ABVP ने केके पाठक का किया विरोध: बोले- केके पाठक के अड़ियल रवैया का दंश झेल रहा है शिक्षा व्यवस्था: अभाविप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रदेश सह मंत्री सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व छात्रसंघ महासचिव उत्सव पराशर ने नगर कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि विगत कई महीनों से प्रदेश में शिक्षा विभाग के द्वारा मनमानापन करने के कारण विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता खतरे में नजर आ रही है. पढ़े पूरी खबर......
दरभंगा:- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा द्वारा स्थानीय मिश्रटोला के कार्यालय पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अभाविप के प्रदेश सह मंत्री सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा के पूर्व छात्रसंघ महासचिव उत्सव पराशर ने कहा की विगत कई महीनों से प्रदेश में शिक्षा विभाग के द्वारा मनमानापन करने के कारण विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता ख़तरे में नजर आ रही है।
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शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के लगातार तानाशाही एवं अड़ियल रवैये के कारण आज प्रदेश भर में अराजक सी स्थिति बन गई है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होने के नाते महामहिम राज्यपाल ही केवल दिशानिर्देश देने का अधिकार रखते हैं एवं यूजीसी भी कई निर्णयों में यह स्पष्ट कर चुकी है कि सरकार विश्वविद्यालयों में वित्तीय सहायता देने के नाम पर उसकी स्वायत्तता को खत्म नहीं कर सकती। महामहिम प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख होते हैं लेकिन उनके आदेश को भी शिक्षा विभाग के बेलगाम अधिकारी नहीं मान रहे हैं ऐसे में पूरे प्रदेश की गरिमा देश भर में हास्यास्पद बन गई है।
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वही विभाग संयोजक राहुल सिंह ने कहा की शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा विश्वविद्यालयों के खातों पर रोक लगाना मानसिक विकृति को दर्शाता है। विगत कई महीनों से शिक्षकों, कर्मचारिओं एवं पेंशनधारीओं का वेतन रोकना मानवीय त्रासदी से कम नहीं है। के के पाठक के रवैया के कारण बिहार का शिक्षा व्यवस्था वसूली का माध्यम बन गया है। ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री का चुप्पी उनकी लाचारी को दर्शाता है।
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1. प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर लगे रोक को तुरंत हटाया जाय जिससे विश्वविद्यालय सुचारू रूप से कामकाज कर सके।
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2. सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का बकाया वेतन एवं पेंशन (माह फरवरी से वेतन नहीं मिला है) तुरंत जारी किया जाये।
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3. प्रदेश के विश्वविद्यालयों में हजारों अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं जिन्हें 11 महीने से मानदेय नहीं मिला है जिसे शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय पर टाल रहा है। इससे शिक्षकों के लिए वित्तीय संकट के साथ साथ मानवीय संकट भी उत्पन्न हो रहा है। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया जाये कि अतिथि शिक्षकों का बकाया मानदेय तुरंत जारी करे।
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वही उन्होंने कहा कि उपर्युक्त समस्याओं का समाधान अविलंब नहीं होता है तो विद्यार्थी परिषद् द्वारा संपूर्ण बिहार में के के पाठक सहित मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के खिलाफ परिषद आंदोलन को बाध्य होगी। प्रेस वार्ता में जिला संयोजक वागीश झा एवम जिला सह संयोजक रवि यादव उपस्थित थे।