शराबबंदी कानून में मुख्यमंत्री के तानाशाही रवैय और पुलिस के कारण लाखों लोग जेल में, वरीय अधिकारी रिपोर्ट की समीक्षा करे तो कई आरोपी निकलेंगे निर्दोष: अभिजीत कुमार
दरभंगा:- मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन (अपराध एवं सामाजिक सुरक्षा ) के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा की आज देश मे बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रोजगार के नाम पर सरकार के पास कुछ नहीं है सिवाय जुमला के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार बेरोजगारी में छठा तो गरीबी में चौथा स्थान पर दिखाया और बताया गया है। जबिक वास्तविकता से ये बात कोसों दूर है सच्चाई यह है कि आज बिहार के मुख्यमंत्री के तानाशाही और पुलिस और मद्य निषेध विभाग के अधिकारी के लापारवाही और कानून के दुरुपयोगिता से अधिकारी अपनी निजी संपति में आय से पचास सो गुणा अधिक संपत्ति अर्जित कर चुके हैं और सामान्य और गरीब लोगों परिवार के छह लाख से ज्यादा लोग जेल जा चुके है।
इन जेल जा चुके छह लाख लोगों में न तो कोई अधिकरी राजनीति या बड़े व्यवसायिक का पुत्र या सगा संबंधी है इन पांच सालों में जेल वह वक्ति गए हैं जिन्हें दो वक्त का अच्छा खाना भी नसीब नहीं होता है इन सब के परिवार के लोग ब्याज पर कर्ज लेकर अपने आरोपित सदस्यों का कोर्ट से बेल करवाते हैं। बेल में खर्च हुए पैसों का कर्ज चुकाने में इन समान्य गरीब परिवार के लोगों को सालों लग जाते हैं ये सभी बातों को जानने के बावजूद जनताओ की हित में सुनवाई न अधिकारिओं के अवैध कार्य में अपनी सहमति देने वाले बिहार के बेशर्म मुख्यमंत्री राज्य में सुशासन और जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं।
भ्रष्ट मंत्रिमंडल और भ्रष्ट अधिकारी के कारण बेरोजगारी और गरीबी में बिहार का पहला स्थान हो गया है। पुलिस द्वारा जानबुझ कर बड़े कारोबारी को न पकड़ बड़े कारोबारी के इसारे पर छोटे मोटे को पकड़ गलत अनुसंधान कर फाइनल रिपोर्ट के लिए वरीय अधिकारी के पास भेज देते हैं । वरीय अधिकारी द्वारा भी अपने स्तर से जांच न कर सहमति देते हुए फाइनल रिपोर्ट पर मोहर लगा देते हैं जिस कारण बिहार के हर दस सामान्य और गरीब परिवार में में से पांच से सात परिवार कोर्ट का चक्कर लगाने में उम्र गवा देते हैं यही है बिहार का विकास और यहां के कथाकथिक विकाश पुरुष नितिश कुमार है ।