दरभंगा के मां श्यामा माय मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्यामा माय नामधुन नवाह संकीर्तन प्रारंभ

मां श्यामा मंदिर परिसर से 700 से अधिक कुमारी कन्याओं के साथ कलश शोभा यात्रा प्रभारी मधुबाला सिन्हा के नेतृत्व में एवं नवाह संचालन समिति के संयोजक डॉ जयशंकर झा की उपस्थिति में शुरू हुई जो लालबाग पोस्ट ऑफिस, जुड़ावन सिंह मोहल्ला स्थित गणेश मंदिर, दरभंगा टावर के शिव मंदिर, सेनापथ के महावीर मंदिर, भगवान दास मोहल्ला के हनुमान मंदिर, मुफ्ती मोहल्ला के राम जानकी मंदिर, हनुमानगंज के नाग मंदिर, मिर्जापुर के राधा कृष्ण मंदिर एवं मलेच्छ मर्दनी मंदिर, गौशाला के नवरत्न मंदिर होते हुए श्याम मंदिर परिसर वापस पहुंची. पढ़े पुरी खबर........

दरभंगा के मां श्यामा माय मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्यामा माय नामधुन नवाह संकीर्तन प्रारंभ
मां श्यामा माय मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्यामा माय नामधुन नवाह संकीर्तन प्रारंभ; फोटो: मिथिला जन जन की आवाज समाचार
दरभंगा के मां श्यामा माय मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्यामा माय नामधुन नवाह संकीर्तन प्रारंभ

दरभंगा: मां श्यामा मंदिर परिसर से 700 से अधिक कुमारी कन्याओं के साथ कलश शोभा यात्रा प्रभारी मधुबाला सिन्हा के नेतृत्व में एवं नवाह संचालन समिति के संयोजक डॉ जयशंकर झा की उपस्थिति में शुरू हुई जो लालबाग पोस्ट ऑफिस, जुड़ावन सिंह मोहल्ला स्थित गणेश मंदिर, दरभंगा टावर के शिव मंदिर, सेनापथ के महावीर मंदिर, भगवान दास मोहल्ला के हनुमान मंदिर, मुफ्ती मोहल्ला के राम जानकी मंदिर, हनुमानगंज के नाग मंदिर, मिर्जापुर के राधा कृष्ण मंदिर एवं मलेच्छ मर्दनी मंदिर, गौशाला के नवरत्न मंदिर होते हुए श्याम मंदिर परिसर वापस पहुंची। कलश शोभा यात्रा में वैदिक मंगलाचरण के साथ ही जय श्यामा माय के जयकारों से दरभंगा गुंजायमान हो उठा। वापस आयी कन्याओं को मां श्यामा के प्रसाद के रूप में भंडारा ग्रहण कराया गया तथा मां श्यामा के आशीर्वाद एवं उपहार स्वरूप साड़ी देकर विदा किया गया।

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कलश शोभा यात्रा में वार्ड पार्षद मुकेश कुमार महासेठ, अशोक श्रीवास्तव, राजकुमार नायक, श्याम किशोर राम, राजीव प्रकाश मधुकर, अशोक नायक, संतोष कुमार राय, सुशील कनोडिया, बासुकीनाथ झा, प्रो उदय शंकर मिश्र, राकेश झा, बालेंद्र झा, विनोदानंद झा, वार्ड पार्षद नवीन सिन्हा, प्रमोद गुप्ता, दुर्गानंद झा तथा रवि भूषण चतुर्वेदी आदि ने शोभा यात्रा के सुव्यवस्थित संचालन में सक्रिय योगदान किया।

अगले सत्र का प्रारंभ मां श्याम को अलौकिक अध्यक्ष मानते हुए डॉ मित्रनाथ झा के श्यामा- स्तोत्र गायन तथा दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत मां श्यामा की चुनरी तथा फूल- माला से किया गया। लौकिक अध्यक्ष प्रो एस एम झा ने कहा कि यह महायज्ञ सभी मिथिलावासियों का है, जिसमें आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। अतः सब लोग इस आध्यात्मिक महायज्ञ में उत्साह पूर्वक बढ़- चढ़कर भाग लें। न्यास समिति के अध्यक्ष ने मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ संत कुमार चौधरी का यथोचित स्वागत किया। डॉ चौधरी ने कहा कि श्यामा मंदिर परिसर में आने से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है तथा आत्मिक शांति का अनुभव होता है।

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मंच संचालन के क्रम में मां श्यामा संदेश के कार्यकारी संपादक डॉ अमलेन्दु शेखर पाठक ने बताया कि विज्ञापन रहित यह स्मारिका उच्च स्तरीय आलेखों एवं सूचनाओं से युक्त है। उन्होंने संपादक मंडल के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस बार स्मारिका के लिए सहयोग राशि मात्र 20 रुपए रखा गया है, ताकि यह मिथिलावासियों के घर-घर तक पहुंच सके। न्यास समिति के उपाध्यक्ष डॉ जयशंकर झा ने समिति के सदस्यों से अगले 9 दिनों तक कलश शोभा यात्रा में किये सहयोग की तरह ही पूरे उत्साह एवं तत्परता से हर संभव सेवा करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में न्यास समिति के उपाध्यक्ष पंडित कमलाकांत झा, सचिव सह जिलाधिकारी के प्रतिनिधि (विधि एवं व्यवस्था) राकेश रंजन, न्यासी डॉ संतोष पासवान, पचाढी महंत मोनी बाबा, सिंडिकेट सदस्य डॉ बैजनाथ चौधरी 'बैजू', प्रो रमेश झा, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ अंजू अग्रवाल, प्रबंधक अमरजीत कारक, डॉ महानंद ठाकुर, सिद्धूमल बजाज, उज्ज्वल कुमार, वरुण कुमार आदि उपस्थित थे।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कलश यात्रा की प्रभारी मधुबाला सिन्हा ने आगंतुकों तथा यात्रा में सहयोग करने वाले सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विशेष रूप से 700 से अधिक कन्याओं को धन्यवाद दिया। तृतीय सत्र में निर्धारित शुभ मुहूर्त में प्रधान पुजारी शरद कुमार झा द्वारा अग्नि स्थापन विधि संपन्न कराई गई। हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित होने के पश्चात् हवन कुंड-परिक्रमा संपन्न कर प्रधान एवं सहायक पुजारी सहित सभी अतिथि एवं गणमान्य व्यक्ति श्यामा नामधुन स्थल पहुंचे, जहां श्याम नामधुन प्रारंभ कराया गया। श्यामा नामधुन संकीर्तन पारस पंकज के संयोजन में हो रहा है। अगले 9 दिनों तक पंडित श्याम ठाकुर एवं पंडित दुर्गानंद ठाकुर आचार्य की भूमिका में पूजा- पाठ तथा हवन आदि कार्यों का संपादन करेंगे।