विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में मनाया गया आचार्य सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ की जयंती

विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में आचार्य सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ की जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. दमन कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम का आरम्भ गोसाउनिक गीत से हुआ। प्रस्तुति सोनाली कुमारी एवं नेहा कुमारी द्वारा सामूहिक गान से किया गया. पढ़ें पूरी खबर......

विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में मनाया गया आचार्य सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ की जयंती
विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में मनाया गया आचार्य सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ की जयंती

दरभंगा: विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में आचार्य सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ की जयन्ती समारोहपूर्वक मनाया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. दमन कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम का आरम्भ गोसाउनिक गीत से हुआ। प्रस्तुति सोनाली कुमारी एवं नेहा कुमारी द्वारा सामूहिक गान से किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष प्रो. दमन कुमार झा ने प्रो. सुरेन्द्र झा सुमन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होने प्रो. सुमन के साथ बिताये पलों की चर्चा करते हुए उनके विराट व्यक्तित्व को इस तरह परिभाषित किया जैसे लग रहा था कि प्रो. सुमन स्वयं सम्मुख खड़े हों। प्रो. सुमन दिखने मे जितने साधरण थे उनका व्यक्तित्व उतना ही विराट था।

प्रो. अशोक कुमार मेहताा ने आचार्य सुमन को साहित्य का मनीषी कहते हुए उनकें कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो. मेहता ने कहा कि आचार्य सुमन ने अपने सभी साहित्य रचनाओ को संस्कृत शा़स्त्र की साहित्य पद्धति के अनुरूप भिन्न-भिन्न विधाओं में यथासंभव मर्यादित शब्दों का प्रयोग तथा काव्य शास्त्रीय पद्धति के अनुकुल पद रचनाएं की। प्रो. सुमन की रचनाओं में जहाँ एक ओर अलंकार, छन्द, रस, भाषागत विशेषता वहीं दूसरी ओर प्रकृति प्रेम, देश-दशा, राजनैतिक, एतिहासिक पक्ष के साथ नवीनता का दिग्दर्शन होता है।

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विभागीय शिक्षक डाॅ. सुरेश पासवान ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रो. सुमन की 61 प्रकाशित रचना ऐसे समय की रचना है जब प्रिंट मीडिया टेक्नोलाॅजी उतनी विकसित नही थी। मैथिली साहित्य ही नहीं बल्कि अन्य भाषाओं में भी बहुत कम ऐसे साहित्यकार हुए जिन्हें देश के सर्वोच्च साहित्य संस्थान साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा दो-दो बार यह सम्मान प्राप्त हो। प्रो. सुुमन मैथिली साहित्य के ऐसे युगपुरूष थे जिन्हें उत्कृष्ट रचनाओं के लिए साहित्य अकादमी द्वारा एक बार मूल तथा दूसरी बार अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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इन्हें मैथिली अकादेमी पटना द्वारा विद्यापति सम्मान भी प्रदान किया गया था। इस जयन्ती समारोह में शोधार्थी मनोज कुमार पंडित, राजनाथ पंडित इत्यादि ने भी प्रो. सुरेन्द्र झा सुमन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर प्रो केष्कर ठाकुर, प्रो प्रीती झा, प्रो रमेश झा, डॉ अरुणा चौधरी सत्यनारायण, दीपक, दीपेश, राज्यश्री, शालिनी प्रियंका, अंबालिका आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विभागीय शिक्षक डाॅ. सुरेश पासवान तथा धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक सह शोधार्थी श्री प्रमोद कुमार पासवान ने किया।