बाइक की चोरी में 24 घंटे में तीन बार शिकयत, फिर भी पुलिस ने नहीं दर्ज की एफआईआर
बाइक की चोरी में 24 घंटे में तीन बार शिकयत, फिर भी पुलिस ने नहीं दर्ज की एफआईआर विश्वविद्यालय थाना में केस दर्ज कराने के लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ते है, इसके बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता। पीड़ित के द्वारा ऐसी शिकयत है......! पढ़े पूरी खबर....
दरभंगा: विश्वविद्यालय थाना में केस दर्ज कराने के लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं, इसके बावजूद एफआईआर नहीं किया जाता। ऐसी शिकायत प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी, सुरज पाण्डेय ने मिथिला जन जन की आवाज समाचार से की हैं। इनकी बाइक 17 जुलाई को रामबाग से चोरी कर ली गई थी। घटना के दिन इन्होंने फ़ोन पर विश्वविद्यालय थाना के एसएचओ को घटना की जानकारी दी। इसके बाद तीन दफा थाने में लिखित शिकयत किया गया, फिर भी थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
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घटना के 24 घंटे के अंतराल में एफआईआर दर्ज नहीं होने के बाद पीड़ित पाण्डेय ने दरभंगा के सिटी एसपी सागर कुमार को व्हाट्सप्प के माध्यम से लिखित आवेदन भेजा हैं, जिसमें लापरवाह विश्वविद्यालय थाना एसएचओ मदन प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए बाइक चोरी का केस दर्ज करने की गुहार लगाई गई है।
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विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के रामबाग में भूतपूर्व आयकर अधिकारी ईश्वर चंद्र झा के मकान में रहने वाले सूरज पाण्डेय की बाइक 17 जुलाई को चोरी हो गई थी। इन्होंने उसी दिन बाइक चोरी के संबंध में विश्वविद्यालय थाना के एसएसओ को मोबाइल पर घटना की जानकारी दी। 17 जुलाई को सूरज पाण्डेय ने अपनी ब्लु और ग्रे कलर यामाहा SZ बाइक बीआर 07X 0218 को किराए के निवास स्थान वाले मकान के बाहर लगाया था। पूजा करने पैदल ही मंदिर गए थे। मंदिर से लौटने के कर्म में भी बाइक अपने झगह पर लगा हुआ पाया। जब वह खाना खा कर वापस अपने बाइक को निवास के अंदर ले जाने के लिए बाहर आये तो देखा की उनका बाइक गायब था।
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तीन बार एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया, हर-बार पुलिस टरकाती रही:
पीड़ित ने मिथिला जन जन की आवाज समाचार के संपादक को फ़ोन पर बताया कि उन्होंने घटना के दिन ही विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष के मोबाइल पर मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद वे तीन बार थाना में गए। लिखित शिकयत कर बाइक चोरी की एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया। किन्तु विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। पाण्डेय ने बताया कि घटना की तारीख को व्हट्सप और मोबाइल पर फोन करने की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी उसके पास मौजूद है।
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उन्होंने पुलिस से घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग की है, इसमें भी पुलिस जरा भी गंभीर नहीं दिखी। आखिर घटना के दिन रात्रि पुलिस ने केवल घटनास्थल का मुआयना कर वापस चलते बने। इधर विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष मदन प्रसाद से जब हमारे संपादक ने फ़ोन पर संपर्क साझा किया तो उन्होंने ने साफ तौर पर इंश्योरेंस फेल होने के कारण एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया। आखिरकार अब देखना दिलचस्प होगा की वरीय अधिकारी इस पर आगे क्या संज्ञान ले रहे हैं।