दरभंगा में तीसरे पूजा पर फिर मातम एपीएम थाना क्षेत्र में ज्वेलरी व्यवसायी राहुल कुमार की गोली मारकर हत्या, इससे पहले दुर्गा पूजा की निशा पूजा के दिन कांकली मंदिर के पुजारी राजीव कुमार झा की हत्या पर ‘मिथिला जन जन की आवाज’ ने उठाई थी आवाज, अब शहर दहशत और आक्रोश में
दरभंगा की धरती पर एक बार फिर खून की नदी बहा दी गई। जिस शहर की पहचान ज्ञान, संस्कृति, परंपरा और विश्वास से होती है, आज उसी के सीने में गोलियों की गूँज और चीत्कार गूंज रही है। एपीएम थाना क्षेत्र के होली मैरी स्कूल के पास उस वक्त दहशत का साया गहराया जब 25 वर्षीय ज्वेलरी व्यवसायी राहुल कुमार को अपराधियों ने गोली मार दी। स्थानीय लोगों ने घायल अवस्था में उसे तत्काल डीएमसीएच पहुँचाया, मगर वहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पढ़े पुरी खबर.......

दरभंगा की धरती पर एक बार फिर खून की नदी बहा दी गई। जिस शहर की पहचान ज्ञान, संस्कृति, परंपरा और विश्वास से होती है, आज उसी के सीने में गोलियों की गूँज और चीत्कार गूंज रही है। एपीएम थाना क्षेत्र के होली मैरी स्कूल के पास उस वक्त दहशत का साया गहराया जब 25 वर्षीय ज्वेलरी व्यवसायी राहुल कुमार को अपराधियों ने गोली मार दी। स्थानीय लोगों ने घायल अवस्था में उसे तत्काल डीएमसीएच पहुँचाया, मगर वहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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कौन था राहुल कुमार?
राहुल कुमार, लहेरियासराय थाना क्षेत्र के बाकरगंज दारू भट्टी निवासी बबलू साह का पुत्र था। बरह्मेत्रा चौक पर उसकी सोना-चांदी की दुकान थी। वह रोज़ की तरह दुकान बंद कर घर लौट रहा था, तभी अपराधियों ने उसे अपना शिकार बना लिया। पुलिस ने मौके से चार खोखे बरामद किए, पर खोखों से ज्यादा बड़ा सवाल यह है कि दरभंगा में इंसान की जान अब खोखले वादों पर क्यों निर्भर हो गई है?
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19 दिसंबर 2024 की गूंज: यह घटना वैसी ही दर्दनाक यादें ताज़ा कर देती है, जब 19 दिसंबर 2024 को रामबाग कांकली मंदिर में दुर्गा पूजा की निशा पूजा के दिन पुजारी राजीव कुमार झा की निर्मम हत्या कर दी गई थी। आज फिर तीसरे पूजा के दिन खून की यह नई इबारत लिखी गई है। क्या यह संयोग है या दरभंगा के माथे पर लिखी नियति? एक तरफ माँ दुर्गा की आराधना, दूसरी ओर गोलियों की गड़गड़ाहट यह विरोधाभास ही मिथिला के घावों को और गहरा कर देता है।
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शहर में सनसनी और व्यापारी वर्ग में भय: राहुल कुमार ज्वेलरी व्यवसाय से जुड़े थे। उनकी हत्या ने पूरे व्यापारी वर्ग को दहशत में धकेल दिया है। लोग पूछ रहे हैं अगर सोना-चांदी बेचने वाला व्यापारी भी सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी की सुरक्षा किसके भरोसे? बच्चों के स्कूल के पास अगर अपराधी गोलियाँ बरसा दें तो यह शहर किस दिशा में जा रहा है?
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प्रशासन कटघरे में: पुलिस ने हमेशा की तरह “जांच जारी है” कहकर जिम्मेदारी पूरी कर दी। लेकिन शहर जानता है कि जांच और कार्रवाई के बीच अपराधी अक्सर राजनीतिक संरक्षण और पुलिस की ढिलाई की दीवारों के पीछे छिप जाते हैं। सवाल यह है कि दरभंगा जैसे बड़े और ऐतिहासिक शहर में अपराधियों का मनोबल इतना ऊँचा क्यों है? क्या पुलिस सिर्फ़ एफआईआर और प्रेस रिलीज़ तक सीमित रह गई है?
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तीसरे पूजा पर मातम का साया: आज शहर में पूजा का तीसरा दिन था। जहाँ मंदिरों में घंटी और शंख बजने चाहिए थे, वहाँ मातम और आक्रोश की गूंज सुनाई दे रही है। मिथिला जन जन की आवाज ने पहले भी चेताया था कि अपराध की इस बढ़ती श्रृंखला को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। लेकिन आज एक और परिवार उजड़ गया, एक और माँ का लाल छीन लिया गया, एक और पिता का सहारा छिन गया।
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समाज की चुप्पी और प्रशासन की सुस्ती: दरभंगा के लोग अब सवाल कर रहे हैं क्यों हम हर घटना के बाद कुछ दिन चर्चा करके चुप हो जाते हैं? क्यों व्यापारी वर्ग सड़क पर उतरकर एकजुटता नहीं दिखा पाता? क्यों प्रशासन हर बार आश्वासन देकर हमें घर बैठा देता है?
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राहुल की हत्या एक चेतावनी: यह सिर्फ़ एक युवक की हत्या नहीं है, यह पूरे शहर को दी गई चेतावनी है। यह संदेश है कि अपराधियों का राज चल रहा है, और आम जनता सिर्फ़ दर्शक बन चुकी है। दरभंगा को अब तय करना होगा क्या यह शहर माँ दुर्गा की भक्ति और विद्या की नगरी बना रहेगा, या फिर गोलियों की आवाज़ और अपराधियों की दहशत से पहचाना जाएगा?
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आज राहुल कुमार की हत्या ने पूरे मिथिला को झकझोर दिया है। कांकली मंदिर के पुजारी की हत्या से लेकर ज्वेलरी व्यवसायी तक का सफ़र यह बताता है कि अपराध अब किसी एक तबके तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे समाज को निगलने की तैयारी कर रहा है। ‘मिथिला जन जन की आवाज’ इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट और प्रशासन की जिम्मेदारी को सवालों के कठघरे में खड़ा करता रहेगा।