दरभंगा:- राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा के 47 वां स्थापना दिवस का हुआ आयोजन
राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा के 47 वां स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को महाविद्यालय में दान-दाताओं की मूर्तियों के अनावरण के साथ स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाया गया। पढ़ें पूरी खबर
दरभंगा:- राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा के 47 वां स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को महाविद्यालय में दान-दाताओं की मूर्तियों के अनावरण के साथ स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रय में प्रातः 10ः00 बजे स्थापना दिवस के अवसर पर पोषण के प्रति जन जागरूकता फैलाने हेतु प्रभात फेरी निकाली गई। बाहर से आये आगंतुको के द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रातः 11ः00 बजे से शुरू हुआ। कार्यक्रम का उद्धाटन श्री राजीव रौशन, जिलाधिकारी, दरभंगा, श्री विश्वनाथ प्रसाद विप्र, डा0 के0 एस0 आर0 प्रसाद, डा0 देवव्रत नारायण सिंह एवं प्राचार्य प्रो0 दिनेश्वर प्रसाद के द्वारा दीप-प्रज्वलन कर किया गया। भगवान धन्वन्तरि वंदना एवं स्वागत गान के उपरान्त प्राचार्य प्रो0 दिनेश्वर प्रसाद ने कहा की संस्थान अपनी 47 वां स्थापना दिवस मना रहा है।
इस संस्थान के लिए जिन दान-दाताओं ने दान दिया एवं आयुर्वेद शिक्षा हेतु आयुर्वेदिक संस्थान के निर्माण हेतु मोहनपुर परिसर में जमीन दान की। उनकी मूर्तियों की स्थापना राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के तत्कालीन उप कुलपति स्व0 रामकरण शर्मा की घर्मपत्नी अनुपम शर्मा के द्वारा की गई। मोहनपुर परिसर में महारानी रमेश्वरी देवी, महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह के बहनोई एवं महराजा रमेश्वर सिंह के जमाई पंडित मुकुन्द झा, भूमि दाता सरयुग ठाकुर, संस्थान के उत्प्रेरक डा0 रामकरन शर्मा, शालाक्य तंत्र के आचार्य निमि, आयुर्वेद के आराध्य देव भगवान धन्वन्तरि की मूर्तियों का अनावरण किया गया। राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक चिकित्सालय परिसर में महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह एवं आयुर्वेद के आराध्य देव भगवान धन्वन्तरि की मूर्तियों का अनावरण किया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी, दरभंगा ने कहा कि महाविद्यालय का विकास दिन प्रतिदिन हो रहा है।
कॉलेज के विकास में आने वाली समस्याओं का यथाशीध्र निष्पादन किया जायेगा। प्राचार्य के द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजा जायेगा उसे शीध्र स्वीकृति प्रदान की जायेगी। विश्वनाथ प्रसाद विप्र एवं डा0 के0 एस0 आर0 प्रसाद ने आयुर्वेद एवं ज्योतिष पर गहराई से प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि ज्योतिष के क्षेत्र में अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है एवं उसे आयुर्वेद से सम्बद्ध स्थापित करते हुए वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाना चाहिए। प्राचार्य डा0 दिनेश्वर प्रसाद ने अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के विकास में लगातार प्रयास करने के साथ-साथ आगत अतिथियों का शाल एवं पाग के द्वारा सम्मानित किया। संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। मंच का संचालन डा0 दिनेश कुमार के द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 शम्भु शरण के द्वारा किया गया। महाविद्यालय शिक्षक समिति के द्वारा जिलाधिकारी, दरभंगा को बुके से सम्मानित किया गया। दिनांक-16.09.2022 को चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भुमिका पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्धाटन प्रातः 10ः00 बजे किया जायेगा।