दरभंगा के कामेश्वर आयुर्वेदिक अस्पताल में मूर्ति के अनावरण का करेंगे विरोध: प्रियांशु झा
दरभंगा राज स्थित कथित महाराजा कामेश्वर सिंह आयुर्वेद अस्पताल के प्राचार्य द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही हैं इसे लेकर राज दरभंगा के स्टेट ऑफिसर प्रियांशु झा ने डीएम सहित अंचलाधिकारी को आवेदन देकर 15 सितंबर को होने वाली कार्यक्रम से भी अवगत कराते हुये इस कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की हैं। पढ़ें पूरी खबर
दरभंगा राज स्थित कथित महाराजा कामेश्वर सिंह आयुर्वेद अस्पताल के प्राचार्य द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही हैं इसे लेकर राज दरभंगा के स्टेट ऑफिसर प्रियांशु झा ने डीएम सहित अंचलाधिकारी को आवेदन देकर 15 सितंबर को होने वाली कार्यक्रम से भी अवगत कराते हुये इस कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की हैं। इस बाबत राज दरभंगा की और से महाराजा कामेश्वर सिंह मेमोरियल अस्पताल और रिसर्च सेंटर में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। राज दरभंगा के स्टेट ऑफिसर प्रियांशु झा ने कहा कि आम नागरिकों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दर्ज कराई गई थी जिसमें करीब 13 एकड़ जमीन पर उच्च न्यायालय द्वारा स्टेटस को लगा दिया था। इसके बावजूद आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य सात सितंबर को एक कथित महाराजा की मूर्ती को केम्पस में लगा दिया साथ ही 15 सितंबर को इस मूर्ती का अनावरण कर रहें हैं।
इसका उदघाटन बिहार सरकार के कई मंत्री द्वारा किये जाने की सूचना हैं। आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य द्वारा की जा रही मूर्ती का अनावरण उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना हैं। झा ने कहा कि आयुर्वेद कॉलेज का सारा जमीन मोहनपुर में हैं और वहीं काँलेज कार्यरत हैं । उन्होंने कहा कि दरभंगा राज द्वारा संचालित पुराना राज अस्पताल की जमीन को आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य जबरन कब्जा करना चाहते हैं। पुराना राज अस्पताल केम्प्स में कई भवन हैं जिसमें शिशु कल्याण ,सर्वे ऑफिस ,अग्निशामक को किराए पर दिया गया हैं और यह किराया राज अस्पताल के ट्रस्ट को जाता हैं। इस जमीन का सारा कागजात ,अंचल लगान नगर निगम लगान सभी राज दरभंगा के नाम से हैं। आयुर्वेद काँलेज के प्राचार्य कहते हैं कि सरकार टेक ओभर कर ली हैं कभी कहते हैं कि हमें दान में मिला हैं तो कभी कुछ तो कभी कुछ कहा जाता हैं जब्कि प्राचार्य द्वारा कहीं भी कागज दिया नहीं जा रहा हैं।
यही नहीं जिस मूर्ती का अनावरण किया जाना हैं वह मूर्ती दरभंगा महाराज का नहीं हैं। इस कारण स्थानीय लोंगों में काफी आक्रोश हैं। कहीं ऐसा नहीं हो कि स्थानीय लोंगों का आक्रोश प्राचार्य को झेलना पड़े।यही नहीं अगर कोई भी मंत्री इस मूर्ती का उदघाटन करते हैं तो यह भी न्यायालय के आदेश की अवहेलना होगी। इस प्रेस वार्ता मे राज दरभंगा के मनेजर और राज हॉस्पिटल के सचिव आशुतोष दत्त, अमरकांत झा, रमेश झा आदि उपस्थित थे।