडहर की दीवारों से उठती थी साजिश की साँसें, चाबी और चुप्पी...
एक ऐसा शहर जो किसी ज़माने में मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी कहलाता था, आज अपने शहरी...