दरभंगा:- शिक्षा के बीना समाज का विकास संभव नही - भवेश चौधरी

एक इंसान चाहे, तो शिक्षा से केवल अपना ही नहीं बल्कि पूरे समाज का भला कर सकता है। यह सिर्फ़ कहने की बात नहीं है, बल्कि कई ऐसे लोग हैं, जो इस बात को सच भी साबित कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

दरभंगा:- शिक्षा के बीना समाज का विकास संभव नही - भवेश चौधरी

दरभंगा:- एक इंसान चाहे, तो शिक्षा से केवल अपना ही नहीं बल्कि पूरे समाज का भला कर सकता है। यह सिर्फ़ कहने की बात नहीं है, बल्कि कई ऐसे लोग हैं, जो इस बात को सच भी साबित कर रहे हैं। दरभंगा जिला के कुर्सों नदियामी के रहने वाले भवेश चौधरी गाँव से पढ़कर शहर आने के बाद, गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम रहे हैं।

मिथिला जन जन की आवाज समाचार से बात करते हुए भवेश बताते हैं की जैसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन जरूरी है वैसे ही जीवन जीने के लिए शिक्षा जरूरी है । “अक्सर गाँव-देहात के बच्चे पैसों की कमी की वजह से पढ़ नहीं पाते। हमने गाँव से बाहर जाकर अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन कई मजबूर बच्चे बाहर भी नहीं निकल पाते। ऐसे बच्चों को शिक्षा देने के लिए हमने घर घर जा कर पढ़ाने लगा फीर अपनी कोचिंग क्लास खोलने के बारे में सोचा। गाँव के ये बच्चे साधनों की कमी की वजह से अंग्रेजी माध्यम में नहीं पढ़ पाते, इसलिए हम उन्हें कम से कम फीस में अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान जैसे विषयों का तैयारी करवाने के लिए कोचिंग क्लास खोला।”

भवेश का मकसद है कि वे गरीब बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा चीज़ें सिखा सकें, ताकि जीवन में आगे जाकर ये बच्चे खुद को किसी से कम न समझें और उन्हें कभी किसी समस्या का सामना न करना पड़े। वे चाहते हैं कि हर बच्चा उच्च शिक्षा हासिल करे। भवेश मुफ्त में तो नहीं पढ़ाते, लेकिन बच्चे जितनी भी फ़ीस दे पाते हैं, उसी को वे खुशी से स्वीकार लेते हैं। ये पिछले तीन सालों से दरभंगा के रामबाग में 'दी फाउंडेशन ऑफ़ मैथमेटिक्स कोचिंग क्लास में बच्चों के बीच शिक्षा देने का काम कर रहे हैं और अब तक ये हजारों बच्चों को शिक्षा दे चुके हैं।

साथ में उन्होंने ने बताया कि इस शिक्षा के क्षेत्र में उनकी माँ पुष्पा देवी और मामा प्रबोध नारायण ठाकुर (मुन्ना ठाकुर) और भी कई लोगों का काफ़ी योगदान रहा, जिसके कारण आज वह इस मुकाम पर पहुचे है। भवेश बस यही चाहते हैं की पैसा पढ़ाई में बाधक ना बनें,आर्थिक रूप से जो कमजोर लोग है वे लोग भी जागरूक हों, और वे अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा सके ताकी उन्हें भी एक बेहतर भविष्य मिल सके।