दरभंगा के रामबाग में सोने के जेवरात पहनकर ना निकलें, वर्ना आपके साथ भी हो सकती है यह घटना
दरभंगा में इन दिनों महिलाएं सोने के जेवरात पहन कर घर से निकलने से कतरा रही हैं। क्योकिं शहर में रोजाना कहीं ना कहीं महिलाएं लूट की शिकार हो रही है। पढ़ें पूरी खबर
दरभंगा: दरभंगा में इन दिनों महिलाएं सोने के जेवरात पहन कर घर से निकलने से कतरा रही हैं। क्योकिं शहर में रोजाना कहीं ना कहीं महिलाएं लूट की शिकार हो रही है। बाइक पर आए बदमाश पल भर में महिलाओं से सोने के चेन, ईयररिंग, कंगन लूट भाग जा रहे है। इस कारण महिलाएं अब सोने के जवराज पहन घर से बाहर निकलने से कतरा रही है। दरभंगा पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ऐसा नहीं है की मिथिला जन जन की आवाज समाचार दरभंगा पुलिस पर सवाल खरा कर रही है। ऐसा दरभंगा शहर की पूरी स्थानीय जनता दबी जुबान कह रही है कि दरभंगा पुलिस अपराधियों के सामने या तो नतमस्तक है या फिर नाकाम साबित हो रही है। इससे शहर के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। कई बार तो अपराधियों ने चलती बाईक या स्कूटी पर महिलाओं से छिनतई की घटना को अंजाम दिया है।
कई बार स्कूटी से गिर महिलाएं घायल भी हुई है. सभी मामलों में पुलिस केस तो दर्ज कर ले रही है। लेकिन अपराधियों को पकड़ने की दिशा में पुलिस कोई उचित पहल करते नहीं दिख रही है। नतीजा यह है कि शहर में अपराधियों के हौसले सांतवें आसमान पर हैं। शनिवार की दोपहर विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के रामबाग कांकली मंदिर के पास रहने वाली विशंभर झा की पत्नी उषा झा से लूट हो गई। बाइक सवार दो अपराधियों ने महिला से सोने का चेन लूट लिए। घटना दिन के तीन बजे की है। महिला अपने घर के पास ही संस्कृत इंटरनेशनल स्कूल अपने नाती को स्कूल छोड़ने आई थी। इसी बीच घर लौटने के उपरांत उनसे लूट हुई है। इस घटना को लेकर पीड़ित महिला ने निकटतम थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा की पुलिस कब तक अपराध पर अंकुश लगा पाएगी या नहीं।
इस घटना के अतिरिक्त अगर हम एक अन्य घटना के बारे में अगर हम बात करें तो भटियारीसराय दोनार मुख्य रास्ते पर कुछ दिन पूर्व चार अपराधी खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक महिला से उनके सारे जेवरात उतरवाकर रफूचक्कर हो गए और पुलिस अब भी उनको पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। जबकि पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे के सामने घटित हुआ था। इस मामले को देखकर तो एक समय ऐसा लगा कि क्या महिलाएं अब भी पुलिस और अपराधी को पहचान नहीं कर पा रहे हैं या फिर उन पर पुलिस का डर है कि वह कुछ बोल नहीं पाए। इस घटना की तह में जाकर जब मिथिला जन जन की आवाज समाचार यह जानने की कोशिश की तो अधिकांश मामले अपराधी ऐसे समय का ही चुनाव क्यों करते हैं। उसका एक मुख्य कारण यह भी नजर आया कि सुबह 10:00 बजे से पूर्व थाने पर सभी पुलिसकर्मी पूरी तरह से तैयार नहीं होते अगर कोई उनके पास तुरंत घटित मामले को लेकर जाता भी है तो वह तुरंत कार्रवाई नहीं कर पाते हैं।
अपराधी जितने भी घटनाक्रम कर रहे हैं वह बस स्टैंड या फिर रेलवे स्टेशन के आसपास जिससे कि अपराध करके उनको वहां से शहर छोड़ने में आसानी होती है। और शहर के पुलिसकर्मी शहर में ही घूमते रह जाते है। अब सवाल यह है की कुछ मामले तो ऐसे जगहों पर हो रहे हैं जहां पहले से पुलिस नियुक्त है। हाल में ही कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी की हत्या के बाद से मंदिर पर पुलिस नियुक्त है। फिर ऐसा घटना होना पुलिस पर बड़ा सवाल खरा करती है।