दरभंगा
दरभंगा पुलिस की रैतिक परेड में अनुशासन की लय, नेतृत्व की...
सुबह की हल्की धूप, जून की नमी भरी हवा, और समय से पूर्व पसीने से तर-बतर उन सैकड़ों...
जिन्होंने नहीं सुनी वो ‘धाँय!’, वे पढ़ें यह रिपोर्ट ताकि...
भरवाड़ा की वह शाम सामान्य नहीं थी। हल्की हवा बह रही थी, बाजार में चूड़ी की खनखनाहट...
जब दरभंगा की सड़कों पर कानून की परिभाषा खुद चलती मिली:...
यह दरभंगा की वही रात थी वही चांद, वही सड़कें, वही बिजली के खंभों पर थरथराते बल्ब,...
मशाल जुलूस पर बरसी लाठियाँ, घायल कार्यकर्ता और मौन प्रशासन...
इतिहास की पगडंडियों से निकलती मिथिला की राजधानी दरभंगा आज फिर एक सवाल के घेरे में...
संजय सरावगी के संकल्प और नितिन नवीन की निगरानी में दरभंगा...
पटना की एक शांत सुबह। लेकिन उस सुबह की एक मीटिंग ने दरभंगा के निवासियों के जीवन...
हे राम! उस रात दरभंगा के कमतौल में क्या बीता उस अबला माँ...
पांच जून की वह शाम न केवल एक स्त्री की आत्मा के लिए अंत का आरंभ थी, बल्कि बिहार...
दरभंगा में अब शराबबंदी नहीं, 'ऑपरेशन शिकंजा' की गूंज है......
जब दरभंगा की धरती को शराबबंदी की सौगंध दी गई थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा...
जब विदाई की तालियों में भीग गईं आंखें और सूटकेस में सिमट...
मिथिला की ऐतिहासिक धरती, जहां हर मोड़ पर इतिहास सांस लेता है, जहां सरोवरों में जल...
बकरीद की मिठास के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस की सख्ती: दरभंगा...
बकरीद के दो दिन बाद, जब शहर की गलियों में त्योहार की मिठास बाकी थी, उसी दौरान दरभंगा...
दरभंगा में अपराधियों के लिए अब नहीं बचेंगे कोई रास्ते वरीय...
संध्याकालीन सन्नाटा जब अपने काले घूँघट ताने शहर को जकड़ चुका था, तब अचानक दरभंगा...
जब दरभंगा की सड़कों पर बहनों के आँसू अंगार बने, लाठी के...
कभी शांति और संस्कृति की नगरी रही दरभंगा, अब धीरे-धीरे आंदोलनों की आग में तप रही...
जब दरभंगा की धरती पर फिर उग आई शराब की एक और कालिख कमतौल...
दरभंगा की मिट्टी में आज फिर कानून की जड़ों ने करवट ली है। जिस ज़मीन ने कभी विद्यापति...
दरभंगा की मिट्टी में जब डॉक्टर स्मृति ने जीवन का बीज बोया,...
यह केवल एक सेंटर का उद्घाटन नहीं था, यह उस दर्द की दवा का शुभारंभ था, जिसे शब्दों...
नाजिया हसन की पोस्ट बनी चिनगारी, मशाल जुलूस बना अपराध,...
दरभंगा की दोपहर शनिवार को कुछ और ही रंग में रंगी थी। आसमान में धूप सामान्य थी, लेकिन...
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में फर्जी एडीआरएम की गूंज:...
देश की इस धड़कती रेल व्यवस्था में हर रोज़ लाखों लोग चढ़ते हैं, उतरते हैं, मंज़िल...
दरभंगा में आम की कैरेट अब सिर्फ़ फल नहीं ढोते, अब वो शराबबंदी...
जब समाज सो रहा था, तब पुलिस जाग रही थी यह वाक्य अब पोस्टरों का सौंदर्यशास्त्र भर...