दरभंगा के खरथुआ गांव में रात 11 बजे गोलियों की गूंज से कांप उठी नींद पेट्रोल पंप मालिक व प्रॉपर्टी डीलर लक्ष्मण यादव के सूने घर पर बरसीं गोलियां, बदमाशों ने नाम लेकर दी जान से मारने की धमकी, दिल्ली में परिवार के साथ बैठे सपनों पर टूटी मौत की दस्तक, गांव की गलियों में पसरा खौफ और कानून के दरवाजे पर खड़े सवाल!

दरभंगा की गर्म और अपेक्षाकृत शांत मानी जाने वाली रातों में एक रात ऐसी भी आई, जो गांव की ज़मीन को थर्रा गई, दीवारों को चीर गई और आसमान की चुप्पी को रौंद गई। बीती रात ठीक 11 बजे, जब अधिकतर घरों में दरवाज़े बंद हो चुके थे, जब नींद धीरे-धीरे आंखों पर दस्तक देने लगी थी और गांव की गलियों में बस चिड़ियों की अंतिम पुकार रह गई थी, उसी वक़्त दरभंगा के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत खरथुआ गांव में कुछ ऐसा घटा, जो आने वाले कई दिनों तक ग्रामीणों की स्मृति से मिट नहीं सकेगा. पढ़े पुरी खबर......

दरभंगा के खरथुआ गांव में रात 11 बजे गोलियों की गूंज से कांप उठी नींद पेट्रोल पंप मालिक व प्रॉपर्टी डीलर लक्ष्मण यादव के सूने घर पर बरसीं गोलियां, बदमाशों ने नाम लेकर दी जान से मारने की धमकी, दिल्ली में परिवार के साथ बैठे सपनों पर टूटी मौत की दस्तक, गांव की गलियों में पसरा खौफ और कानून के दरवाजे पर खड़े सवाल!
दरभंगा के खरथुआ गांव में रात 11 बजे गोलियों की गूंज से कांप उठी नींद पेट्रोल पंप मालिक व प्रॉपर्टी डीलर लक्ष्मण यादव के सूने घर पर बरसीं गोलियां, बदमाशों ने नाम लेकर दी जान से मारने की धमकी, दिल्ली में परिवार के साथ बैठे सपनों पर टूटी मौत की दस्तक, गांव की गलियों में पसरा खौफ और कानून के दरवाजे पर खड़े सवाल!

दरभंगा की गर्म और अपेक्षाकृत शांत मानी जाने वाली रातों में एक रात ऐसी भी आई, जो गांव की ज़मीन को थर्रा गई, दीवारों को चीर गई और आसमान की चुप्पी को रौंद गई। बीती रात ठीक 11 बजे, जब अधिकतर घरों में दरवाज़े बंद हो चुके थे, जब नींद धीरे-धीरे आंखों पर दस्तक देने लगी थी और गांव की गलियों में बस चिड़ियों की अंतिम पुकार रह गई थी, उसी वक़्त दरभंगा के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत खरथुआ गांव में कुछ ऐसा घटा, जो आने वाले कई दिनों तक ग्रामीणों की स्मृति से मिट नहीं सकेगा।

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पेट्रोल पंप व्यवसायी और प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े लक्ष्मण यादव के आवास पर अज्ञात बाइक सवार दो अपराधियों ने सात राउंड गोलियां बरसाईं लगातार, बेधड़क, खुलेआम। लक्ष्मण यादव स्वयं इस समय अपने परिवार संग दिल्ली प्रवास पर थे, किन्तु घर पर उनके छोटे भाई राहुल कुमार यादव उपस्थित थे। गोली चलने की आवाज़ और गालियों की चीख सुनकर वे भयभीत होकर भीतर ही दुबक गए। और गांव की गलियों में गूंजती रही बदमाशों की वह ललकार "लक्ष्मण यादव, बाहर निकल! आज तुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे!"

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यह दृश्य किसी गैंगस्टर फ़िल्म का नहीं था, बल्कि दरभंगा की धरती पर घट रही एक जीवंत भयावहता थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, अपराधी करीब पांच मिनट तक लगातार फायरिंग करते रहे। दोनों बदमाश एक ही बाइक पर सवार थे, जिनमें से एक ने चेक शर्ट पहन रखी थी यह दृश्य घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। गोलीबारी के दौरान, गांव के लोग अपनी सुरक्षा भूलकर बाहर निकल पड़े। जैसे ही उन्होंने हिम्मत दिखाई, अपराधी मौके से भाग खड़े हुए। स्थानीय निवासी अजय कुमार यादव, जो लक्ष्मण यादव के दूसरे भाई हैं, ने बताया कि ये बदमाश जान से मारने की खुली धमकी दे रहे थे और विशेष रूप से लक्ष्मण यादव को ही निशाना बना रहे थे।

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पुलिस की तत्परता: 5 मिनट में पहुंची टीम: घटना की सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम पांच मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गई। घटनास्थल से तीन खोखा बरामद किए गए हैं, जबकि बाकी खोखे संभवतः अपराधियों के साथ ही चले गए या खोजे नहीं जा सके हैं। पुलिस ने तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।

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सदर डीएसपी राजीव कुमार ने जानकारी दी कि घटनास्थल से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की जा रही है और आरोपियों की पहचान की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने मीडिया से कहा, “यह घटना लक्षित हमले की ओर संकेत करती है। हम तकनीकी व भौतिक दोनों साक्ष्यों पर कार्य कर रहे हैं। बहुत जल्द अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।”

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कौन हैं लक्ष्मण यादव?

लक्ष्मण यादव न केवल एक प्रतिष्ठित पेट्रोल पंप मालिक हैं, बल्कि इलाके में जमीन-जायदाद के क्षेत्र में भी सक्रिय प्रॉपर्टी डीलर के रूप में जाने जाते हैं। उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति अच्छी मानी जाती है, और यही बात उन्हें अपराधियों की सूची में ऊपर लाने का कारण बन सकती है। यह हमला केवल उनके घर पर नहीं, बल्कि उस प्रतिष्ठा पर भी था जो वर्षों से उन्होंने मेहनत से अर्जित की थी।

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गांव में पसरा भय, लेकिन पुलिस पर भरोसा: घटना के बाद खरथुआ गांव में भय और तनाव का माहौल है। रात को हुई यह गोलीबारी किसी बुरे स्वप्न की भांति लोगों की चेतना में समा गई है। कई वृद्ध महिलाओं और बच्चों को नींद नहीं आई। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहले ऐसा दृश्य सिर्फ अखबारों में पढ़ा था, लेकिन अब वह भय उनके दरवाज़े तक आ पहुंचा है। हालांकि पुलिस की तेज़ कार्रवाई और तत्परता ने लोगों में कुछ हद तक विश्वास लौटाया है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को कानून के कटघरे