दरभंगा में गुरु पूर्णिमा के मौके पर अलग अलग क्षेत्र के साधकों का सम्मान

दरभंगा में गुरु पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को सृष्टि फाउंडेशन के तत्वावधान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. पढ़े पूरी खबर.....

दरभंगा में गुरु पूर्णिमा के मौके पर अलग अलग क्षेत्र के साधकों का सम्मान

दरभंगा: गुरु पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को सृष्टि फाउंडेशन के तत्वावधान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. शशिनाथ झा, कुलानुशासक प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण, विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमला कांत झा एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो. जयशंकर झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

                                Advertisement

मौके पर प्रो. शशिनाथ झा ने अपने संबोधन में कहा की अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरु को सादर नमन करते हैं और जीवन में गुरु का मार्गदर्शन और सान्निध्य प्राप्त होना परम सौभाग्य की बात है। इससे पहले सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक जयप्रकाश पाठक ने अतिथियों का मिथिला की गौरवशाली परंपरा अनुरूप पाग, चादर एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया। इस मौके पर कुलपति प्रो शशिनाथ झा के हाथों विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया।

                               Advertisement

इसमें मुकेश झा, मीना झा, श्याम भास्कर, प्रवीण कुमार झा, उज्ज्वल कुमार, सोनी चौधरी, डॉ. प्रभाकर झा, नूतन झा, राघवेंद्र मिश्रा, हेमंत कुमार झा, रविरंजन, ध्रुव ठाकुर, सुमित सुमन, आशीष चौधरी, विवेक मुस्कान, ज्योति प्रकाश, मयंक कुकरेजा, प्रवीण झा, नीरज झा आदि को सृष्टि फाउंडेशन की ओर से पाग, दोपटा एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सोनाक्षी प्रिया ने ओडिसी नृत्य की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। जबकि कथक नृत्य में दृष्णा, शिवांगी, भाविका, प्रगति एवं अवान्या ने अपनी प्रस्तुति से खूब वाहवाही बटोरी। वेस्टर्न नृत्य में शिवांश एवं तृप्ति की काफी सराहा गया। सृष्टि फाउंडेशन के सभी छात्र-छात्राओं और अभिभावकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।