जिलाधिकारी कौशल कुमार और एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी की सख्त निगरानी और संयुक्त आदेश में दरभंगा दुर्गा पूजा सुरक्षा का गढ़ बना, 412 स्थलों पर दण्डाधिकारी व पुलिस बल की ऐतिहासिक तैनाती, हर संवेदनशील चौक-चौराहे पर प्रशासन की पैनी नजर, यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव और चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद चौकसी के साथ शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था को अटूट बनाने की तैयारी

इस वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर दरभंगा प्रशासन ने सुरक्षा और शांति व्यवस्था को लेकर जिस स्तर की तैयारी की है, वह अपने आप में अभूतपूर्व कही जा सकती है। जिलाधिकारी कौशल कुमार और वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने संयुक्त आदेश जारी कर न केवल पूरे जिले को सुरक्षा के लिहाज से सख्त घेरे में ले लिया है, बल्कि जनता से भी स्पष्ट अपील की है कि यह पर्व आपसी भाईचारे और शांति के वातावरण में मनाया जाए. पढ़े पुरी खबर.......

जिलाधिकारी कौशल कुमार और एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी की सख्त निगरानी और संयुक्त आदेश में दरभंगा दुर्गा पूजा सुरक्षा का गढ़ बना, 412 स्थलों पर दण्डाधिकारी व पुलिस बल की ऐतिहासिक तैनाती, हर संवेदनशील चौक-चौराहे पर प्रशासन की पैनी नजर, यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव और चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद चौकसी के साथ शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था को अटूट बनाने की तैयारी
जिलाधिकारी कौशल कुमार और एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी की सख्त निगरानी और संयुक्त आदेश में दरभंगा दुर्गा पूजा सुरक्षा का गढ़ बना, 412 स्थलों पर दण्डाधिकारी व पुलिस बल की ऐतिहासिक तैनाती, हर संवेदनशील चौक-चौराहे पर प्रशासन की पैनी नजर, यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव और चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद चौकसी के साथ शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था को अटूट बनाने की तैयारी

दरभंगा। इस वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर दरभंगा प्रशासन ने सुरक्षा और शांति व्यवस्था को लेकर जिस स्तर की तैयारी की है, वह अपने आप में अभूतपूर्व कही जा सकती है। जिलाधिकारी कौशल कुमार और वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने संयुक्त आदेश जारी कर न केवल पूरे जिले को सुरक्षा के लिहाज से सख्त घेरे में ले लिया है, बल्कि जनता से भी स्पष्ट अपील की है कि यह पर्व आपसी भाईचारे और शांति के वातावरण में मनाया जाए।

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412 स्थलों पर दण्डाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती: पूरे जिले में कुल 412 स्थलों को संवेदनशील मानते हुए दण्डाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र तक, बड़े पूजा पंडालों से लेकर छोटे मुहल्लों तक सभी स्थान शामिल हैं। प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि प्रतिनियुक्त अधिकारी और बल पूरी चुस्ती और मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करेंगे। सभी थानाध्यक्षों को आदेश दिया गया है कि वे अपने थाना क्षेत्र में पड़ने वाले हर गाँव और मोहल्ले का निरीक्षण कर लें, जहाँ प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इससे संभावित उपद्रव या विवाद की आशंका को समय रहते दूर किया जा सकेगा।

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अफवाह फैलाने वालों पर प्रशासन की सख्ती: प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक अफवाह, झूठी खबर या उपद्रवी गतिविधि को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अफवाह फैलाने वालों को सीधे जेल भेजा जाएगा। यह चेतावनी दर्शाती है कि प्रशासन इस बार किसी भी ढिलाई के मूड में नहीं है।

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धार्मिक स्थलों और आयोजकों के लिए सख्त दिशा-निर्देश: संयुक्त आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी धार्मिक जुलूस या पंडाल में ऐसी झाँकी या चित्र प्रस्तुत नहीं किया जाएगा, जिससे किसी जाति, धर्म या समुदाय की भावनाएँ आहत हों। पूजा पंडालों का राजनीतिक इस्तेमाल पूर्णत: वर्जित कर दिया गया है। धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग पर रोक) अधिनियम, 1988 के तहत यदि कोई आयोजक पंडाल या धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनीतिक प्रचार के लिए करता पाया गया तो उसके खिलाफ पाँच वर्ष की सजा और जुर्माना तक हो सकता है।

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यातायात व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव: शहर की भीड़भाड़ और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने इस बार यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया है। बड़े व्यवसायिक वाहनों का प्रवेश 29 सितम्बर से 03 अक्टूबर तक शहर क्षेत्र में पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। शिवधारा मोड़ से कादिराबाद बस स्टैंड तक कोई बस, ट्रक या ट्रैक्टर नहीं चलेगा। समस्तीपुर, बहेड़ा, बहेड़ी और मधुबनी की ओर से आने वाले बड़े वाहन शहर की सीमा तक ही आएंगे और वहीं रोक दिए जाएंगे।रेलवे स्टेशन, अल्लपट्टी, दोनार चौक, कादिराबाद और बेंता चौक जैसे संवेदनशील इलाकों में ऑटो रिक्शा का ठहराव भी पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। रोज़ शाम 3 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 4 बजे तक शहर में सभी प्रकार के वाहनों (ऑटो सहित) के परिचालन पर रोक रहेगी। यह व्यवस्था न केवल श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करेगी बल्कि संभावित जाम और दुर्घटनाओं से भी बचाएगी।

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जिला नियंत्रण कक्ष: सुरक्षा का नाभिकेंद्र: समाहरणालय, दरभंगा में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसका फोन नम्बर 06272-240600 है। इसका वरीय प्रभार उप विकास आयुक्त स्वप्निल (मोबाइल-9031071442) के पास रहेगा। नियंत्रण कक्ष में अश्रुगैस दस्ता, बज्रवाहन और अग्निशामक बल की एक यूनिट हमेशा तैयार हालत में रखी जाएगी। साथ ही बी.एच.एफ. कंट्रोल और थाना स्तर के वायरलेस सेट 24 घंटे खुले रहेंगे। प्रत्येक अनुमंडल मुख्यालय में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिससे किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके।

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वरीय अधिकारियों का क्षेत्रवार जिम्मा: अनिल कुमार (अपर समाहर्त्ता-सह-लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी) सदर अनुमंडल

सलीम अख्तर (अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन) बेनीपुर अनुमंडल

बालेश्वर प्रसाद (जिला भू-अर्जन पदाधिकारी) बिरौल अनुमंडल.... ये अधिकारी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों के साथ मिलकर विधि-व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

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सीसीटीवी कैमरा और आधुनिक निगरानी: भीड़भाड़ वाले पंडालों और संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि अवांछनीय तत्वों पर पल-पल नजर रखी जा सके।

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बैरिकेटिंग और ड्रॉप गेट की व्यवस्था: दरभंगा शहर के प्रमुख प्रवेश मार्गों जैसे रामनगर आईटीआई, लहेरियासराय रेलवे गुमटी, शिवधारा मोड़, दिल्ली मोड़, बेला मोड़, नाका नम्बर-08 और बीएमपी-13 के पास बैरिकेटिंग और ड्रॉप गेट लगाए जाएंगे। इन पर पुलिस पदाधिकारी और गृहरक्षक तैनात रहेंगे।

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प्रशासन की अपील और जनता की जिम्मेदारी: जिलाधिकारी और एसएसपी ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे दुर्गा पूजा को पूर्ण शांति, सौहार्द और भाईचारे के वातावरण में मनाएँ। प्रशासन की कोशिश तभी सफल होगी जब आम जनता भी उसमें सहयोग दे।इस वर्ष दरभंगा में दुर्गा पूजा सिर्फ धार्मिक आस्था और भक्ति का पर्व नहीं रहेगा, बल्कि यह प्रशासनिक तत्परता और सामाजिक जिम्मेदारी की भी बड़ी परीक्षा होगी। 412 स्थलों पर तैनात दण्डाधिकारी और पुलिस बल, सख्त यातायात नियंत्रण, चौकसी और आधुनिक निगरानी व्यवस्था यह साबित करती है कि प्रशासन इस बार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। दरभंगा की धरती पर दुर्गा पूजा का यह पर्व केवल श्रद्धा और भक्ति का उत्सव नहीं बल्कि शांति, कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द का संगम बनकर उभरेगा।