Cyber Crime: मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति संजय कुमार चौधरी WhatsApp पर प्रोफसर्स से मांगने लगे पैसे, संपर्क करने पर सामने आई हैरान करने वाली सच्चाई, दूसरे अधिकारी भी हुए सतर्क.......

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रो. संजय कुमार चौधरी के फोटो को उपयोग में लाते हुए मोबाइल नंबर +94779250432, +94761806742 से अज्ञात व्यक्ति के द्वारा कुलपति के नाम से एक फर्जी व्हाट्सएप के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन के कई पदाधिकरियों को व्हाट्सएप संदेश एवं व्हाट्सएप कॉलिंग के द्वारा रुपये ट्रांसफर का अनुरोध किया गया है. पढ़े पूरी खबर........

Cyber Crime: मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति संजय कुमार चौधरी WhatsApp पर प्रोफसर्स से मांगने लगे पैसे, संपर्क करने पर सामने आई हैरान करने वाली सच्चाई, दूसरे अधिकारी भी हुए सतर्क.......
मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति संजय कुमार चौधरी WhatsApp पर प्रोफसर्स से मांगने लगे पैसे, संपर्क करने पर सामने आई हैरान करने वाली सच्चाई, दूसरे अधिकारी भी हुए सतर्क.......

दरभंगा:- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रो. संजय कुमार चौधरी के फोटो को उपयोग में लाते हुए मोबाइल नंबर +94779250432, +94761806742 से अज्ञात व्यक्ति के द्वारा कुलपति के नाम से एक फर्जी व्हाट्सएप के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन के कई पदाधिकरियों को व्हाट्सएप संदेश एवं व्हाट्सएप कॉलिंग के द्वारा रुपये ट्रांसफर का अनुरोध किया गया।

इस घटना का व्हाट्सएप मैसेज सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर मनोज कुमार के मोबाइल पर संदेश प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त डॉ दमन कुमार झा(लाइब्रेरि प्रभारी), डॉक्टर इंसान अली (उप परीक्षा- नियंत्रक जनरल एजुकेशन), प्रोफेसर महेश प्रसाद सिन्हा (सीसीडीसी ) एवं डॉ आंनद प्रकाश गुप्ता (राष्ट्रीय सेवा योजना के कोऑर्डिनेटर) को भी प्राप्त हुआ है। जिसमें मुस्कान नाम के बैंक ऑफ महाराष्ट्र खाता संख्या- 604 82941076 में ₹ 50,000 रुपये ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया है।

आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिये थाने में प्रतिवेदन दिया गया है। मालूम हो कि पूर्व में भी पूर्व कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा, प्रोफेसर एसके सिंह और पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह के कार्यकाल में भी इस तरह का कुकृत्य किया जा चुका है। पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा आवेदन देने पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने के कारण बार बार ऐसी घटना की पुनरावृति हो रही है। जिससे कुलपति की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और एफआईआर थाने में दर्ज करा दी गई है।