सिर्फ यात्रा नहीं, एक प्रशासनिक अनुष्ठान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगवानी में दरभंगा के रूटों पर बिछा अनुशासन का महायंत्र
शहर की हवाओं में कुछ खास है आजकल। जैसे किसी मेहमान के इंतज़ार में घर का आंगन बुहारा गया हो, वैसे ही दरभंगा का हर नुक्कड़, हर चौक, हर सड़क प्रशासन की सधी हुई सांसों में पल रहा है। कल, 05 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन लहेरियासराय स्थित पोलो मैदान में होने जा रहा है और दरभंगा, यह ऐतिहासिक मिथिला नगरी, पूरी तरह से तैयार है, हर स्तर पर. पढ़े पुरी खबर.......

दरभंगा: शहर की हवाओं में कुछ खास है आजकल। जैसे किसी मेहमान के इंतज़ार में घर का आंगन बुहारा गया हो, वैसे ही दरभंगा का हर नुक्कड़, हर चौक, हर सड़क प्रशासन की सधी हुई सांसों में पल रहा है। कल, 05 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन लहेरियासराय स्थित पोलो मैदान में होने जा रहा है और दरभंगा, यह ऐतिहासिक मिथिला नगरी, पूरी तरह से तैयार है, हर स्तर पर।
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पोलो मैदान नहीं, मानो कोई लोकतांत्रिक यज्ञशाला! जहां आम दिनों में पोलो मैदान से केवल राजनीतिक शोर सुनाई देता है, वहीं इस बार उस मैदान की मिट्टी में सुरक्षा की सुघंध और प्रशासनिक अनुशासन का चूरन घुल चुका है। मंच तैयार है, बैरिकेडिंग लग चुकी है, हेलीपैड की घास भी समय पर कटी जा चुकी है और सीआरपीएफ से लेकर जिला पुलिस तक, सभी यूनिट्स अंतिम मॉक ड्रिल में लगे हैं। कभी जो मैदान खेल और गीतों का गवाह रहा, वह अब राज्य की राजनीति की अग्निपरीक्षा में झोंका जा रहा है।
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शहर की नसों में बहता ट्रैफिक अब प्रशासन के दिल की धड़कन बना: कहते हैं कि जब मुख्यमंत्री आते हैं, तो सिर्फ व्यक्ति नहीं आते पूरा सिस्टम उनकी छाया बन जाता है। यही हुआ दरभंगा में भी। प्रशासन ने विशेष ट्रैफिक प्लान जारी किया है। सुबह 6 बजे के बाद शहर में भारी वाहनों की एंट्री पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी। दिल्ली मोड़, विश्वविद्यालय, बहेड़ी और एकमी की ओर से आने वाले बड़े वाहन अब शहर की सीमा पर ही रोक दिए जाएंगे। पार्किंग स्थलों की योजना भी सुस्पष्ट है।
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कादिराबाद बस स्टैंड, होमगार्ड मैदान, रामनगर आईटीआई कॉलेज का मैदान, सैदनगर पेट्रोल पंप के पीछे, सब किसी रणक्षेत्र की तरह चिन्हित हैं।
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हल्के वाहनों के लिए: डेंटल कॉलेज मैदान, पुलिस लाइन, अनुसूचित जाति/जनजाति थाना परिसर, हेलीपैड वाला मैदान और रेलवे गुमटी की ओर पुलिया के पास पार्किंग निर्धारित की गई है। प्रशासन का आदेश साफ है नियम नहीं माने, तो दंड भुगतो।
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‘दुकानदार भाइयों, अपने दरवाजे खुद समेट लें!’ प्रशासन की भावपूर्ण अपील में सख्ती की झलक इस शहर में जहाँ दुकानें सुबह खुद नींद से उठती हैं, वहां अब प्रशासन ने दुकानदारों से अपील की है: अपने-अपने प्रतिष्ठानों के सामने अतिक्रमण न करें। सड़क किनारे पार्किंग न हो। अवैध ठेले, स्टॉल और वाहन हटाएं वरना कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहें। दरभंगा में यह शायद पहली बार हुआ है कि प्रशासन ने नागरिकों से संवाद की भाषा में चेतावनी दी है और यह दोनों की समझदारी का इम्तिहान है।
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लोहिया चौक से दरभंगा स्टेशन तक यह सड़क अब ‘सम्मान का रथमार्ग’ है: लोहिया चौक से स्टेशन रोड होकर दिल्ली मोड़ तक का मार्ग One Way नहीं रहेगा, लेकिन प्रशासन ने निवेदन किया है कि 08:00 AM से 01:00 PM तक लोग इसी मार्ग का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। साथ ही, दोनार से टावर चौक वाली सड़क को कम इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है, ताकि वीवीआईपी मूवमेंट निर्विघ्न संपन्न हो सके।
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पुलिस की चौकसी, मीडिया की नजर, और जनता की जिज्ञासा सब कुछ तैयार है: पोलो मैदान से लेकर हेलीपैड तक, हर जगह कैमरे तैनात हैं, हर छाया संदिग्ध है, और हर चेहरा पहचाना जा रहा है। मीडिया को एक विशेष कॉरिडोर से आने की अनुमति है, ताकि कवरेज में कोई विघ्न न हो। यह शहर इस बार सिर्फ मुख्यमंत्री को नहीं, बल्कि अपनी प्रशासनिक दक्षता, सांस्कृतिक सजगता और राजनीतिक परिपक्वता को भी दिखाने जा रहा है।
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मौसम की आंखें भी मुख्यमंत्री की राह ताक रही हैं: मौसम विभाग के अनुसार हल्की बारिश की संभावना है, पर प्रशासन इससे भी निपटने को तैयार है। अगर हेलीपैड से कार्यक्रम स्थल तक सड़कें गीली हों, तब भी ‘बूटों की आवाजें गड्ढों में नहीं डूबेंगी’, यह भरोसा हर अफसर के चेहरे पर दिखता है। जनता क्या कहती है? शहर के बुजुर्ग लाल बाबू झा कहते हैं: नीतीश बाबू आएं या मोदी जी, दरभंगा का सलीका यही है हर आगंतुक को सम्मान दो। लेकिन इस बार प्रशासन का अनुशासन सचमुच काबिल-ए-तारीफ है।
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एक स्थानीय छात्रा रागिनी कुमारी कहती है: मुख्यमंत्री को सुनना तो गर्व की बात है, लेकिन अगर सड़क पर फँसे रहें तो वह गर्व भी थकान में बदल जाता है। अच्छा हुआ कि प्रशासन ने पहले से ट्रैफिक प्लान दे दिया।दरभंगा कल एक बार फिर इतिहास लिखेगा और शायद यह पंक्ति भी… जहाँ मुख्यमंत्री का काफिला गुजरे, वहाँ नारे न सही, पर अनुशासन जरूर गूंजे।" मुख्यमंत्री का कार्यक्रम संभावित है और समय, मौसम एवं परिस्थितियों के अनुसार इसमें परिवर्तन भी हो सकता है। आमजन से अनुरोध है कि कृपया जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।