Posts

दरभंगा
क्या दरभंगा मेडिकल कॉलेज अब भगवान भरोसे चल रहा है? जब बापू की प्रतिमा पर बालू डाल दिया गया और प्रिंसिपल डॉ. अलका झा को खबर भी पत्रकारों से मिली... मंत्री मंगल पांडे जवाब देंगे या आत्मा की चीखें यूं ही अनसुनी रह जाएंगी? पढ़िए आशिष कुमार की ज़मीर झकझोरने वाली रिपोर्ट!

क्या दरभंगा मेडिकल कॉलेज अब भगवान भरोसे चल रहा है? जब बापू...

बापू आज फिर रोए होंगे। देश की आज़ादी के लिए जिसने लाठियां खाईं, उस महापुरुष की प्रतिमा...

दरभंगा
अनुसंधान की चूक ने खोली जेल की सलाखें, और SSP जागुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने निलंबन की स्याही से लिखा जवाब जयश्री राम पर प्रशासनिक एक्शन

अनुसंधान की चूक ने खोली जेल की सलाखें, और SSP जागुनाथ रेड्डी...

समय से न पहुँचा न्याय भी अन्याय होता है। परंतु जब उस अन्याय की ज़मीन कोई अपराधी...

दरभंगा
दरभंगा में अपराध के खिलाफ बड़ा एक्शन: कोर्ट ने 11 अभियुक्तों को दी कठोर सजा, पढ़िए कौन-कहां-कैसे गिरा!

दरभंगा में अपराध के खिलाफ बड़ा एक्शन: कोर्ट ने 11 अभियुक्तों...

जब देश की लोकतांत्रिक आत्मा अपनी असली चेतना में जागती है, तो न्यायालयों की कुर्सियों...

बिहार
जब वर्दी की साख दांव पर थी, तब हरिकिशोर राय बने न्याय की आवाज़: रक्सौल के दलदल में सड़ रही व्यवस्था को चीरता एक साहसी डीआईजी, जिसने दलालों से गिरे डीएसपी की सच्चाई को बेनकाब कर दी

जब वर्दी की साख दांव पर थी, तब हरिकिशोर राय बने न्याय की...

जब देश की सरहदें रक्सौल की मिट्टी को चूमती हैं, तब देशभक्ति का भाव केवल गीतों तक...

दरभंगा
जब दरभंगा के यातायात थाने की बंद अलमारियों में काँपने लगे रजिस्टर, धूल सहमी और कुर्सियाँ थर्राईं वर्दी की आहट नहीं, तूफान बनकर पहुँचे एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी; औचक निरीक्षण ने सिस्टम की सांसें टटोल दीं!

जब दरभंगा के यातायात थाने की बंद अलमारियों में काँपने लगे...

यह कोई साधारण दिन नहीं था। यह वह दिन था, जब दरभंगा के यातायात थाना की दीवारें चुपचाप...

दरभंगा
दरभंगा की गलियों में अब गूंजता है डर, न कि चूड़ियों की खनक विश्वविद्यालय थाना के SHO सुधीर कुमार और लहेरियासराय थाना के SHO अमित कुमार के क्षेत्र में महिलाओं को अब कहना पड़ रहा है: 'मत पहनो चैन... कहीं कोई Apachi बाइक वाले न आ जाए!' पढ़िए एक ऐसी रिपोर्ट जो आपको झकझोर देगी, डर की जड़ तक ले जाएगी और सुरक्षा के खोखले दावों की पोल खोल देगी...

दरभंगा की गलियों में अब गूंजता है डर, न कि चूड़ियों की...

जब चूड़ियों की खनक किसी गली से गुजरती थी, तो लगता था कि दरभंगा ज़िंदा है। अब उन्हीं...

दरभंगा
दरभंगा की उजड़ी उम्मीदें और शिक्षक की बेजुबां मौत एसएसपी साहब, अब वक्त है जनता के भरोसे को फिर से जीता जाए, उतरिए मैदान में, खोजिए और सलटाइए उस दरिंदे को जिसने हमारे गुरु की रूह को गोली मार दी!

दरभंगा की उजड़ी उम्मीदें और शिक्षक की बेजुबां मौत एसएसपी...

बिहार की धरती एक बार फिर अपने ही खून से सींच दी गई है। इस बार किसी बाहुबली के बीच...

दरभंगा
संतोष की गिरफ्तारी नहीं, यह एक साहसी पत्रकार की कलम की विजय है: जब प्रीति की मृत्यु को आत्महत्या कहकर दबाने की हो रही थी साज़िश, और आशिष कुमार की लेखनी ने उसे जनचेतना की चिंगारी बना दिया

संतोष की गिरफ्तारी नहीं, यह एक साहसी पत्रकार की कलम की...

दरभंगा के बलभद्रपुर स्थित एनपी मिश्रा चौक की गली में 12 मई की वह दोपहर आज भी लोगों...

दरभंगा
जनप्रतिनिधि जब जनहित को भूलकर बन गया भय का प्रतीक, और अदालत ने पन्नों में लिखी इंसाफ की इबारत: समेला में उमेश मिश्रा पर हुए हमले के 6 साल बाद दरभंगा की विशेष अदालत से मिश्री लाल यादव को दो साल की सजा और जुर्माने का फैसला, बिहार की सियासत में मचा हड़कंप

जनप्रतिनिधि जब जनहित को भूलकर बन गया भय का प्रतीक, और अदालत...

दरभंगा, मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी और अब एक बार फिर से न्याय की जननी बनकर देशभर...

दरभंगा
मटन के नाम पर थाली में परोस दिया गया बीफ! दरभंगा की धरती पर स्वाद और श्रद्धा के साथ पापपूर्ण मज़ाक, स्पार्की होटल बना अपवित्रता का अड्डा! ग्राहक से मारपीट, गाली-गलौज और दो-दो एफआईआर सावधान! इस होटल में जाने से पहले पढ़ लें यह कड़वी सच्चाई…

मटन के नाम पर थाली में परोस दिया गया बीफ! दरभंगा की धरती...

दरभंगा की पवित्र भूमि जहाँ माँ जानकी की स्मृतियाँ गूंजती हैं, जहाँ पान, मखाना और...

दरभंगा
सिमरी थाने की अंधेरी कोठरी में मरा पंकज या मारा गया? बीमारी का बहाना बना 'सिस्टम', लेकिन पोस्टमार्टम की चीत्कारों ने उधेड़ दी इंसाफ की लाश! चार साल आठ महीने बाद जब उठी कानून की गर्दन, तो थानेदार से जवान तक हर चेहरा बेनकाब अब नहीं छुपेगा कोई!

सिमरी थाने की अंधेरी कोठरी में मरा पंकज या मारा गया? बीमारी...

मिथिला की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राजधानी। जहां साहित्य की आत्मा बसती है, वहीं कुछ...

दरभंगा
प्रीति झा की लाश पलंग पर, गले पर फांसी के निशान, आंखों में अंतिम सिसकियां दस दिन बीत गए, पति अब भी गायब, SDPO बोले 'जांच गंभीर है', पर अमरनाथ झा की आंखें पूछ रही हैं... क्या किसी बेटी की मौत के बाद भी कानून इतना सुस्त हो सकता है? क्या पुलिस का भरोसा सिर्फ बयानों तक सीमित है? क्या एक पिता का टूटा विश्वास कभी फिर से जुड़ पाएगा?

प्रीति झा की लाश पलंग पर, गले पर फांसी के निशान, आंखों...

दरभंगा की शहरी भीड़-भाड़ में शामिल एनपी मिश्रा चौक की एक गली, जो आमतौर पर चाय की...

दरभंगा
दरभंगा की वह सुबह जब सूरज नहीं खून उगा आंखोपुर में मनका तालाब के किनारे गुलजार का कटा गला मिला, बहादुरपुर की हवा भी कांपी, लेकिन सिस्टम ने फिर आंखें बंद कर ली; अब सवाल यह नहीं कि किसकी हत्या हुई… सवाल ये है कि अगला कौन होगा?

दरभंगा की वह सुबह जब सूरज नहीं खून उगा आंखोपुर में मनका...

एक समय था जब यह नाम आते ही बुद्धि, विद्या और विरासत की त्रयी स्मृति में उतरती थी।...

दरभंगा
जब दरभंगा की बेटियों ने मिट्टी से उठाकर सपनों को आसमान तक फेंका... मशाल प्रतियोगिता की लौ बनी हौसले की रौशनी, और खेल प्रभारी श्वेता भारती बनीं उस हर कदम की मूक प्रेरणा, जहाँ पसीने से लिखा गया उम्मीदों का घोषणापत्र

जब दरभंगा की बेटियों ने मिट्टी से उठाकर सपनों को आसमान...

शहर की सुबहें जब ठंडी हवाओं से गुफ्तगू कर रही थीं, उसी दरम्यान विद्यालयों के मैदानों...

दरभंगा
प्रीति मर गई, पर उसकी आत्मा आज दरभंगा की सड़कों पर भटक रही है… हर दीवार पर लिखा है ‘इसे आत्महत्या मत कहो, ये हत्या है!’ डीजीपी श्री विनय कुमार जी, अब ये आपके निर्णय की घड़ी है…या तो प्रीति को न्याय दीजिए, या यह स्वीकार कीजिए कि सिस्टम अब केवल ताकतवरों का गुलाम है!

प्रीति मर गई, पर उसकी आत्मा आज दरभंगा की सड़कों पर भटक...

प्रीति झा अब इस दुनिया में नहीं है। उसकी मुस्कान, उसका जीवन, उसकी पहचान सबकुछ एक...

दरभंगा
वाह... वाह राजीव रौशन! जब जनता के आँसू बनें सबूत और फरियादें बनीं फैसला दरभंगा के जिलाधिकारी ने 'जनता दरबार' को बना दिया न्याय की अदालत, जहाँ नारे नहीं, न्याय बोला; और उस न्याय की जुबां से गूंजा 'सत्यमेव जयते

वाह... वाह राजीव रौशन! जब जनता के आँसू बनें सबूत और फरियादें...

शुक्रवार का दिन था, लेकिन जिला समाहरणालय परिसर का माहौल किसी न्यायालय से कम न था।...