दरभंगा में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, सरकार पर साधा निशाना, बिहार में बैठे लोग शराब- बालू के खेल में लिप्त, पूरी तरह से फेलियोर है लॉ एंड ऑर्डर
दरभंगा जिले के हायाघाट प्रखंड के मकसूदपुर गांव में बीते रविवार को शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से शराबबंदी को लेकर सियासी बयानबाजियां जारी है. इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दरभंगा के हायाघाट के मकसूदपुर गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और राज्य सरकार से आर्थिक मदद की मांग की. पढ़ें पूरी खबर.......
दरभंगा : बिहार दरभंगा जिले के हायाघाट प्रखंड के मकसूदपुर गांव में बीते रविवार को शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से शराबबंदी को लेकर सियासी बयानबाजियां जारी है. इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दरभंगा के हायाघाट के मकसूदपुर गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और राज्य सरकार से आर्थिक मदद की मांग की.
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शराब से मौत मामले को दबाने में जुटा प्रशासन: विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस मामले को प्रशासन पूरी तरह से दबाने में लगी हुई है. मुख्यमंत्री की शराबबंदी नीति का उल्लंघन इनके सरकार में बैठे लोग ही कर रहे हैं तथा इसे कमाई का जरिया बना लिया है. महागठबंधन के लोग शराबबंदी को अपना रोजगार बनाकर अपना एक उद्योग चला रहे हैं. अधिकतर सत्ता में बैठे लोग दारू, बालू के खेल में लगे हुए हैं. इस खेल के कारण समाज के अंदर हत्या, बलात्कार, लूट का खेल चल रहा है और समाज में दहशत पैदा कर रहे हैं.
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शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल': विजय सिन्हा ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि विपक्ष के नाते सदन तक भी लड़ेंगे और और सड़क पर भी लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कानून पूरी तरह से फेल हो चुकी है. जिस समय शराब बंदी की नीति आई थी. उस समय विपक्ष में मैं था और सदन के अंदर कहा कि आपकी नीति में बहुत सारा झोल है. नीयत साफ नहीं है और यह सफल नहीं हो पाएगी. आपका जो तंत्र है वह भ्रष्टाचारियों की जमात है, लेकिन यह सरकार अपनी अहंकार में रही.
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विजय सिन्हा ने कहा कि फिर भी हमलोगों ने शराबबंदी से समाज को लाभ मिलेगा. इसलिए इसका साथ दिया. लेकिन जब सत्ता में बैठे लोग ही शराब बेचने लगे, तो फिर यह कैसे सफल होगी. वहीं उन्होंने सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को रोजगार मिले तथा इस मामले में लिप्त पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.