सिंहवाड़ा प्रखंड के 50 चयनित गंगादूतों को 19- 20 अगस्त को पंचायत सरकार भवन, सनहपुर में दिया जा रहा है आवासीय प्रशिक्षण

नेहरु युवा केन्द्र, दरभंगा तथा नमामि गंगे, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में सिंहवाड़ा प्रखंड के सनहपुर, दरभंगा स्थित पंचायत सरकार भवन में 19 से 20 अगस्त के बीच दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित की गई है। पढ़ें यह खबर

सिंहवाड़ा प्रखंड के 50 चयनित गंगादूतों को 19- 20 अगस्त को पंचायत सरकार भवन, सनहपुर में दिया जा रहा है आवासीय प्रशिक्षण

दरभंगा:- नेहरु युवा केन्द्र, दरभंगा तथा नमामि गंगे, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में सिंहवाड़ा प्रखंड के सनहपुर, दरभंगा स्थित पंचायत सरकार भवन में 19 से 20 अगस्त के बीच दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित की गई है। दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रेस एवं मीडिया पदाधिकारी सह संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि 'नमामि गंगे' भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी एवं जनोपयोगी योजना है, जिसकी शुरुआत वाराणसी से जून 2014 में हुई। इस योजना की शत प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा व्यय की जा रही है। योजना में गंगा नदी तथा उसकी सहायक सभी नदियों को 18 वर्षों में प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महत्वपूर्ण ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसकी सफलता में युवाओं का सक्रिय योगदान अनिवार्य है।

डा चौरसिया ने कहा कि गंगा नदी का न केवल सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व है, बल्कि आर्थिक महत्व भी है। यह भारत की पवित्र नदी है जो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल होते हुए बड़े भूभाग के संपर्क में आती है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे भी गंगादूतों की तरह प्रशिक्षित होकर आमलोगों को गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने हेतु आमलोगों को पूरी तरह से जागरूक एवं संवेदनशील बनाएं। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व महासचिव मणिकांत मणि ने कहा कि भारत युवाओं का सबसे बड़ा देश है। उन्हें नैतिक रूप से सबल एवं संवेदनशील बनाना आवश्यक है। भारत अध्यात्म विद्या में आगे रहा है। गंगा एक नदी मात्र ही नहीं, वरन हमारी मां सदृश्य हैं। यह भारत और बांग्लादेश का लाइफ लाइन भी है। गंगा का क्षेत्र मुख्य रूप से उपजाऊ रहा है। यह एक पवित्र नदी है जो कई कारणों से प्रदूषित हो गई है, क्योंकि उत्तर भारत का सबसे बड़ा शहर कानपुर, पटना व वारानसी आदि शहर गंगा के किनारे स्थित हैं।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्नातक संघ, बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष शिवदत्त ठाकुर ने कहा कि गंगा सहित उनकी सभी सहायक नदियों को प्रदूषण से रक्षा हेतु हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए, नहीं तो पूरे मानव जाति को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। अध्यक्षीय संबोधन में नमामि गंगे, दरभंगा के प्रोजेक्ट ऑफिसर फारुख इमाम ने कहा कि प्रशिक्षण लेकर सभी गंगादूत अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करेंगे। गंगा के आसपास के स्थित सभी सहायक नदियों को भी निर्मल एवं और अविरल करना इस योजना का लक्ष्य है। उन्होंने इन नदियों को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त करने के लाभों की चर्चा की। उद्घाटन सत्र के उपरांत तकनीकी सत्र में प्रशिक्षक आनंद अंकित ने गंगादूतों को सभी सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्षों से प्रशिक्षकों को अवगत कराया। प्रशिक्षणार्थी-विवेक कुमार, विजय कुमार यादव, सोनू कुमार एवं सचिन कुमार आदि द्वारा पूछे गए सभी रोचक प्रश्नों का उत्तर मुख्य अतिथि डा आर एन चौरसिया ने सर्वोत्तम तरीके से दिया। अतिथियों का स्वागत शिशु पौधों से किया गया, जबकि स्वागत गान राजनाथ पंडित ने प्रस्तुत किया।

शिविर के संयोजक के रूप में राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक नीतीश कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए शिविर के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सी एम कॉलेज के एनएसएस स्वयंसेवक राजनाथ पंडित के संचालन में आयोजित उद्घाटन सत्र में राहुल प्रियदर्शी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।