पंचायत ने किशोरी की अस्मत की बोली लगी 4 लाख लगाकर बनवा दी एकरनामा, पीड़िता ने थानाध्यक्ष पर लगाया पक्षपात का आरोप, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने थानाध्यक्ष को किया निलंबित

दरभंगा जिले के हायाघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में पंचायत के उपमुखिया ने पंचायत में दुष्कर्म का सौदा 4 लाख रुपये में कर एकरनामा बनाकर दर्जनों लोगो का हस्ताक्षर भी करवा लिया। वही इस फैसला को जब पीड़िता मानने से इनकार कर दिया तो पीड़ित परिवार के साथ मारपीट किया गया। जब इस बात की शिकायत लेकर पीड़िता और उसकी माँ ने हायाघाट थाना में आवेदन दिया तो थानाध्यक्ष ने पंचायत के फैसले को जायज करार देते हुए पीड़ित को वापस कर दिया. पढ़े पूरी खबर.......

पंचायत ने किशोरी की अस्मत की बोली लगी 4 लाख लगाकर बनवा दी एकरनामा, पीड़िता ने थानाध्यक्ष पर लगाया पक्षपात का आरोप, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने थानाध्यक्ष को किया निलंबित
पंचायत ने किशोरी की अस्मत की बोली लगी 4 लाख लगाकर बनवा दी एकरनामा, पीड़िता ने थानाध्यक्ष पर लगाया पक्षपात का आरोप, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने थानाध्यक्ष को किया निलंबित

दरभंगा - बिहार के दरभंगा जिले के हायाघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में पंचायत के उपमुखिया ने पंचायत में दुष्कर्म का सौदा 4 लाख रुपये में कर एकरनामा बनाकर दर्जनों लोगो का हस्ताक्षर भी करवा लिया। वही इस फैसला को जब पीड़िता मानने से इनकार कर दिया तो पीड़ित परिवार के साथ मारपीट किया गया। जब इस बात की शिकायत लेकर पीड़िता और उसकी माँ ने हायाघाट थाना में आवेदन दिया तो थानाध्यक्ष ने पंचायत के फैसले को जायज करार देते हुए पीड़ित को वापस कर दिया।

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वही निराश परिजन जब एसएसपी के जनता दरबार में दो वर्षों तक यौन शोषण का शिकार रही पीड़ित इंसाफ के लिए पहुंची, तो पुलिस कप्तान पीड़ित परिवार की बातें को गंभीरता के साथ सुना। पीड़िता ने आरोप लगाया कि गांव के ही एक युवक शादी का झांसा देकर दो वर्षों तक शारीरिक संबंध बनाया। अब शादी की बात करते है तो युवक शादी से इनकार कर रहा है। इस घटना को लेकर गांव में उपमुखिया के नेतृत्व में पंचायत बैठी। गांव के गणमान्य लोगों के बीच बैठे मुखिया ने पीड़ित के अस्मत की कीमत 4 लाख रुपये लगाकर मामले को रफा-दफा करने का फरमान सुनाते हुए एकरारनामा बनवा दिया।

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वही पीड़िता ने कहा कि पंचायत के इस फैसले के विरुद्ध हमलोग 20 दिनों तक हायाघाट थाना का चक्कर लगाती रही। लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया। वही पीड़ित परिवार ने थानाध्यक्ष पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि थाना प्रभारी ने पंचायत वाले इकरारनामे को महत्व देते हुए हमलोगों को पंचायत का फैसला मानने की बात कहकर थाने से वापस कर दिया था। वही पीड़ित ने कहा कि जब हमलोगों को न्याय नही मिला, तब आपके जनता दरबार मे न्याय की फरियाद लेकर पहुंचे है। जिसके एसएसपी ने सर्किल इंस्पेकर को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए हायाघाट थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया।