दरभंगा के डीएम राजीव रौशन की कोचिंग सेंटर्स को चेतावनी, बोले- सरकारी शिक्षक कोचिंग न चलाएं और ना ही किसी कोचिंग में पढ़ाएंगे

समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग के जिला एवं प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग न चलाएं, ना ही किसी कोचिंग में पढ़ाएं, सभी शिक्षकों से इस आशय का शपथ पत्र ले लेने का निर्देश दिया गया. पढ़ें पूरी खबर.....

दरभंगा के डीएम राजीव रौशन की कोचिंग सेंटर्स को चेतावनी, बोले- सरकारी शिक्षक कोचिंग न चलाएं और ना ही किसी कोचिंग में पढ़ाएंगे

दरभंगा। समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग के जिला एवं प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग न चलाएं, ना ही किसी कोचिंग में पढ़ाएं, सभी शिक्षकों से इस आशय का शपथ पत्र ले लेने का निर्देश दिया गया।

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जिला में जितने भी कोचिंग संस्थान चल रहे हैं, उनका सर्वे इस जानकारी के साथ ही वे निबंधित है या नहीं, वहां कितने शिक्षक हैं, किस उद्देश्य से कोचिंग चल रहा है, क्या वहां प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है या मैट्रिक या इंटर की परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है, कोचिंग पूर्वाह्न 09:00 बजे से अपराह्न 04:00 बजे के बीच तो नहीं चल रहा है? बैठक में बताया गया कि विद्यालय में यदि एक कमरा अतिरिक्त है, जिसका उपयोग नहीं हो रहा है, तो उस कमरे को आंगनवाड़ी केन्द्र के संचालन के लिए दे दिया जाए। साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों का नामांकन किस स्कूल में होगा यह भी पूर्व से तैयारी कर ली जाए।

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जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षकों का सेवांत लाभ लंबे समय तक न मिलने के संबंध में शिकायते मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की शिकायत कहीं से प्राप्त होगी, तो वहां के प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी को जिम्मेवार माना जाएगा और उनके विरूद्ध कारवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी अपने प्रखण्ड के वर्ष 2023 से जून 2024 तक सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों की सूची बना लें और यह सुनिश्चित करें कि शिक्षक की सेवानिवृति तिथि को उनके सारे सेवांत लाभ उन्हें मिल जाए। बैठक में कहा गया कि स्कूल में पुराने टूटे हुए उपस्कर, जो मरम्मति के लायक हैं, उनकी मरम्मति करा ली जाए और जो मरम्मति के लायक नहीं है, उनकी नीलामी कर दी जाए।

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बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह ने बताया कि विद्यालय के बच्चों का साप्ताहिक एवं मासिक मूल्यांकन करते रहने का निर्देश प्राप्त है। सभी विद्यालयों से इसे सुनिश्चित करावें। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में विद्यालय का शौचालय अकार्यरत नहीं रहना चाहिए। वहां चालू हालत में नल होनी चाहिए। शौचालय बिल्कुल साफ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्देश है कि सभी विद्यालयों का भू-अभिलेख बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बहुत सारे विद्यालय के भू-सम्पदा का दुरूपयोग वहां के प्रधानाध्यापक द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 25 एकड़ का नारायण पोखर विगत 18 वर्षों से वहां के एक सेवानिवृत शिक्षक द्वारा अपने एवं अपनी पत्नी के नाम से बिना किसी नोटिस के अत्यधिक कम वार्षिक राशि पर उसका उपयोग किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि हर विद्यालय में स्थाई सम्पदा पंजी एवं अस्थाई सम्पदा पंजी संधारित होनी चाहिए।

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इसके साथ ही बहुत सी ऐसी जमीन भी होगी, जहां विद्यालय नहीं है, लेकिन विद्यालय के नाम पर जमीन होगी, उसका भी सर्वें करा लिया जाए। बताया गया कि मखनाही में विद्यालय का जमाबंदी नहीं होने के कारण किसी निजी व्यक्ति द्वारा फर्जी जमाबंदी कायम कर विद्यालय की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विज्ञान व गणित के शिक्षक को निकट के एक और विद्यालय में सम्बद्ध करने तथा प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मास्टर डिग्री वाले शिक्षकों को उच्च विद्यालय के साथ सम्बद्ध करने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि जिला में 38 अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार विद्यालय का सभी ब्लैक बोर्ड का कालीकरण अनिवार्य है, इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।

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बैठक में लाइब्रेरी को पूर्णत: सक्रिय करने का निर्देश दिया गया। बताया गया कि प्रत्येक मध्य विद्यालय को 10 एवं उच्च विद्यालय को 20 कम्प्यूटर ई-लाइब्रेरी के लिए दिया जा रहा है। प्रत्येक उच्च विद्यालय में 05 प्रतियोगिता वाली मैगजीन एवं 02 दैनिक समाचार पत्र रखने का निर्देश दिया गया है। उच्च विद्यालय में विज्ञान के लैब को सक्रिय करने के लिए विद्यालय के छात्र निधि या विकास निधि से आवश्यक लैब उपकरण का क्रय तुरंत कर लेने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला स्तर से प्रतिदिन के लिए विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोग के लिए सिलेबस निर्धारित कर दिया जाए और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उस प्रयोग का वीडियो डाल दिया जाए। बैठक में उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह के साथ संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।