भगवान के घर में घुसकर आस्था की लूट! नवादा दुर्गा मंदिर और वाणेश्वरी भगवती स्थान में हुई भीषण चोरी का हुआ खुलासा एक गिरफ्तार, गिरोह का सरगना अब भी फरार, माँ की चौखट पर अपराध की परछाईं से कांप उठा मिथिला!
जिस आँगन में भक्ति गूंजनी चाहिए थी, वहाँ उस रात सन्नाटा पसरा था। घंटा की जगह ताले की खनक सुनाई दी, और माँ भगवती की चौखट से श्रद्धा नहीं, चोरी की आहट निकली। 8 नवंबर की वह रात शायद नवादा दुर्गा मंदिर के इतिहास में सबसे काली रातों में से एक थी जब किसी ने न केवल मंदिर की संपत्ति चुराई, बल्कि लाखों भक्तों की आस्था को भी घायल कर दिया. पढ़े पूरी खबर.....
बेनीपुर। जिस आँगन में भक्ति गूंजनी चाहिए थी, वहाँ उस रात सन्नाटा पसरा था। घंटा की जगह ताले की खनक सुनाई दी, और माँ भगवती की चौखट से श्रद्धा नहीं, चोरी की आहट निकली। 8 नवंबर की वह रात शायद नवादा दुर्गा मंदिर के इतिहास में सबसे काली रातों में से एक थी जब किसी ने न केवल मंदिर की संपत्ति चुराई, बल्कि लाखों भक्तों की आस्था को भी घायल कर दिया।

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रविवार की सुबह जब पुलिस ने बहेड़ा थाना क्षेत्र के आशापुर चौक से एक युवक को पकड़ा, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यही युवक भगवती के घर में अंधेरा फैलाने वाला निकलेगा। पूछताछ में उसने अपनी जुबान खोल दी, और वह सच्चाई सामने आई जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। पकड़े गए युवक का नाम राहुल कुमार यादव, पिता स्व. रामलखन यादव, निवासी बघांत (थाना मनीगाछी) बताया गया है। उसे स्थानीय लोगों ने आशापुर के कबाड़ी व्यापारी प्रदीप कुमार यादव की दुकान पर संदिग्ध हालात में देखा था। कुछ धार्मिक वस्तुएँ, कुछ पीतल और चाँदी के सामान देखकर लोगों को शक हुआ। और फिर भीड़ ने राहुल को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

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जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की, तो अपराध की परतें खुलने लगीं। राहुल ने न केवल नवादा दुर्गा मंदिर में चोरी करने की बात स्वीकार की, बल्कि यह भी बताया कि मनीगाछी थाना क्षेत्र के भंडारिसम गांव स्थित वाणेश्वरी दुर्गा मंदिर में भी उसने और उसके गिरोह ने इसी साल 25 फरवरी की रात चोरी की थी। उसकी जुबान से निकले नामों ने पुलिस को चौंका दिया चोरी कोई आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि एक संगठित गिरोह की सुनियोजित साजिश थी, जो मंदिरों को निशाना बनाता था।

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एसडीपीओ बासुकीनाथ झा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के क्रम में कई अहम जानकारी मिली है। गिरोह का सरगना अभी फरार है, लेकिन पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा भगवान के घर में चोरी केवल अपराध नहीं, यह आस्था पर हमला है। हम इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपराधी चाहे जहां छिपा हो, कानून उसे ढूंढ निकालेगा। जांच के क्रम में आरोपी से बरामद सामान को जब नवादा भगवती मंदिर के सचिव और सदस्यों के समक्ष पहचान कराया गया, तो उन्होंने बिना देर किए कहा हाँ, यह माँ का ही आभूषण है, यह वही घंटी है जो मंदिर के द्वार पर बजती थी। उनकी आँखों में आंसू थे शायद श्रद्धा और पीड़ा दोनों के।

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अब आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि भगवान के घर में हाथ डालने वाली मानसिकता आखिर कहाँ से पनपती है? कहाँ खो गया वह संस्कार, जहाँ मंदिर के सामने से गुजरते हुए लोग सिर झुकाते थे, और अब कोई उसी चौखट पर ताला तोड़ देता है! एसडीपीओ के निर्देश पर चोरी की घटनाओं के उद्भेदन हेतु एक विशेष जांच टीम गठित की गई है जिसमें पुअनि पंकज कुमार, हरिद्वार शर्मा, दीपक कुमार, रंजीत कुमार और अनुराधा कुमारी को शामिल किया गया है। यह टीम मानवीय और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरोह की जड़ों तक पहुँचने में लगी है।

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फिलहाल, पुलिस का मानना है कि गिरोह का सरगना पकड़ा गया तो दोनों मंदिरों से हुई चोरी की पूरी कड़ी खुल जाएगी। लेकिन समाज में सवाल अब भी गूंज रहा है अगर भगवान के घर सुरक्षित नहीं, तो इंसान के घरों का क्या भरोसा? माँ दुर्गा के आंगन में पड़ी धूल अब भी उस अपवित्र रात का साक्षी है। श्रद्धालु जब वहाँ दीप जलाते हैं, तो हर लौ के साथ एक प्रार्थना उठती है माँ, ऐसी मानसिकता को मिटा दो…और हमारे समाज को फिर से भक्ति की राह पर लौटा दो।
