दरभंगा
"दरभंगा की जर्जर गलियों में बजा तरक्की का शंखनाद: बंगाली...
जब किसी शहर के पुराने मोहल्ले की गलियाँ चीख-चीखकर अपनी बदहाली का बयान करने लगें,...
"दरभंगा में कानून को दी खुली चुनौती: अब या तो विश्वविद्यालय...
समय की गति तेज है, पर थानों की रफ्तार धीमी। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में अपराध...
"सिंदूर की अवमानना का विध्वंसकारी उत्तर: जब भारत ने ‘ऑपरेशन...
ये कोई साधारण सवेरा नहीं था... ये सूरज उस दिन भारतवर्ष के माथे पर अपनी रोशनी से...
"दरभंगा पुलिस की ‘ईमानदारी योजना’: आरोपी छोड़वाइए, सोने...
दरभंगा की उपजाऊ माटी से न्याय की खुशबू नहीं, अब बेबसी की बदबू उठती है। ये वो ज़मीन...
"दरभंगा की सड़कों पर घुटती साँसें, चिलचिलाती धूप में बिलखती...
जब किसी शहर की सड़कों पर धूप उतरती है, तो वहां सिर्फ गर्मी नहीं उतरती — उतरती है...
"जब राख ने रच दी रश्में: कमतौल की एक बेटी, एक आग, और संवेदना...
कभी-कभी एक छोटी सी घटना, एक मामूली सी चिंगारी, समूचे जीवन को तहस-नहस कर देती है।...
"दरभंगा की गलियों में ईमानदारी की मिसाल बने लहेरियासराय...
जहाँ कभी रातों को डर और अशांति के साये गहरे होते थे, वहीं दीपक कुमार के आते ही एक...
"जब दरभंगा की धरती से उठी दीयों की बग़ावत... और दीपक झा...
24 अप्रैल 2025 की संध्या... दरभंगा की हवाओं में कुछ अलग था। वो शोक का वक़्त था,...
तेज रफ्तार वाहन के कहर ने छीन ली शिक्षिका की जिंदगी, पति...
मोरो थाना क्षेत्र के बसुआरा गांव के निकट एक तेज रफ्तार वाहन के नीचे आकर बाइक सवार...
"बिहार के मिथिला में जन्मा एक तेजस्वी सूर्य: भवानीपुर सिंहवाड़ा...
कभी मिथिला की धरती से विद्वानों ने दुनिया को ज्ञान का प्रकाश दिया था, आज उसी धरती...
“हथकड़ी टूटी नहीं थी, लेकिन शासन की नींव दरक गई थी बेनीपुर...
रविवार की सुबह दरभंगा के डीएमसीएच अस्पताल में कुछ नहीं टूटा ना दरवाज़ा, ना हथकड़ी,...
"दरभंगा के जोगियारा गांव में शादी समारोह के नाम पर चली...
एक बार फिर मिथिला शर्मिंदा हुई है। एक बार फिर दरभंगा की पुलिस व्यवस्था सवालों के...
टनटुनिया टोला की तंग गलियों से टेकरीटी की ठंडी साँसों तक—जब...
शहर वही है... गंध वही... गलियों में उठते धुएं भी वही... पर इस बार फिज़ा में एक सख्त...
"स्वाद की थाली में सजी थी ममता की परछाईं — जब माताओं ने...
शाम की हवा में जब गुलाब की पंखुड़ियाँ महकीं और रसोई से उठती सौंधी महक ने आकाश को...
"जब सिसकियाँ बनीं आवाज़, और कलम ने इतिहास को फिर से जगा...
कभी-कभी कलम तलवार से भी ज़्यादा असर करती है। और जब उस कलम में भावना, दर्द और ज़मीन...
"डीएमसीएच की अधूरी दीवारों को अब मिल गया है अपना शिल्पी—डॉ....
कुछ पद होते हैं, जो सिर्फ कुर्सी नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और जवाबदेही की परिभाषा बन...