DMCH के 4 ऑक्सीजन प्लांटों में से 3 पड़े है बंद, सर्विसिंग पर 6 लाख खर्च नही कर 15 लाख के सिलेंडर की खरीदारी कर की जा रही है आपूर्ति, 9 ऑपरेटर तथा 2 टेक्नीशियन बिना काम किए उठा रहे वेतन
उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल परिसर में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए 4 ऑक्सीजन प्लांट का स्थापना किया गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में 4 ऑक्सीजन प्लांटों में से 3 बन्द पड़े है. पढ़े पूरी खबर.....
दरभंगा - उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल परिसर में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए 4 ऑक्सीजन प्लांट का स्थापना किया गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में 4 ऑक्सीजन प्लांटों में से 3 बन्द पड़े है। जबकि एक प्लांट आपूर्ति की जा रही है। बन्द पड़े प्लांट को सर्विसिंग की जरूरत बताई जा रही है। जिसमें करीब 6 लाख रुपये की खर्च बताई जा रही है। जिसके लिए अस्पताल प्रशासन ने कई बार बीएमआइएससीएल को पत्र लिखा। लेकिन आज तक सर्विस नही हो सका।
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DMCH में तीन ऑक्सीजन प्लांट बन्द रहने के कारण औसतन 5 हजार सिलेंडर प्रतिमाह बाहर से खरीदकर उपयोग किया जा रहा है। जिसकी खरीदारी कीमत लगभग 15 लाख रुपये प्रतिमाह ख़र्च बताया जा रहा है। ये तीनो प्लांट आपातकालीन विभाग, शिशु रोग विभाग तथा गायनिक विभाग में लगा हुआ है। आपातकालीन विभाग में लगे प्लांट की क्षमता 2000 लीटर प्रति मिनट है। वही शिशु रोग विभाग वाले प्लान्ट की क्षमता 1000 लीटर प्रति मिनट तथा गायनिक विभाग में लगे प्लान्ट की क्षमता 280 लीटर प्रति मिनट है। जो पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है। बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट में कुल 9 ऑपरेटर व दो टेक्नीशियन की ड्यूटी लगी हुई है। इनके वेतन पर सरकार का प्रतिमाह हजारो रुपये खर्च हो रहे है।
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मई 2023 में खरीदारी की गई सिलेंडरों की संख्या
सर्जरी और ऑर्थो ओटी में 434 सिलेंडर
मेडिसिन आईसीयू में 1055 सिलेंडर
इमरजेंसी में 1055 सिलेंडर
ईएनटी में 41 सिलेंडर
शिशु रोग विभाग में 1653 सिलेंडर
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बताते चले कि DMCH के चार प्लांट में मात्र एक सुचारू ढंग से चल रहा है। जिससे गायनी , सर्जरी , ऑर्थो, मेडिसिन, ईएनटी , टीवी एन्ड चेस्ट विभाग के मरीजो के बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। डीएमसीएच का मात्र यही एक प्लांट सुचारू ढंग से चल रहा है। इसी प्लांट से कोरोना आइसोलेशन विभाग को भी जोड़ा गया है। इसके साथ इसी प्लांट से ट्रामा सेंटर के गंभीर मरीजो का भी इलाज किया जाता है। इस प्लांट की क्षमता 20000 हजार लीटर की है। इसमे प्रतिमाह तीन से चार बार इसमे लिक्विड भरा जाता है।
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वही दरभंगा मेडिकल कालेज एन्ड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ अलका झा का कहना है की बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों को सर्विसिंग के लिए कई बार बीएमआइएससीएल को पत्र लिखा गया। लेकिन अभीतक इसका सर्विसिंग नही हुआ है। जिसके कारण मरीजो को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसको देखते हुए सप्लायर्स के माध्यम से सिलेंडरों की खरीदारी की जा रही है।