जब श्रद्धा से जुड़ी भावनाएं डगमगाईं, तब दरभंगा पुलिस बनी विश्वास की दीवार; अफवाहों की आग बुझाई तर्क और साक्ष्य से, और दो घंटे में सच्चाई को सामने लाकर पेश की प्रशासनिक ईमानदारी की मिसाल
मदारपुर भगवती मंदिर… जहां हर मंगलवार और शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालु आस्था का दीप जलाने आते हैं। उसी आस्था के केंद्र में आज तड़के एक ऐसी घटना घटित हुई जिसने पल भर को पूरे शहर को बेचैन कर दिया। मंदिर परिसर में मिट्टी से बने एक पवित्र पिंड को किसी ने क्षति पहुंचा दी थी। धार्मिक भावना से जुड़ी इस खबर ने जैसे ही शहर में हवा पकड़ी, अफवाहों और संभावित तनाव की लहर उठने लगी। मगर इससे पहले कि स्थिति किसी दिशा में मुड़ती, दरभंगा पुलिस ने महज दो घंटे में इस मामले का पर्दाफाश कर समाज को एक बड़ी राहत दी. पढ़े पुरी खबर.......

दरभंगा: मदारपुर भगवती मंदिर… जहां हर मंगलवार और शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालु आस्था का दीप जलाने आते हैं। उसी आस्था के केंद्र में आज तड़के एक ऐसी घटना घटित हुई जिसने पल भर को पूरे शहर को बेचैन कर दिया। मंदिर परिसर में मिट्टी से बने एक पवित्र पिंड को किसी ने क्षति पहुंचा दी थी। धार्मिक भावना से जुड़ी इस खबर ने जैसे ही शहर में हवा पकड़ी, अफवाहों और संभावित तनाव की लहर उठने लगी। मगर इससे पहले कि स्थिति किसी दिशा में मुड़ती, दरभंगा पुलिस ने महज दो घंटे में इस मामले का पर्दाफाश कर समाज को एक बड़ी राहत दी।
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सुबह की पहली किरण के साथ एक बेचैन खबर: 01 जून 2025, प्रातः 04:00 बजे… मंदिर के पुजारियों और स्थानीय भक्तों ने देखा कि मिट्टी के बने पिंड को किसी ने तोड़ दिया है। यह दृश्य उनके लिए आस्था के अपमान जैसा प्रतीत हुआ। किसी ने साजिश की आशंका जताई, किसी ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की योजना करार दिया। सुबह 11:15 बजे जैसे ही यह सूचना लहेरियासराय थाना प्रभारी को प्राप्त हुई, तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया। दरभंगा सदर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष लहेरियासराय, नगर क्षेत्र के अन्य थाना प्रभारी और तकनीकी टीम घटनास्थल पर पहुँच गए।
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CCTV ने खोली सच्चाई की खिड़की: आस्थाओं की भीड़ के बीच जब आँखें जवाब देने लगी थीं, तब तकनीक ने अपनी भूमिका निभाई। मंदिर परिसर के CCTV फुटेज को बारीकी से खंगाला गया। कैमरे की आँखों ने बताया कि यह कृत्य किसी असामाजिक तत्व का नहीं था। बल्कि, यह कार्य एक नाबालिग लड़के द्वारा किया गया, जिसकी मानसिक स्थिति सामान्य नहीं है। कैमरे में कैद दृश्य में वह लड़का अकेले मंदिर में प्रवेश करता है और कुछ देर में गलती से मिट्टी के पिंड को क्षति पहुँचा देता है।
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परिजनों ने दिखाई इलाज की रिपोर्ट: पुलिस जब उस लड़के की पहचान कर उसके घर पहुँची तो जो सच सामने आया, वह सबकी आँखें खोलने वाला था। परिजनों ने स्पष्ट किया कि यह बालक पिछले दो-तीन वर्षों से मानसिक रूप से अस्वस्थ है, और पटना के एक प्रसिद्ध मानसिक आरोग्य केंद्र में उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने इलाज से संबंधित दस्तावेज भी पुलिस को दिखाए, जो उनकी बातों की पुष्टि कर रहे थे।
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दो घंटे में हुआ उद्भेदन, पूरे शहर ने ली राहत की साँस: इस मामले को जिस तेजी और संवेदनशीलता के साथ दरभंगा पुलिस ने सुलझाया, वह काबिल-ए-तारीफ है। जहां एक तरफ घटना को साजिश का रूप देने की कोशिशें चल रही थीं, वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दरभंगा के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने केवल दो घंटे में सच दुनिया के सामने रख दिया।
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पुलिस की आधिकारिक टिप्पणी: दरभंगा पुलिस के सोशल मीडिया कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया: “निगरानी रखी जा रही है। विधि-व्यवस्था की स्थिति पूर्णतः सामान्य है।”
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समाज ने की सराहना, सोशल मीडिया पर तारीफों की बाढ़: इस त्वरित कार्रवाई के बाद शहर के बुद्धिजीवी वर्ग, धार्मिक संस्थान, आम नागरिक और सोशल मीडिया यूजर्स ने दरभंगा पुलिस को धन्यवाद दिया। फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों ने इस कार्य को “समझदारी की जीत” और “आस्था को बचाने वाला उत्तरदायित्वपूर्ण कदम” करार दिया।
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यह सिर्फ एक केस नहीं, प्रशासनिक सतर्कता का प्रमाण है: यह घटना सिर्फ एक धार्मिक स्थान की क्षति का मामला नहीं था, बल्कि समाज की मानसिकता, प्रशासन की चौकसी और अफवाहों से लड़ने की हमारी सामूहिक क्षमता की परीक्षा थी और इस परीक्षा में दरभंगा पुलिस ने न केवल पास किया, बल्कि उत्कृष्टता की मिसाल कायम की। "जो घटना धार्मिक तनाव बन सकती थी, वह समझदारी और तत्परता से एक मानवीय त्रुटि बनकर रह गई धन्यवाद दरभंगा पुलिस।"