दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में हुए घोटाले के खिलाफ संयुक्त छात्र मोर्चा का धरना
संयुक्त छात्र मोर्चा के तत्वावधान में छात्र संगठन आइसा, एआईएसएफ, एनएसयुआई के द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय पर एक दिवसीय महाधरना एआईएसएफ के जिला सचिव शशिरंजन सिंह, आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, एनएसयुआई के छात्र नेता राहुल सिंह के संयुक्त अध्यक्षता में किया गया. पढ़ें पूरी खबर......
दरभंगा। संयुक्त छात्र मोर्चा के तत्वावधान में छात्र संगठन आइसा, एआईएसएफ, एनएसयुआई के द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय पर एक दिवसीय महाधरना एआईएसएफ के जिला सचिव शशिरंजन सिंह, आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, एनएसयुआई के छात्र नेता राहुल सिंह के संयुक्त अध्यक्षता में किया गया। वक्ताओं ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विवि इन दिनों काफी चर्चा में है।
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लगातार कुछ न कुछ खामियां सामने आती रही हैं और इसके खिलाफ छात्र आंदोलन भी हुए है, लेकिन जब से प्रो. एस.पी. सिंह कुलपति बने और डॉ. मुस्ताक अहमद कुलसचिव बने तब से और विवि और चर्चा में आ गया। पदाधिकारियों का एक ग्रुप बनाकर विवि को बर्बाद करना इनकी दिनचर्या बन गयी है। एक ही लोगों को कई विभाग का पदभार देकर पूरे विवि को अस्त व्यस्तता के माहौल में धकेल दिया गया है। जब-जब नए कुलपति आते है, तो वो अपना सेटप लेकर आते है और इसी में पिछले दिनों एक डाटा सेंटर द्वारा विवि का सारा डेटा लेकर फरार साबित हुआ और जब प्रो. एस.पी. सिंह कुलपति बने तो तो यह भी लखनऊ से एक डाटा सेंटर लेकर आए जिसे की अन्य राज्यो में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
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वैसे डाटा सेंटर को मिथिला विवि में रखे हुए है। विवि के गोपनीयता को बरकरार रखना विवि के अधिकारियों का काम है, लेकिन कुलपति द्वारा एक ऐसे लोग जो विवि के न तो शिक्षक है और न तो कर्मचारी है, लेकिन वो विवि के सभी गोपनीय बैठक में भाग लेते है और ऐसे ही व्यक्ति के देख-रेख विवि का परीक्षा विभाग है। जहां आज इतना बड़ा घोटाला सामने आया है। जो विवि के परीक्षा विभाग से एम.ए. कुमार के एकाउंट में करोड़ो रुपया ट्रांसफर कर दिया। जबकि विजिलेंस की जांच में एम.ए. कुमार नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। निश्चित रूप से विवि को बर्बाद करने की एक बड़ी साजिश है। हम छात्र संगठन धरना के माध्यम से मांगो पर कुलाधिपति का ध्यान आकृष्ट कराते हुए करवाई की मांग करते हैं। ललित नारायण मिथिला विवि के परीक्षा विभाग के हुए लगभग साढ़े पांच करोड़ के ट्रांजेक्शन की उच्चस्तरीय जांच कराई जाय और दोषी अधिकारियों पर कारवाई किया जाय।
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जिस नाम के व्यक्ति के खाता पर पैसा ट्रांसफर किया गया है, उसे विजिलेंस की टीम के द्वारा जांच पड़ताल में कही कोई ठिकाना नहीं मिला। ललित नारायण मिथिला विवि के वर्तमान कुलपति और निवर्तमान कुलसचिव जिनका तीन साल में संपति में बेहतहासा वृद्धि की चर्चा है। इनके कार्यकाल और संपति की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाय। निवर्तमान कुलसचिव पर पहले भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा हुआ है और उससे संबंधित कई मुकदमा भी है। ललित नारायण मिथिला विवि में कुलपति द्वारा विवि को लूटने की मकसद से डॉ. अवनी रंजन सिंह (जो सरकारी कर्मचारी नही है) उन्हें विवि के सभी गोपनीयता में शामिल करवाते है और उक्त व्यक्ति द्वारा पूरे विवि में अफरा-तफरी का माहौल बनाए हुए है। इसलिए इन्हें भी पूरे जांच की दायरा में लाया जाए और कारवाई की गारंटी किया जाय।
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ललित नारायण मिथिला विवि में नेक के नाम पर करोड़ों रुपया की लूट हुई है। अभिलंब जांच कराकर कारवाई किया जाय। शिक्षक-कर्मचारी के बदौलत पूरा विवि का काम काज चल रहा है, लेकिन कई महीनों से उनका वेतन बंद है। अभिलंब वेतन देने की गारंटी की जाय। धरना को आइसा के जय नारायण यादव, दीपक कुमार, मिथिलेश कुमार, रूपक कुमार, राजू कर्ण, एआईएसएफ के सह सचिव अखिलेश कुमार, विकास कुमार यादव, जिला कोषाध्यक्ष निखिल कुमार, प्रशांत कुमार, विकास कुमार मुखिया, शशांक शेखर आइसा के एनएसयुआई के महासचिव मो. लक्की, ओमप्रकाश, अमानुल्लाह, सीएम कॉलेज अध्यक्ष मो. नसरुल्लाह, खुशनसीबा प्रवीन, बिहारी बाबू, राहुल सिंह, मो. साजिद, असजद, मो. इमरान, मो. निराले, मो. दिलकश, मो. आमीर आदि उपस्थित थे।