दरभंगा में लगातार बढ़ता नशा समाज के लिए एक बड़ी चिंता, सामाजिक जागरूकता की जरूरत, नशे के मकड़जाल में फंस रहा युवा वर्ग, बढ़ रहा हत्या और लूट जैसे अपराध
शहर के युवा नशे के मकड़जाल में फंसकर बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। इससे उनकी सेहत तो खराब हो ही रही है। साथ ही उनका सामाजिक स्तर भी गिरता जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर
दरभंगा: शहर के युवा नशे के मकड़जाल में फंसकर बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। इससे उनकी सेहत तो खराब हो ही रही है। साथ ही उनका सामाजिक स्तर भी गिरता जा रहा है। लोगों की मानें तो नशे का सामान मेडिकल स्टोर सहित चाय-पान की दुकानों तक में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। शहर में युवा वर्ग दिन पर दिन नशे के दलदल में फंसता जा रहा है। नशाखोरी की आदत 12 से 20 साल तक के युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है। इससे उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। युवाओं में नशे का चलन दिन पर दिन बढ़ रहा है। मेडिकल स्टोर से नशे की गोली आसानी से मिल जाती हैं, साथ ही कफ सीरप कोरेक्स। इसके कुछ देर बाद ही नशा होना शुरू हो जाता है।
हालांकि कुछ युवा शराब को दावत का अहम हिस्सा मानते हैं और शराब पीकर भी नशे का आनंद लेते हैं। लेकिन शराब पीने वालों से ज्यादा भांग का गोला, चरस, अफीम, स्मैक आदि का इस्तेमाल करते हैं । पिछले एक साल में शहर के कुछ मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाएं मिलने पर कार्रवाई की गई है । युवाओं में नशे की लत से बढ़ रहा अपराध शहर में युवा पीढ़ी के नशे की जद में आने के बाद से अपराध में भी इजाफा हो रहा है। युवा विभिन्न माध्यमों से नशा कर अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं। पिछले 1महीना के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो दरभंगा में चोरी, डकैती, छिनतई से लेकर हत्या तक में युवा अहम रोल में देखे गए हैं। दरभंगा शहर में इन दिनों धडल्ले से नशा कारोबार में लिप्त कारोबारी अपना गोरखधंध फैला रहे हैं।
शहर में गाजा, कफ सिरप का व्यापार बहुत तेजी से पनप रहा है जिस कारण शहर में चोरी, डकैती, लूटपाट आदि करना मानों उनका शौक बन गया हो। इन वारदातों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग आरोपित सामने आया है। नशे की जद में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी हैं जो बड़े स्तर पर नशे की आदी हो चुकी हैं। शहर के बुद्धिजीवियों का कहना है छोटे मोटे कारोबारी को छोड़ जब तक प्रशासन इस धंधे में लिप्त बड़े कारोबारियों पर अंकुश नहीं लगाएगी। तब तक शहर में दिन पर दिन बढ़ रहे टर्किस के नशे से निजात नहीं मिलेगी और इससे शहर में बढ़ रहे अपराध को रोकना प्रशासन के लिए चुनौती बन जाएगा।